Jharkhand News: विश्वविद्यालयों के कुलपतियों पर भड़के राज्यपाल, समय पर रिजल्ट देने के साथ ही दिए कई सख्त निर्देश
राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने विश्वविद्यालयों को परीक्षा परिणाम एक माह में जारी करने का निर्देश दिया है। उन्होंने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस और वित्तीय अनुशासन पर जोर दिया। राज्यपाल ने सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) कम होने पर चिंता जताई और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को समय पर पेंशन देने का आदेश दिया। उन्होंने रिक्त पदों को भरने और जर्जर भवनों के उपयोग से बचने के भी निर्देश दिए।

राज्य ब्यूरो, रांची। राज्यपाल सह कुलाधिपति संतोष कुमार गंगवार ने कहा है कि विश्वविद्यालयों में परीक्षा के एक माह के भीतर रिजल्ट जारी कर दिया जाए। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। राज्यपाल ने सोमवार को राजभवन में आयोजित समीक्षा बैठक में कुलपतियों को इस संबंध में सख्त निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, समय पर परीक्षा, रिजल्ट प्रकाशन और शैक्षणिक कैलेंडर का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करना होगा। उन्होंने कहा कि कुछ शिक्षकों द्वारा कक्षाएं नहीं लेने की शिकायत मिली है, जो गंभीर मामला है। सभी शिक्षक नियमित रूप से कक्षाएं लें। कुलपति स्वयं भी कक्षाएं लेकर शिक्षकों को प्रेरित करें।
राज्यपाल ने बैठक में कहा कि विश्वविद्यालयों में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को सख्ती से लागू किया जाएगा। वित्तीय अनुशासन, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सभी विश्वविद्यालय समय पर वित्तीय अंकेक्षण कराकर उसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करें। कुलपति हर हाल में खरीद-बिक्री और प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता सुनिश्चित करें। बैठक में यह भी बात सामने आई कि कुछ स्थानों पर कॉलेज तो हैं, लेकिन
छात्र प्रवेश नहीं ले रहे हैं। इस पर राज्यपाल ने निर्देश दिया कि कुलपति स्वयं वहाँ जाएँ और नामांकन का माहौल बनाएँ। इसमें जनप्रतिनिधियों का भी सहयोग लें। उन्होंने राज्य में उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) कम होने पर चिंता व्यक्त की।
उन्होंने कहा कि जीईआर राष्ट्रीय औसत से 10 प्रतिशत कम होना चिंता का विषय है। बैठक में राज्यपाल ने सेवानिवृत्त शिक्षकों और कर्मचारियों को हर महीने की पाँच तारीख तक पेंशन प्रदान करने के निर्देश दिए। उन्होंने विश्वविद्यालयों से रैंकिंग सुधारने के लिए ठोस प्रयास करने का आह्वान किया।
उन्होंने कौशल विकास, बेहतर इंटर्नशिप और उद्योगों के साथ साझेदारी बढ़ाने की भी आवश्यकता जताई। उन्होंने ऑनलाइन फीडबैक प्रणाली लागू करके छात्रों से नियमित फीडबैक लेने की भी बात कही।
रिक्त पदों को भरने में सरकार तेजी लाए
राज्यपाल ने राज्य सरकार को विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के रिक्त पदों को शीघ्र भरने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बैठक में यह जानकारी दी। उन्होंने यह भी कहा कि आवश्यकता के आधार पर शिक्षकों का स्थानांतरण न किया जाए। जो जहाँ नियुक्त हैं, वहीं रहेंगे।
विश्वविद्यालयों में 'एक व्यक्ति-एक पद' लागू किया जाए
राज्यपाल ने कहा कि 'एक व्यक्ति-एक पद' का सिद्धांत सभी विश्वविद्यालयों में हर हाल में लागू किया जाना चाहिए। उन्हें शिकायतें मिली हैं कि विश्वविद्यालयों में एक ही व्यक्ति को कई पदों की ज़िम्मेदारी दी गई है।
अधिवक्ता दशकों से मुक़दमे दबाए बैठे हैं, उन्हें बदलें
राज्यपाल ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि विश्वविद्यालय से संबंधित मामला दशकों से अदालत में लंबित है और अधिवक्ता मुक़दमे दबाए बैठे हैं। उन्होंने कहा कि लंबित न्यायिक मामलों के त्वरित समाधान के लिए निष्क्रिय अधिवक्ताओं को बदला जाना चाहिए।
राज्यपाल ने सभी विश्वविद्यालयों से अपेक्षा की कि उनके पास एक स्पष्ट विज़न डॉक्यूमेंट और मास्टर प्लान होना चाहिए। उन्होंने कुलपतियों से दूरदर्शिता, सक्रियता और विवेकपूर्ण निर्णयों के माध्यम से झारखंड की उच्च शिक्षा प्रणाली को राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विकसित करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि लगभग तीन महीने बाद वे पुनः एक बैठक करेंगे, जिसमें निर्देशों के अनुपालन की समीक्षा की जाएगी। जब भी उनकी सहायता की आवश्यकता हो, कुलपति उनसे कभी भी संपर्क कर सकते हैं।
जर्जर भवनों के उपयोग से बचने के निर्देश
राज्यपाल ने बैठक में यह भी कहा कि विश्वविद्यालय को जर्जर भवनों के उपयोग से बचना चाहिए ताकि कोई दुर्घटना न हो। छात्रों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। उन्होंने निर्माणाधीन भवनों की निगरानी के लिए एक समिति बनाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जर्जर भवनों के पुनर्निर्माण के लिए उच्च शिक्षा विभाग को प्रस्ताव दिए जाएँ।
राज्यपाल के अन्य निर्देश
- विश्वविद्यालयों में प्लेसमेंट सेल को औपचारिकता तक सीमित न रखा जाए, बल्कि प्रभावी बनाया जाए।
- छात्रावासों, पुस्तकालयों, प्रयोगशालाओं आदि को सुदृढ़ करने के साथ-साथ सीसीटीवी निगरानी, सुरक्षा गार्ड और एंटी-रैगिंग सेल को सक्रिय किया जाए। खराब सीसीटीवी कैमरों को बदला जाए।
- मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना के क्रियान्वयन में कोई ढिलाई न बरती जाए। पात्र छात्रों को इस छात्रवृत्ति योजना का लाभ मिले।
- यदि छात्र स्व-वित्तपोषित पाठ्यक्रमों में रुचि नहीं रखते हैं, तो उन्हें बंद कर दें।
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