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    Jharkhand News: मदर टेरेसा के नाम पर मोहल्ला क्लीनिक का विरोध, कांग्रेस ने बताया क्यूं छटपटा रहा विपक्ष?

    By Ashish Jha Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Sun, 27 Jul 2025 09:41 AM (IST)

    कांग्रेस नेता राकेश सिन्हा ने भाजपा पर मदर टेरेसा के नाम पर मोहल्ला क्लीनिक का विरोध करने पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मदर टेरेसा त्याग और सेवा की प्रतिमूर्ति हैं और भाजपा उन पर धर्मांतरण का आरोप लगाकर ओछी मानसिकता दिखा रही है। उन्होंने भाजपा से जनमत का सम्मान करने और नकारात्मक राजनीति से बचने की अपील की।

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    राकेश सिन्हा ने भाजपा पर मदर टेरेसा के नाम पर मोहल्ला क्लीनिक का विरोध करने पर निशाना साधा। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड में नेता प्रतिपक्ष रहे अमर बाउरी पर तंज कसते हुए प्रदेश कांग्रेस महासचिव सह मीडिया प्रभारी राकेश सिन्हा ने कहा कि करुणा और मानव सेवा की प्रतीक मदर टेरेसा के नाम पर अगर मोहल्ला क्लीनिक का नाम रखा गया है, तो भारतीय जनता पार्टी क्यों शोर मचा रही है।

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    मदर टेरेसा त्याग, तपस्या और संघर्ष की प्रतिमूर्ति हैं। उन्होंने अपना पूरा जीवन कुष्ठ रोगियों, अनाथों और बेसहारा लोगों की निस्वार्थ भाव से सेवा में लगा दिया। मदर टेरेसा को नोबेल शांति पुरस्कार और भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।

    ऐसे में उन पर धर्मांतरण का आरोप लगाकर भाजपा अपनी ओछी मानसिकता का परिचय दे रही है। सिन्हा ने कहा कि राज्य गठन के बाद से भाजपा सबसे लंबे समय तक सत्ता के शीर्ष पर रही है। अमर बाउरी बताएं कि उनके कार्यकाल में अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर एक भी योजना क्यों नहीं शुरू की गई। क्या वेंडर मार्केट का नाम स्वर्गीय अटल जी के नाम पर रखना अटल जी के प्रति सम्मान है, भाजपा बताए।

    उन्होंने पूछा कि आज तक देश के प्रधानमंत्री ने देश में कितनी योजनाओं का नाम बदला है जो देश के पूर्व प्रधानमंत्रियों के नाम पर थीं।

    इस देश के महापुरुषों के नाम पर बनी कई सड़कों के नाम बदले गए। यहां तक कि सरदार वल्लभभाई पटेल के नाम पर राजनीति करने वाली भाजपा ने पटेल स्टेडियम का नाम बदलकर नरेंद्र मोदी स्टेडियम क्यों कर दिया? क्या सरदार पटेल का सम्मान भाजपा की नज़र में सिर्फ़ वोट बैंक के लिए है?

    उन्होंने कहा कि अगर राज्य की जनता ने महागठबंधन को वोट देकर जिताया है, तो उन्हीं वोटों के ज़रिए उनके कुछ लोग विधायक बनकर सदन में भी पहुंचे हैं, तो कम से कम जनमत से मिले वोट का तो सम्मान करें। घुसपैठियों और धर्मांतरण के नाम पर कब तक अपनी राजनीतिक रोटियां सेकेंगे।