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    बारिश-बाढ़ को देखते हुए मंत्री इरफान अंसारी का निर्देश, 24 घंटे अलर्ट मोड रहें सारे डीसी और एसपी

    Updated: Sun, 29 Jun 2025 06:25 PM (IST)

    झारखंड में भारी बारिश और बाढ़ से हालात खराब हैं। सरकार राहत कार्य में जुटी है। आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने सभी अधिकारियों को 24 घंटे अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है। प्रभावित जिलों में राहत राशि का वितरण तेज कर दिया गया है। रेड अलर्ट वाले क्षेत्रों में स्कूल बंद करने की सलाह दी गई है।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)

    राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड में लगातार मूसलधार बारिश और बाढ़ जैसी स्थिति ने जनजीवन को प्रभावित किया है। इस आपदा की घड़ी में झारखंड सरकार ने संवेदनशील और सक्रिय रुख अपनाते हुए राहत कार्यों को प्राथमिकता दी है।

    आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सतत मॉनिटरिंग और त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

    मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने सभी उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों और संबंधित विभागों को 24 घंटे अलर्ट मोड पर रहने का निर्देश दिया है।

    उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में मंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि प्रत्येक जिले में नुकसान का त्वरित आकलन हो और मुआवजा वितरण में कोई देरी न हो। उन्होंने कहा कि हर प्रभावित व्यक्ति तक राहत समय पर पहुंचे, यह हमारी मानवीय जिम्मेदारी है।

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    सरकार ने प्रभावित जिलों में राहत राशि वितरण को तेज किया है। रेड अलर्ट वाले क्षेत्रों में स्कूल बंद करने की अनुशंसा की गई है, ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित हो।

    जलभराव, विद्युत दुर्घटनाओं और स्वास्थ्य संकटों से निपटने के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। मीडिया, जनप्रतिनिधियों और पंचायत स्तर पर एडवाइजरी का व्यापक प्रचार किया जा रहा है, ताकि जनता को सही जानकारी और सहायता मिले।

    मंत्री ने स्वयं प्रक्रिया की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी ली है, यह सुनिश्चित करते हुए कि कोई भी पीड़ित परिवार राहत से वंचित न रहे।

    सरकार का संदेश: जनता के साथ

    डॉ. इरफान अंसारी ने जनता को भरोसा दिलाया कि सरकार हर परिस्थिति में उनके साथ है। उन्होंने कहा कि संयम और सतर्कता बनाए रखें। जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती, आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह सक्रिय रहेगा।

    केंद्र सरकार के सहयोग से राहत और बचाव कार्यों को और मजबूती मिल रही है, जैसा कि हाल के बाढ़ प्रबंधन कार्यक्रमों में देखा गया। सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया कि सीमावर्ती क्षेत्रों में बाढ़ नियंत्रण और कटाव-रोधी कार्यों को प्राथमिकता दी जाए।