Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हजारीबाग में 417 एकड़ जमीन के कागजात में गड़बड़ी, डीसी और सीओ पर होगी कार्रवाई; सीआईडी जांच में खुलासा

    Updated: Thu, 31 Jul 2025 10:36 AM (IST)

    सेंट्रल कोल फील्ड्स लिमिटेड की आम्रपाली-चंद्रगुप्त परियोजना में 417 एकड़ भूमि के दस्तावेजों में सीआईडी ने अनियमितता पाई है। जांच में हजारीबाग और चतरा जिलों में भूमि दस्तावेजों में हेराफेरी का खुलासा हुआ। अधिकारियों द्वारा भूमि की प्रकृति को अनदेखा कर प्रमाणपत्र जारी किए गए। सीआईडी ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की है और निष्पक्ष जांच की मांग की है।

    Hero Image
    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)

    राज्य ब्यूरो, रांची। सेंट्रल कोल फील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) की हजारीबाग स्थित आम्रपाली-चंद्रगुप्त परियोजना में 417 एकड़ भूमि के दस्तावेजों में गंभीर अनियमितता सामने आई है।

    अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी) ने अपनी जांच में पुष्टि की है कि निजी लाभ के लिए सुनियोजित साजिश के तहत हजारीबाग और चतरा जिलों के केरेडारी अंचल में पचड़ा, चट्टीबरियातू, बुकरू, सिझुआ और जोरदाग मौजा की भूमि के दस्तावेजों में हेराफेरी की गई।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सीआईडी ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की है। जांच में पाया गया कि भूमि की प्रकृति का उल्लेख किए बिना परियोजना के लिए प्रमाणपत्र जारी किया गया, जिसमें वन विभाग या अन्य विभागों से कोई स्पष्ट दस्तावेज प्राप्त नहीं किया गया। रिपोर्ट में हजारीबाग के तत्कालीन डीसी, केरेडारी सीओ की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं।

    दस्तावेजों में छेड़छाड़ और अनदेखी

    सीआईडी की रिपोर्ट के अनुसार, 25 जून 2022 को हजारीबाग के तत्कालीन उपायुक्त ने 417.06 एकड़ भूमि के लिए प्रमाणपत्र जारी किया, जिसमें भूमि की प्रकृति को शून्य दर्शाया गया।

    दस्तावेजों में खाता नंबर का उल्लेख नहीं था। यह कहा गया कि राजस्व अभिलेखागारों, अंचल कार्यालय, जिला अभिलेखागार या बंदोबस्त कार्यालय में दस्तावेज उपलब्ध नहीं हैं या जीर्ण-शीर्ण और अपठनीय हैं।

    केरेडारी के सर्कल ऑफिसर (सीओ) ने 21 जून 2021 को डीसी को दी गई विवरणी में भूमि को जंगल-झाड़ी बताया था, लेकिन डीसी ने इसकी अनदेखी कर प्रमाणपत्र जारी किया। सीआईडी ने पाया कि सीओ ने प्लाट और रकबा में पेंसिल से छेड़छाड़ की, जिससे दस्तावेज संदिग्ध हो गए।

    अधिकारियों की मिली भगत पर सवाल

    सीआईडी जांच में परियोजना पदाधिकारियों, वरीय राजस्व अधिकारियों और केरेडारी सीओ की भूमिका पर सवाल उठे हैं। 16 अप्रैल 2022 को परियोजना पदाधिकारी ने डीसी को दी गई विवरणी में खाता नंबर और भूमि की प्रकृति का जिक्र नहीं किया।

    डीसी ने भी दस्तावेजों की अनुपलब्धता के लिए कोई जिम्मेदारी तय नहीं की और न ही दस्तावेज प्राप्त करने का प्रयास किया।

    सीसीएल के मुख्य प्रबंधक (खनन) ने डीसी के प्रमाणपत्र को तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत करते हुए दावा किया कि भूमि वन श्रेणी में नहीं है, जबकि डीसी ने केवल दस्तावेजों की अनुपलब्धता का उल्लेख किया था।

    कार्रवाई की अनुशंसा

    सीआईडी ने अपनी रिपोर्ट डीजीपी के माध्यम से राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग को भेजी है। डीजीपी के निर्देश पर सीआईडी के आईजी (संगठित अपराध) सुदर्शन प्रसाद मंडल ने गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है।

    हजारीबाग के तत्कालीन डीसी, केरेडारी सीओ और अन्य आरोपितों पर कार्रवाई की अनुशंसा की गई है। जांच में शामिल सभी पक्षों के खिलाफ निष्पक्ष कार्रवाई और खनन गतिविधियों पर रोक की मांग की गई है।