रांची, राज्य ब्यूरो: झारखंड हाई कोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस अपरेश कुमार सिंह व जस्टिस दीपक रौशन की खंडपीठ में देवघर एयरपोर्ट पर नाइट लैंडिंग शुरू करने को लेकर सांसद निशिकांत दुबे की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने केंद्र और राज्य सरकार को निर्देश दिया कि देवघर एयरपोर्ट पर जल्द से जल्द नाइट लैंडिंग की सुविधा शुरू की जाए।
अदालत ने कहा कि सात फरवरी तक केंद्र सरकार द्वारा एयरपोर्ट के आसपास ऊंचे भवनों के मालिकों को फ्लोर तोड़ने के लिए नोटिस जारी किया जाए। इसके दो-तीन दिनों बाद भवन मालिक एयरपोर्ट निदेशक के यहां से संबंधित मुआवजा प्राप्त कर लेंगे। केंद्र के नोटिस जारी करने तत्काल बाद डीसी की ओर से जारी नोटिस को वापस ले लिया जाएगा। कोर्ट ने मामले में अगली सुनवाई दस फरवरी को निर्धारित की है।
सांसद निशिकांत दुबे ने दाखिल की है याचिका
सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया कि इस मुद्दे को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की गई थी, जिसमें केंद्र सरकार की ओर से नोटिस जारी करने और राज्य सरकार की ओर से मुआवजा देने पर निर्णय लिया गया है। प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता दीवाकर उपाध्याय और केंद्र की ओर से अधिवक्ता प्रशांत पल्लव ने पक्ष रखा। बता दें कि देवघर एयरपोर्ट पर नाइट लैंडिंग सहित अन्य सुविधाओं को लेकर सांसद निशिकांत दुबे ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है।
पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने केंद्र और राज्य सरकार से पूछा था कि देवघर एयरपोर्ट के आसपास के जिन भवनों को तोड़ा जाना है, उसके नुकसान की भरपाई कौन करेगा। इसपर केंद्र राज्य सरकार की ओर से बैठक कर जल्द नाइट लैंडिंग शुरू करने का निर्णय लिया गया है। बता दें कि देवघर एयरपोर्ट के आसपास के नौ ऊंचे भवनों के फ्लोर को तोड़ा जाना है।
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