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    झारखंड के इस रेंजर को न समझें मामूली, बड़े-बड़े अफसरों की करा रहा ट्रांसफर-पोस्टिंग; IAS बहनोई की दिखाता है हनक

    Updated: Mon, 30 Jun 2025 09:48 PM (IST)

    रांची वन विभाग में एक रेंजर पर उच्च अधिकारियों के तबादलों में हस्तक्षेप करने का आरोप है। शिकायतकर्ता ने कॉल रिकॉर्डिंग और अन्य सबूत पेश किए हैं जिसके आधार पर पुलिस मुख्यालय ने जांच शुरू कर दी है। रेंजर पर एक आईएएस अधिकारी का रिश्तेदार होने का भी आरोप है जिसके चलते वह विभाग में मनमानी कर रहा है।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)

    आशीष झा, रांची। वन विभाग में एक मामूली रेंजर की पहुंच इतनी ऊपर तक है कि वह अपने ही विभाग के शीर्ष अधिकारियों तक की ट्रांसफर-पोस्टिंग करा लेता है।

    इसकी शिकायत वरीय अधिकारियों से भी की गई है और सभी अधिकारियों को कॉल रिकार्डिंग से लेकर तमाम प्रमाण दिए गए हैं।

    शिकायतकर्ता शुत्रुघ्न कुमार के आरोपों के आधार पर पुलिस मुख्यालय ने जांच भी शुरू करा दी है। सूत्रों के अनुसार आईजी मुख्यालय को जांच का जिम्मा मिला है। अभी तक की जांच से आरोप प्रमाणित हो रहे हैं।

    वन विभाग में इस शिकायत के बाद से खलबली मची हुई है। रेंजर एक शीर्ष अधिकारी (आईएएस) का रिश्तेदार होने के कारण विभाग के अंदर तमाम गलत कार्यों को अंजाम देने में सफल हो रहा है।

    झारखंड के सिमडेगा में पदस्थापित इस रेंजर की हनक इतनी है कि वह तय करता है कि किस अधिकारी की पोस्टिंग कहां होगी और उसके यहां से निकले नामों को उच्चस्तर पर भी स्वीकृति मिल जाती है।

    एक वरीय अधिकारी ने इन आरोपों के संदर्भ में बताया कि वह कई बार मुख्यालय के वरीयतम अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग में हस्तक्षेप करने में सफल होता है। कुछ महीनों पूर्व उसके बहनोई प्रोन्नत होकर आईएएस बने हैं और इसी रुतबे का फायदा उसे मिल रहा है।

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    सौंपी गई ऑडियो क्लिप

    शिकायत के साथ सौंपी गई ऑडियो क्लिप में स्पष्ट तौर पर सुनाई पड़ रहा है कि वह तमाम इलाकों के लिए अधिकारियों की सूची तैयार कर रहा है। बाद में उन्हीं जगहों पर संबंधित अधिकारियों की पोस्टिंग भी हुई। अधिसूचना भी जारी हुई। अब तमाम आरोपों की जांच शुरू हो गई है।

    आरोपों के अनुसार एसीसीएफ स्तर के अधिकारियों की पोस्टिंग में भी उसका हस्तक्षेप होता है। ऑडियो में राज्य के आईएफएस अधिकारियों की सूची बनाई जा रही है और कुछ दिनों में बाद इसी सूची के अनुरूप पोस्टिंग का प्रमाण भी मिलता है।

    2020 से 2024 तक हुआ है गोलमाल

    शिकायर्ता के अनुसार तमाम गड़बड़ियां जून 2020 से अक्टूबर 2024 के बीच हुई हैं। इस दौरान हुए तबादलों में उसकी खूब चली है। इससे संबंधित कई ऑडियो, अवैध लेनदेन और हेराफेरी से संबंधित दस्तावेज, मोबाइल का स्क्रीनशॉट आदि साक्ष्य के तौर पर जमा कराया गया है।

    ऑडियो में राज्य के कई आईएफएस अधिकारियों की पोस्टिंग कहां होनी है और कब किया जाना है, इसका पूरा विवरण है।