Raghubar Das: झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले ही BJP में लौटना चाहते थे रघुवर दास, फिर कहां हुआ 'खेल'?
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास भाजपा में वापसी करना चाहते थे। उन्होंने दिल्ली जाकर अपनी इच्छा से दल के वरिष्ठ नेताओं को अवगत कराया था। हालांकि उन्हें सहमति नहीं मिली। राज्यपाल का पद छोड़कर वे अपनी परंपरागत जमशेदपुर पूर्वी सीट से विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते थे। अंदरूनी विवाद की संभावना को देखते हुए उन्हें दूर रखा गया था। अब उनकी पार्टी में वापसी के लिए दल की सदस्यता ग्रहण कराई जाएगी।

प्रदीप सिंह, रांची। ओडिशा के राज्यपाल पद से इस्तीफा देने वाले झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास (Raghubar Das) राज्य विधानसभा चुनाव के पहले ही भाजपा में वापस लौटना चाहते थे। तब उन्होंने दिल्ली जाकर अपनी इच्छा से दल के वरिष्ठ नेताओं को अवगत कराया था। तात्कालिक वजहों से उन्हें इसकी सहमति नहीं मिली। ऐसे में दल में वापसी का मामला उस वक्त टल गया था।
राज्यपाल का पद छोड़कर वे अपनी परंपरागत जमशेदपुर पूर्वी सीट से विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते थे। अंदरूनी विवाद की संभावना को देखते हुए उन्हें दूर रखा गया था। हालांकि, उनकी बहू को विधानसभा चुनाव में टिकट देकर भाजपा ने संकेत दिया था कि रघुवर दास की भी राजनीति में किसी भी वक्त वापसी हो सकती है।
चुनाव में उनकी बहू ने जीत हासिल की। नई परिस्थितियों में उनकी पार्टी में वापसी के लिए दल की सदस्यता ग्रहण कराई जाएगी। राज्यपाल बनाए जाने के बाद उन्होंने संवैधानिक बाध्यता की वजह से दल की सदस्यता छोड़ दी थी। झारखंड भाजपा के नेताओं को उम्मीद है कि जल्द ही रघुवर दास को लेकर स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
इससे उनके समर्थकों में उत्साह है। उनका मानना है कि राज्य विधानसभा चुनाव में हार की हताशा से भाजपा को रघुवर दास उबार सकते हैं। उनका लंबा सांगठनिक और प्रशासनिक अनुभव पार्टी के लिए हितकर होगा। रघुवर दास ने कहा भी है कि दल की ओर से जो जिम्मेदारी उन्हें दी जाएगी, उसे वे पूरा करेंगे।
तात्कालिक वजहों से जाना पड़ा था राज्य की राजनीति से दूर
रघुवर दास को लगभग 14 माह पूर्व तात्कालिक वजहों से राज्य की राजनीति से दूर जाना पड़ा था। ऐसा बाबूलाल मरांडी को फ्री हैंड देने के उद्देश्य से किया गया था। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को उम्मीद थी कि बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में पार्टी राज्य की सत्ता में वापसी कर सकती है, लेकिन विधानसभा चुनाव में अपेक्षित सफलता नहीं मिलने के कारण भाजपा की चुनौतियां बढ़ गई है। ऐसे में रघुवर दास बतौर प्रदेश अध्यक्ष बेहतर विकल्प साबित हो सकते हैं।
आगमन पर पुरजोर स्वागत की तैयारी
ओडिशा के राज्यपाल पद से इस्तीफे के बाद रघुवर दास ने राज्य में वापसी की तैयारी आरंभ कर दी है। बुधवार को पुरी जाकर उन्होंने भगवान जगन्नाथ के दर्शन किए। भुवनेश्वर से सारी औपचारिकताएं पूरी कर वे दो दिन में यहां आ सकते हैं। उनके समर्थकों ने यहां स्वागत की पुरजोर तैयारी की है। ओडिशा में राज्यपाल पद के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान भी झारखंड से बड़ी संख्या में उनके समर्थक वहां गए थे।
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