RIMS Ranchi में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति को मिली मंजूरी, अस्पताल की व्यवस्था सुधारने पर जोर
रांची रिम्स शासी परिषद की बैठक में मरीजों को बेहतर इलाज देने हेतु कई अहम फैसले लिए गए। ट्रामा सेंटर को आधुनिक बनाने नए वेंटिलेटर और एमआरआई मशीन खरीदने की स्वीकृति दी गई। पेयजल और स्वच्छता पर कड़े निर्देश दिए गए और बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य की गई। चिकित्सा पदों पर नियुक्ति के लिए एडवाइजरी बोर्ड का गठन किया गया।

जागरण संवाददाता, रांची। रिम्स शासी परिषद की हाल ही में हुई शासी परिषद की 61वीं बैठक में संस्थान की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने और मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए कई बड़े फैसले लिए गए। बैठक की कार्यवाही को लेकर रिम्स प्रबंधन ने विभाग को विस्तृत रिपोर्ट भेजी है। इसमें संस्थान की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने, मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने और चिकित्सा शिक्षा को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए।
बैठक का सबसे अहम फैसला ट्रामा सेंटर और सेंट्रल इमरजेंसी को आधुनिक बनाने का रहा। 78 बेड वाले ट्रामा सेंटर को तत्काल वेंटिलेटर युक्त बेड में बदलने का निर्णय लिया गया। साथ ही 100 नए वेंटिलेटर खरीदने की स्वीकृति भी दी गई।
साथ ही एक और एमआरआई मशीन की खरीदारी पर स्वीकृति रिपोर्ट विभाग को भेजी गई है। मालूम हो कि नौ अक्टूबर को अगली जीबी की बैठक होनी है और अभी तक अंतिम बैठक के निर्णयों पर अमल नहीं हो पाया है।
पेयजल और स्वच्छता पर कड़ा निर्देश:
शासी परिषद ने माना कि रिम्स परिसर में पेयजल और स्वच्छता की समस्या गंभीर है। इसके समाधान के लिए दैनिक आधार पर साफ-सफाई और पेयजल आपूर्ति की मॉनिटरिंग का निर्देश दिया गया है। अब स्वच्छता और पेयजल व्यवस्था की मासिक रिपोर्ट रिम्स निदेशक को सौंपी जाएगी।
अस्पताल में चिकित्सकों और कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए बायोमेट्रिक अटेंडेंस डिवाइस लागू करने पर सहमति बनी। अब सभी कर्मियों की उपस्थिति बायोमेट्रिक प्रणाली से दर्ज होगी।
चिकित्सा पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया:
बैठक में चिकित्सा संवर्ग के रिक्त पदों को भरने की दिशा में अहम निर्णय लिए गए। असिस्टेंट प्रोफेसर के रिक्त पदों पर शीघ्र साक्षात्कार आयोजित कर नियुक्ति की स्वीकृति दी गई। वरिष्ठ पदों की समीक्षा होगी, इसमें प्राध्यापक, अपर प्राध्यापक और सह-प्राध्यापक की नियुक्ति के लिए एक चार सदस्यीय समिति गठित की गई।
इसमें रांची विश्वविद्यालय के कुलपति, एम्स देवघर के निदेशक, रिम्स के डीन और डॉ. राजीव मिश्रा (विभागाध्यक्ष, शिशु रोग विभाग) शामिल होंगे।
एडवाइजरी बोर्ड का गठन:
रिम्स को देश की नामी चिकित्सा संस्थाओं के बराबरी पर लाने के लिए एक एडवाइजरी बोर्ड बनाने का निर्णय लिया गया। यह बोर्ड सुधार और नीतिगत सुझाव देगा और संस्थान की गुणवत्ता में वृद्धि के लिए काम करेगा। बैठक में उच्च न्यायालय द्वारा गठित अधिवक्ताओं की समिति की रिपोर्ट पर चर्चा की गई।
परिषद ने तय किया कि सभी निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाएगा। साथ ही प्रबंधन और जिला प्रशासन को मिलकर जरूरी कार्रवाई करने को कहा गया।
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