रांची, जागरण संवाददाता: रिम्स के प्लास्टिक सर्जन डॉ सौरव कुमार शर्मा की शुक्रवार दोपहर आईएमए के समीप करमटोली चौक के पास सड़क हादसे में मौत हो गई। डॉ सौरव एक स्कूटी से चौक होते हुए गुजर रहे थे, उसी वक्त राहुल आटोमोबाइल दुकान के पास पीछे से आ रही संत मैरी स्कूल की (बस बस नंबर 3765) ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया और वहां से ड्राइवर बस लेकर भाग गया। इसके बाद उन्हें तुरंत इलाज के लिए रिम्स ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
इस खबर के बाद चिकित्सा जगत में शोक की लहर दौड़ पड़ी। इस बीच चौक में कोई भी पुलिसकर्मी नजर नहीं आया, जो बस को रोककर कार्रवाई कर सके। कुछ जवान यातायात व्यवस्था पूरी तरह से सिग्नल के भरोसे छोड़ ट्रैफिक बूथ पर आराम करते रहे। इतना बड़ा हादसा आंखों के सामने हो जाने के बाद भी कोई पुलिसकर्मी घटना स्थल पर समय पर नहीं पहुंचा। आम लोगों की मदद से घायल को रिम्स ले जाया गया। इस घटनाक्रम के बीच पुलिस बस की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है।
रिम्स के अधीक्षक ने जताई नाराजगी
रिम्स के अधीक्षक डॉ हीरेंद्र बरूआ ने बताया कि यह पूरी तरह से कानून व्यवस्था की लापरवाही है। शहर के बीच से बस किसी को कुचल कर निकल जाती है और कहीं भी वो पकड़ाता ही नहीं है। उन्होंने बताया कि यह बस संत मैरी स्कूल की थी। साथ ही बस ड्राइवर की लापरवाही से यह हादसा हुआ। उन्हाेंने बताया कि स्कूल संचालकों को चाहिए कि वे अच्छे प्रशिक्षित ड्राइवरों को ही ड्यूटी पर रखें।
शाम में हुआ पोस्टमार्टम
शाम में पोस्टमार्टम किया गया, जिसके बाद पार्थिव शरीर को मोर्चरी में रख दिया गया है। इस बीच डॉ सौरव ने पत्नी और एक छोटे बच्चे को छोड़ गए हैं। जिसके बाद उनके पैतृक आवास जयपुर से परिवार के सदस्य देर रात तक पहुंचे। बताया जा रहा है कि उनके पार्थिव शरीर को शनिवार को जयपुर अंत्येष्टि के लिए ले जाया जाया जा सकता है।
नीचे गिरते पर बस ने कुचल दिया
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि डॉ शर्मा अपनी स्कूटी से जा रहे थे। इस दौरान एक स्कूल बस ने उन्हें टक्कर मार दी, जिसकी वजह से वह जमीन पर गिर पड़े। वहीं, इसके बाद स्कूल बस उन्हें कुचलते हुए आगे बढ़ गई। आसपास के लोग चिल्लाते रहे, लेकिन ड्राइवर तेजी के साथ बस लेकर मौके से फरार हो गया। हादसे में बुरी तरह से घायल डॉक्टर को स्थानीय लोगों ने एंबुलेंस बुलाकर आनन-फानन में अस्पताल भेजा। डॉक्टरों ने बताया कि उनके दाएं ओर की पसली टूट गई और अंदरूनी चोट भी लगी थी। हेलमेट खुलने की वजह से भी सिर में गंभीर अंदरूनी चोट लगी।
1999 बैच के थे डॉ सौरव
प्लास्टिक सर्जरी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ सौरभ कुमार की पढ़ाई रिम्स से ही हुई थी। वे 1999 बैच के छात्र थे, जिन्होंने यहीं से पीजी करने के बाद रिम्स में सेवा देना शुरू किया। उनके असमय सड़क हादसे में हुई मौत से उनके बैच के मित्रों के बीच मातम का माहौल है। डॉक्टर अपने पीछे पत्नी व एक बच्चे को छोड़ गए।
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