ED की 734 करोड़ के GST घोटाले में बड़ी कार्रवाई, अमित गुप्ता की 15.41 करोड़ की संपत्तियां जब्त
रांची में ईडी ने जीएसटी घोटाले के मास्टरमाइंड अमित गुप्ता की 15.41 करोड़ की संपत्ति जब्त की है। अमित गुप्ता पर 734 करोड़ रुपये के जीएसटी घोटाले में शामिल होने का आरोप है। जांच में पता चला कि गुप्ता और उसके गिरोह ने 135 फर्जी कंपनियां बनाकर फर्जी बिलिंग के जरिए जीएसटी का घोटाला किया था। इस घोटाले में सिंडिकेट को 67 करोड़ रुपये का कमीशन मिला था।

राज्य ब्यूरो, रांची। ईडी ने 734 करोड़ रुपये के जीएसटी घोटाले में मास्टरमाइंड कोलकाता के कारोबारी अमित गुप्ता की 15.41 करोड़ की दस चल संपत्तियों को अस्थाई रूप से जब्त की है।
ये अचल संपत्तियां पश्चिम बंगाल के कोलकाता व हावड़ा में हैं। ईडी ने अनुसंधान में पाया है कि अमित गुप्ता जीएसटी घोटाले का मुख्य सरगना है जो अपने गिरोह के सहयोगियों के साथ मिलकर जीएसटी घोटाले में शामिल था।
ईडी रांची ने जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआइ) जमशेदपुर में दर्ज केस के आधार पर ईसीआइआर कर पूरे मामले की जांच शुरू की थी। डीजीजीआइ ने सबसे पहले जीएसटी घोटाला का मामला पकड़ते हुए जमशेदपुर के कारोबारी अमित अग्रवाल उर्फ विक्की भालोटिया को पकड़ा था।
इसके बाद शिव कुमार देवड़ा, अमित गुप्ता व सुमित गुप्ता को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। जेल से छूटने के बाद ईडी ने सभी चारों आरोपितों को अपने केस में गिरफ्तार किया।
मनी लांड्रिंग के तहत जांच के क्रम में ईडी ने आठ मई 2025 को भी तलाशी अभियान चलाया था। इसमें कारोबारी शिव कुमार देवड़ा, मोहित देवड़ा, अमित गुप्ता और अमित अग्रवाल उर्फ विक्की भालोटिया को गिरफ्तार किया था।
सभी आरोपित न्यायिक हिरासत में हैं। ईडी ने गिरफ्तार आरोपितों के विरुद्ध पीएमएलए की विशेष अदालत में चार्जशीट भी दाखिल की थी। उक्त चार्जशीट पर कोर्ट संज्ञान ले चुका है।
इसके अलावा ईडी ने 03 जुलाई 2025 को सिंडिकेट के सहयोगी शिव कुमार देवड़ा की 5.29 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति कुर्क की थी। ईडी की इस मामले में आगे की जांच जारी रखी है।
135 फर्जी कंपनियां बनाकर किया था घोटाला
ईडी ने छानबीन में पाया कि अमित गुप्ता व उसके गिरोह के साथियों ने झारखंड, पश्चिम बंगाल व दिल्ली में 135 फर्जी कंपनियां बनाईं। उन्हीं कंपनियों के माध्यम से फर्जी बिलिंग कर जीएसटी का घोटाला किया।
कारोबारियों के इस सिंडिकेट ने बिना किसी वास्तविक माल की आपूर्ति के फर्जी जीएसटी चालान जारी किया था। उसके माध्यम से ही धोखाधड़ी कर 734 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ लेकर घोटाला किया।
धोखाधड़ी के लिए फर्जी जीएसटी चालान को कमीशन के लिए विभिन्न विभिन्न लोगो को बेचा गया था। जिन्होंने इस अवैध क्रेडिट का उपयोग अपनी वैध जीएसटी देनदारियों से बचने के लिए किया। इससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचा।
घोटाले से सिंडिकेट को मिला 67 करोड़ रुपये का कमीशन
ईडी की जांच में यह खुलासा हुआ है कि कारोबारियों के सिंडिकेट को घोटाले से कमीशन के रूप में 67 करोड़ रुपये मिले थे। कारोबारी अमित गुप्ता सिंडिकेट का सरगना निकला। घोटाले की राशि से उसने कई अचल संपत्तियां अर्जित की।
इस अवैध आय को वैध बनाने की कोशिश की गई। डीजीजीआई जमशेदपुर की जांच शुरू होने के बाद अमित गुप्ता ने अपराध की आय से अर्जित अपनी अचल संपत्तियों को अपने रिश्तेदारों और सहयोगियों को हस्तांतरित कर जान-बूझकर छिपाने की कोशिश की।
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