Jharkhand Liquor Policy: झारखंड में शराब ठेकों को लेकर बदल गए नियम, दुकानदारों को अब करना होगा ये काम
राज्य की सभी शराब दुकानों का ऑडिट होगा। पूर्वी सिंहभूम में यह प्रक्रिया पहले ही पूरी हो चुकी है। एक जुलाई से खुदरा दुकानों के कर्मी उत्पाद विभाग के अधीन होंगे। विभाग स्टॉक का मिलान करेगा जिससे शराब घोटाले की जानकारी मिल सके। यह कार्रवाई एक सप्ताह में पूरी होगी।

राज्य ब्यूरो, रांची। राज्य की हर शराब दुकान के ऑडिट के साथ हैंडओवर-टेकओवर की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। पूर्वी सिंहभूम जिले में यह प्रक्रिया एक माह पहले पूरी हो चुकी है। पूर्वी सिंहभूम जिले को छोड़ सभी 23 जिलों में 30 जून तक खुदरा शराब दुकानों में मैनपावर उपलब्ध कराने का जिम्मा प्लेसमेंट एजेंसियों के पास है। एक जुलाई से पूरे राज्य की खुदरा दुकानों के कर्मी सीधे उत्पाद विभाग के अधीन आ जाएंगे।
उत्पाद विभाग इनके मानदेय का भुगतान करेगा। इसके लिए संबंधित जिले के सहायक उत्पाद आयुक्त और उत्पाद अधीक्षक इनके सीधे नियंत्रण पदाधिकारी होंगे, जो प्रतिदिन की बिक्री और जमा का हिसाब रखेंगे। अब वे संबंधित जिलों के प्लेसमेंट एजेंसी की भूमिका में होंगे। पूर्वी सिंहभूम जिले में यह प्रक्रिया एक माह पहले पूरी हो चुकी है। वहां एक जून से सभी खुदरा दुकान के कर्मी उत्पाद विभाग के अधीन काम कर रहे हैं।
उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग की ओर से सभी जिलों के सहायक उत्पाद आयुक्त और उत्पाद अधीक्षक को निर्देश दिया गया है कि प्लेसमेंट एजेंसियों से शराब की दुकानों और स्टॉक को हैंडओवर-टेकओवर करने की कार्रवाई सही तरीके से करें। स्टॉक का मिलान करें।
इस कार्रवाई से यह स्पष्ट हो जाएगा कि किस पर कितना बकाया है। कितनी शराब बिकी, कितनी स्टॉक में है, शराब की बिक्री से कितना पैसा विभाग के खाते में जमा हुआ। इससे शराब घोटाले की ताजा जानकारी सामने आ सकेगी। हैंडओवर-टेकओवर की यह कार्रवाई एक जुलाई से एक सप्ताह के अंदर पूरी करने की योजना है।
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