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    रांची में प्री-SIR की शुरुआत: बीएलओ घर-घर जाकर एकत्र कर रहे दस्तावेज, श्रेणी A से E तक मतदाताओं का वर्गीकरण

    Updated: Wed, 31 Dec 2025 02:00 AM (IST)

    रांची जिले में प्री-एसआईआर प्रक्रिया शुरू हो गई है, जिसमें बीएलओ घर-घर जाकर मतदाताओं से दस्तावेज एकत्र कर रहे हैं। इसका उद्देश्य मतदाता सूची को अद्यतन ...और पढ़ें

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    सांकेतिक तस्वीर

    शक्ति सिंह, रांची। रांची जिले में प्री-एसआईआर (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके तहत बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) घर-घर जाकर मतदाताओं से संपर्क कर रहे हैं और उनकी श्रेणी के अनुसार आवश्यक दस्तावेज एकत्र कर रहे हैं। इस पहल का उद्देश्य मतदाता सूची को अद्यतन, शुद्ध और त्रुटिरहित बनाना है।

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    जिले की विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में मैपिंग का कार्य जारी है। निर्वाचन कार्यालय द्वारा मतदाताओं को जन्म तिथि, जन्म स्थान और नागरिकता के आधार पर श्रेणी-ए से श्रेणी-ई तक वर्गीकृत किया गया है। इसी वर्गीकरण के अनुसार बीएलओ मतदाताओं से संबंधित दस्तावेजों की जानकारी ले रहे हैं।

    निर्वाचन कार्यालय ने स्पष्ट किया है कि प्री-एसआईआर के दौरान मतदाताओं पर किसी प्रकार का दबाव नहीं है और न ही दस्तावेज जमा करना अनिवार्य किया गया है। हालांकि, राज्य में जब औपचारिक रूप से एसआइआर की प्रक्रिया लागू होगी, तब मतदाताओं को दस्तावेज उपलब्ध कराने में किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए यह पूर्व तैयारी की जा रही है।

    फिलहाल बीएलओ अपने स्तर पर तैयारी और जानकारी संकलन का कार्य कर रहे हैं। इस चरण में आम मतदाताओं को किसी तरह की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।

    श्रेणी ए से अतिरिक्त दस्तावेज की नहीं होगी मांग

    जिन मतदाताओं का नाम 2003 की मतदाता सूची में दर्ज है, उन्हें श्रेणी-ए में रखा गया है। ऐसे मतदाताओं से किसी अतिरिक्त दस्तावेज की मांग नहीं की जा रही है, केवल 2003 की मतदाता सूची के प्रासंगिक अंश का सत्यापन किया जा रहा है।

    श्रेणी बी के मतदाता को देना होगा संबंधित प्रमाण पत्र

    वहीं, जिन मतदाताओं का नाम 2003 की मतदाता सूची में नहीं है और जिनका जन्म 1 जुलाई 1987 से पहले भारत में हुआ है, उन्हें श्रेणी-बी में रखा गया है। ऐसे मतदाताओं को अपनी जन्म तिथि या जन्म स्थान प्रमाणित करने से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराने होंगे।

    1987 से 2004 के बीच भारत में जन्मे मतदाता होंगे श्रेणी-सी में

    1 जुलाई 1987 से 2 दिसंबर 2004 के बीच भारत में जन्मे मतदाता श्रेणी-सी में शामिल हैं। इन मतदाताओं को स्वयं या माता-पिता में से किसी एक के दस्तावेज जमा करने होंगे। यदि माता या पिता का नाम 2003 की मतदाता सूची में दर्ज है, तो केवल उसी सूची के प्रासंगिक भाग को संलग्न करना पर्याप्त होगा।

    दिसंबर 2004 के बाद भारत में जन्मे मतदाताओं को रखा गया है श्रेणी-डी

    2 दिसंबर 2004 के बाद भारत में जन्मे मतदाताओं को श्रेणी-डी में रखा गया है। ऐसे मामलों में मतदाता के साथ-साथ माता और पिता दोनों के दस्तावेज अनिवार्य किए गए हैं। यदि माता-पिता में से कोई भारतीय नागरिक नहीं है, तो उनके वैध पासपोर्ट और वीजा की प्रति भी उपलब्ध करानी होगी।

    भारत के बाहर जन्मे श्रेणी ई के दायरे में होंगे

    भारत के बाहर जन्मे और पंजीकरण या देशीयकरण के माध्यम से भारतीय नागरिकता प्राप्त करने वाले मतदाता श्रेणी-ई में शामिल हैं। ऐसे मतदाताओं को भारतीय मिशन द्वारा जारी जन्म पंजीकरण प्रमाण पत्र या नागरिकता पंजीकरण प्रमाण पत्र संलग्न करना होगा।

    यह 11 दस्तावेज होंगे मान्य

    सरकारी पहचान पत्र

    केंद्र सरकार, राज्य सरकार या सरकारी संस्थान में काम करने वाले कर्मचारी या पेंशन पाने वालों का पहचान पत्र / पेंशन आदेश।

