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    Naxali Pradyuman: बीएसएफ के दारोगा की नौकरी छोड़कर नक्सली बना था प्रदुम्न, जानें इसके पीछे की कहानी

    By Sujeet Kumar SumanEdited By:
    Updated: Fri, 20 Aug 2021 09:47 PM (IST)

    Jharkhand News Naxali Pradyuman नक्‍सली प्रदुमन माओवादियों के बड़े नेता गणपति किशन दा अरविंद और सुधाकरण आदि से मुलाकात कर चुका है। हजारीबाग के मेरू स्थित बीएसएफ कैंप में प्रशिक्षण छोड़कर वह फरार हो गया था और वर्ष 1996 में नक्सलियों के साथ जुड़ गया।

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    Jharkhand News, Naxali Pradyuman नक्‍सली प्रदुमन। फाइल फोटो

    रांची, राज्य ब्यूरो। हजारीबाग पुलिस के हाथों गिरफ्तार माओवादियों का स्पेशल एरिया कमेटी सदस्य 25 लाख का इनामी नक्सली प्रद्युमन शर्मा वर्ष 1994 में बार्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) में सब इंस्पेक्टर (दारोगा) के पद पर बहाल हुआ था। उसका प्रशिक्षण हजारीबाग के ही मेरू स्थित बीएसएफ कैंप में चल रहा था, जहां वह बीच में ही प्रशिक्षण छोड़कर फरार हो गया था और वर्ष 1996 में नक्सलियों के साथ जुड़ गया।

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    इसलिए बना नक्‍सली

    पूछताछ में उसने पुलिस को बताया है कि जब बीएसएफ में वह दारोगा बना था, तब उसके गांव में पैतृक जमीन संबंधित विवाद हो गया था। उस वक्त उसने हजारीबाग स्थित बीएसएफ के मेरू कैंप में चल रहे प्रशिक्षण को बीच में ही छोड़ दिया था। इसके बाद वह गांव पहुंचा और एक स्थानीय माओवादी संगठन यूनिटी पार्टी के साथ जुड़ गया। यह पार्टी पीपुल्स वार ग्रुप का संगठन था। वहां उसने जमीन विवाद में एक हत्या कर दी और यही वजह रही कि वह फिर बीएसएफ में वापस नहीं लौटा।

    कई नक्‍सली नेताओं से कर चुका है मुलाकात

    यूनिटी पार्टी ही बाद में चलकर माओवादियों का गुरिल्ला यानी लड़ाकू दस्ता पीएलजीए बन गया, जो बाद में एकीकृत होकर सीपीआइ माओवादी बन गया। प्रद्युमन शर्मा ने पुलिस को यह भी बताया कि वह अब तक कई बड़े नक्सली नेता गणपति, एक करोड़ के इनामी किशन दा, अरविंद (अब मृत) और सुधाकरण (तेलंगाना में आत्मसमर्पण कर चुका है) से मिल चुका है। वह तब माओवादियों का सबसे युवा व तेज तर्रार कैडर था। वह माहेश्वरी ब्रदर्श लिमिटेड पर माओवादियों के हमले में भी शामिल था, जहां माओवादियों ने पुलिस के 30 हथियार लूट लिए थे।

    इन मामलों में रहा संलिप्‍त

    पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय राजमार्ग-2 पर 30 ट्रकों में एक साथ आगजनी की घटना में भी उसकी संलिप्तता थी। आठ मार्च 2017 को बसकटवा में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में भी वह शामिल रहा। 10 अगस्त 2019 को चौपारण के नेवारी में पुलिस से मुठभेड़, 14 अगस्त 2019 को बाराचट्टी के सिसियात्री में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़, 18 जून 2020 को सतगांवा के पेट्रो जंगल में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में भी वह शामिल रहा। तिलैया-कोडरमा रेलखंड पर रेलवे निर्माण मशीनरी में आगजनी के मामले में भी उसकी संलिप्तता थी। उसने अपने सहयोगी रहे भुवनेश्वर गंझू उर्फ पहलवान के घर में भी आगजनी की थी। इसे उसने पूछताछ में स्वीकारा है।

    झारखंड में 25 लाख, बिहार में है 50 हजार का इनाम

    माओवादियों के सैक सदस्य प्रद्युमन शर्मा पर झारखंड सरकार ने 25 लाख और बिहार सरकार ने 50 हजार रुपये का इनाम रखा था। वह बिहार-झारखंड स्पेशल एरिया कमेटी (बीजेसैक) का सदस्य था। उसे मगध जोन के बीजेसैक मिलिट्री कमांड का सदस्य बनाया गया था। उस पर हजारीबाग में तीन कांड दर्ज हैं। बिहार-झारखंड में उसके खिलाफ 90 से अधिक कांड दर्ज हैं।

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