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    Hemant Soren: जिस जमीन के लिए हुई हेमंत की गिरफ्तारी उसमें आया नया मोड़, JMM ने दिया बड़ा अपडेट

    Updated: Tue, 12 Mar 2024 01:06 PM (IST)

    Hemant Soren झामुमो के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने सोमवार को प्रेस काॅन्‍फ्रेंस कर बताया कि बडगांईं की जिस जमीन के लिए हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया गया है वह खेती के लिए ली गई थी। बिजली कनेक्‍शन भी हेमंत के नाम पर नहीं बल्कि हिलेरियश के नाम पर है। ऐसे में जमीन कैसे हेमंत की हो गई? झामुमो महासचिव ने इसे एक गंभीर मामला बताया।

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    झारखंड के पूर्व मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन की फाइल फोटो।

    राज्य ब्यूरो, रांची। Hemant Soren: झारखंड मुक्ति मोर्चा ने पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) के खिलाफ ईडी की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए जमीन से संबंधित दस्तावेज पेश किए हैं। पार्टी के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने सोमवार को प्रेस काॅन्‍फ्रेंस कर कहा कि जिस जमीन का हवाला देकर ईडी ने हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया है, उस जमीन से उनका कोई लेना-देना ही नहीं है।

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    हेमंत पर ईडी की कार्रवाई समझ से परे: झामुमो

    उन्होंने बताया कि बड़गाईं की जमीन राजकुमार पाहन ने वर्ष 2015 में रजिस्टर्ड डीड के जरिए हिलेरियश कच्छप को लीज पर दी थी। उक्त जमीन पर खेती के लिए हिलेरियश कच्छप ने बिजली का कनेक्शन भी लिया था। कच्छप बिल का भुगतान भी करते रहे। ऐसे में अब सवाल उठता है कि वह जमीन हेमंत सोरेन की कैसे हो गई। 

    झामुमो महासचिव ने कहा कि यह गंभीर मामला है, क्योंकि सरकारी दस्तावेज को बदला नहीं जा सकता है। हेमंत के विरुद्ध ईडी की कार्रवाई समझ से परे है। उन्होंने अस्मिता से समझौता नहीं किया तो केंद्र सरकार की शह पर ईडी ने उन्हें जेल भेज दिया। इसका प्रतिकार होगा।

    उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में उक्त जमीन से संबंधित कई दस्तावेज जारी किए जाएंगे। इस जमीन को कई बार बेचा गया। जब मालिक राजकुमार पाहन ने इसे लेकर आवेदन दिया तो अब उनको जमीन का मालिकाना हक दिया गया है।

    इलेक्टोरल बांड पर JMM ने भाजपा को घेरा

    इलेक्टोरल बांड के नाम पर वसूली इलेक्टोरल बांड पर भी झामुमो ने केंद्र की भाजपा सरकार को घेरा है। सांसद विजय हांसदा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से एसबीआइ को इलेक्टोरल बांड के बारे में तत्काल जानकारी पेश करने का निर्णय सराहनीय है।

    जिस पार्टी ने लगातार भ्रष्टाचार मुक्त करने की बात कही, उसके द्वारा ही हिडेन एजेंडा चलाया जा रहा था। इसके माध्यम से एक सोची समझी साजिश के तहत वसूली की गई है। सत्ता का दुरूपयोग करते हुए भाजपा ने कई कंपनियों से बड़ी राशि इलेक्टोरल बांड के रूप में ली है।

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