    पुराने पहचान पत्र (01 जुलाई 1987 से पहले के)

    01.07.1987 से पहले भारत में सरकार, स्थानीय निकाय, बैंक, डाकघर, एलआइसी या सरकारी कंपनी द्वारा जारी कोई भी पहचान पत्र या दस्तावेज।

    जन्म प्रमाण पत्र

    सक्षम अधिकारी द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र।

    पासपोर्ट

    भारत सरकार द्वारा जारी पासपोर्ट।

    शैक्षणिक प्रमाण पत्र

    मान्यता प्राप्त बोर्ड या विश्वविद्यालय से जारी मैट्रिक (10वीं) या अन्य शैक्षणिक प्रमाण पत्र।

    स्थायी निवास प्रमाण पत्र

    सक्षम राज्य अधिकारी द्वारा जारी निवास प्रमाण पत्र।

    वन अधिकार प्रमाण पत्र

    वन अधिकार कानून के तहत मिला प्रमाण पत्र।

    जाति प्रमाण पत्र

    ओबीसी /एससी / एसटी वर्ग का सक्षम अधिकारी द्वारा जारी जाति प्रमाण पत्र।

    राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी)

    जहां भी लागू है, वहां का एनआरसी रिकार्ड।

    परिवार रजिस्टर

    राज्य या स्थानीय प्रशासन द्वारा तैयार किया गया परिवार रजिस्टर।

    भूमि या मकान आवंटन प्रमाण पत्र

    सरकार द्वारा दिया गया जमीन या मकान का आवंटन पत्र।

    ऐसे जाने मतदाताओं का नाम 2003 की मतदाता सूची में दर्ज

    2003 में मतदाता सूची में दर्ज नाम जानने के लिए मतदाता को वोटर्स डाट ईसीआइ डाट जीओवी डाट इन की वेबसाइट पर जाएं। पेज खुलने पर मतदाता को सर्च योर नेम पद लास्ट एसईआर ई रोल पर क्लिक करना होगा। क्लिक करते ही एक और पेज खुलेगा। पेज में मतदाता को राज्य, जिला, विधानसभा और अपना पूरा नाम के कॉलम को भरना होगा। इसके बाद कैप्चा को भरते ही ओके पर इंटर करते ही मतदाता के नाम से जुड़े कई नाम खुल जाएंगे, जो उस सबंधित बूथ पर होंगे।

    उसमें अपना पिता का नाम से मिलान करने के बाद मतदाता को अपने बूथ संख्या और पार्ट सीरियल नंबर को नोट कर लें। इसी पेज में सर्च इन लास्ट एसइआर ई रोल पर क्लिक करें। क्लिक करते ही एक और नया पेज खुलेगा। संबंधित पेज में इलेक्ट्रोल रोल टाइप, जिला, विधानसभा क्षेत्र, बूथ संख्या को भरने के बाद आपके बूथ में उपलब्ध मतदाताओं की सूची डाउनलोड हो जाएगी, जिसके आधार पर मतदाता अपना दस्तावेज दे सकते हैं।

    2003 की मतदाता सूची में नाम दर्ज है या नहीं, ऐसे करें जांच

    यदि कोई मतदाता यह जानना चाहता है कि उसका नाम वर्ष 2003 की मतदाता सूची में दर्ज है या नहीं, तो इसके लिए भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआइ) की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध सुविधा का उपयोग किया जा सकता है।

    • सबसे पहले मतदाता वोटर्स डाट इसीआइ डाट जीओवी डाट इन वेबसाइट पर जाएं।
    • वेबसाइट खुलने के बाद “सर्च योर नेम इन लास्ट इलेक्टोरल रोल” विकल्प पर क्लिक करें।
    • क्लिक करते ही एक नया पेज खुलेगा। यहां मतदाता को राज्य, जिला, विधानसभा क्षेत्र और अपना पूरा नाम भरना होगा।
    • इसके बाद कैप्चा भरकर ओके / सर्च पर क्लिक करें।
    • ऐसा करते ही संबंधित बूथ के सभी मतदाताओं के नाम दिखाई देंगे।
    • सूची में अपने पिता के नाम का मिलान कर अपना नाम पहचानें और बूथ संख्या तथा पार्ट सीरियल नंबर नोट कर लें।
    • इसके बाद उसी पेज पर दिए गए “सर्च इन लास्ट फाइनल इलेक्टोरल रोल” विकल्प पर क्लिक करें।
    • अब एक नया पेज खुलेगा, जिसमें इलेक्टोरल रोल टाइप, जिला, विधानसभा क्षेत्र और बूथ संख्या भरनी होगी।
    • सभी विवरण भरने के बाद संबंधित बूथ की मतदाता सूची डाउनलोड हो जाएगी।

    इस डाउनलोड की गई सूची के आधार पर मतदाता यह प्रमाणित कर सकता है कि उसका नाम वर्ष 2003 की मतदाता सूची में दर्ज है और आवश्यकतानुसार इसे दस्तावेज के रूप में प्रस्तुत कर सकता है।