रांची में दो दिन तक पानी की किल्लत, रूक्का प्लांट में चल रहा साफ-सफाई का काम
रांची में आगामी दो दिनों तक पानी की किल्लत रहेगी। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने सिरमटोली फ्लाईओवर परियोजना के तहत पाइपलाइन शिफ्टिंग और रूक्का प्लांट में ...और पढ़ें

पानी की सप्लाई रहेगी बाधित। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, रांची। शहरवासियों को आगामी दो दिनों तक पानी की भारी किल्लत का सामना करना पड़ सकता है। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा लिए गए शटडाउन के कारण शुक्रवार और शनिवार को रूक्का प्लांट से शहर में होने वाली जलापूर्ति पूरी तरह से बाधित रहेगी।
ठंड के मौसम में जलापूर्ति रुकने से लोगों की परेशानियां और बढ़ सकती हैं। शहर की करीब 8 लाख से अधिक आबादी शहरी जलापूर्ति व्यवस्था पर निर्भर है। जलापूर्ति बाधित रहने से रातू रोड, जिला स्कूल, बरियातू, हरमू, डोरंडा, नामकुम, लोहाडीह, कांटाटोली, बूटी मोड़, कडरू, पिस्का मोड़, हेहल, पुंदाग, अपर बाजार, डेली मार्केट, मेन रोड, चर्च रोड, थडपखना, टैगर हिल रोड और चिरौंदी जैसे प्रमुख इलाकों में पानी नहीं पहुंच पाएगा।
इसके अलावा कई स्कूल, कॉलेज, रेलवे स्टेशन और आर्मी कैंप भी इस शटडाउन से प्रभावित होंगे। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता चंद्रशेखर कुमार ने बताया कि सिरमटोली चौक से राजेंद्र चौक, मेकान और गोलचक्कर तक लगभग 2.34 किलोमीटर लंबी चार लेन फ्लाईओवर परियोजना से जुड़े जलापूर्ति कार्य के तहत पाइपलाइन शिफ्टिंग का काम किया जाना है। इसी कारण विभाग ने दो दिनों का शटडाउन लिया है।
उन्होंने यह भी बताया कि शटडाउन के दौरान रूक्का प्लांट में साफ-सफाई का कार्य किया जाएगा, साथ ही राइजिंग लाइन की मरम्मत भी की जाएगी, ताकि भविष्य में जलापूर्ति व्यवस्था को और बेहतर बनाया जा सके। विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे पहले से पानी का भंडारण कर लें और पानी का उपयोग सोच-समझकर करें, जिससे असुविधा को कम किया जा सके।
पाठकनामा: शहरों पर दिनों दिन बढ़ रहा आबादी व यातायात का बोझ
झारखंड समेत पूरे देश की ग्रामीण जनता बड़ी तेजी से शहरों की ओर पलायन कर रही है। इस कारण झारखंड समेत देश के अधिकांश शहर बेतरतीब तरीके से बसते जा रहे हैं। इस कारण नदी, तालाबों, गैर मजरुआ जमीनों, पार्कों, खुली जगहों व फुटपाथों का अतिक्रमण हो रहा है।
ऐसे में शहरों में आवास, सड़क, सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, बिजली-पानी और जल निकासी जैसी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। साथ ही यातायात व्यवसथा चरमराने लगी है। शहर के बाजार क्षेत्रों में अब चलना तक मुश्किल हो गया है। ऐसे में बुजुर्गों,महिलाओं व बच्चों को साथ लेकर बाजार जाना एक चुनौती का सामना करने से कम नही है।
इन समस्याओं का त्वरित समाधान जरूरी है। नगर निकाय और सरकार मिलकर शहरों की बुनियादी समस्याओं को दूर कर दें तो शहरों के लोग उसे खुद ही स्मार्ट बना लेंगे। -अरविंद कुमार , मेदिनीनगर, पलामू

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