सुदेश महतो के वायरल वीडियो पर मचा सियासी घमासान, आजसू ने कई थानों में दर्ज कराई FIR
आजसू पार्टी ने अपने प्रमुख सुदेश महतो और अन्य नेताओं का एक आपत्तिजनक और भ्रामक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विभिन्न थानों में प्राथमिकी दर्ज कराई है। यह वीडियो नेताओं को शराब पीते हुए गलत तरीके से दिखाता है, जिसे पार्टी ने उनकी छवि खराब करने की साजिश और साइबर अपराध बताया है।
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सुदेश महतो का वीडियो हो रहा वायरल। (जागरण)
राज्य ब्यूरो, रांची। आजसू पार्टी ने पार्टी प्रमुख सुदेश महतो, पूर्व मंत्री रामचंद्र सहित अन्य नेताओं का इंटरनेट मीडिया पर एक आपत्तिजनक और भ्रामक वीडियो वायरल करने पर विभिन्न थानों में प्राथमिकी दर्ज कराई है।
दर्ज प्राथमिकी में कहा गया कि पार्टी नेताओं की भावना को ठेस पहुंचाने और उनकी छवि धूमिल करने के लिए एक साजिश के तहत भ्रामक वीडियो वायरल किया गया।
पार्टी ने इस मामले में रांची के कोतवाली थाना, साइबर थाना, अनगड़ा थाना, रामगढ़ के गोला थाना, मांडू थाना, रजरप्पा थाना, साहिबगंज थाना, नारायणपुर थाना, बोकारो थाना में पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
कथित वायरल वीडियो में ऐसा दिखाने का प्रयास किया गया है कि सुदेश महतो, रामचंद्र सहिस एवं अन्य नेता किसी के घर में शराब का सेवन कर रहे हैं।
आजसू पार्टी की ओर से दर्ज प्राथमिकी में बताया गया है कि फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफार्म पर कुछ फर्जी और दुर्भावनापूर्ण अकाउंट्स द्वारा लगातार एडिटेड वीडियो पोस्ट किए जा रहे हैं।
इन वीडियो को साझा करने वाले प्रमुख इंटरनेट मीडिया अकाउंट्स में फेसबुक पेज 'डुमरी विधानसभा जेएलकेएम पार्टी', संदीप महतो की इंस्टाग्राम आईडी और अन्य अकाउंट्स शामिल हैं।
साझा किए गए वीडियो लिंक, यूआरएल और स्क्रीनशॉट को पार्टी द्वारा पुलिस के समक्ष प्रस्तुत किया गया है। साथ ही जिन व्यक्तियों के माध्यम से इस तरह की गतिविधियां की गई हैं, उनके नाम, पते और मोबाइल नंबर भी प्राथमिकी में दर्ज किए गए हैं।
पार्टी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार फुलेंद्र कुमार महतो उर्फ पीएम कुमार महतो, सूरज कुमार महतो, थाना निमियाघाट, जिला गिरिडीह, चंद्रदेव कुमार वर्णवाल, थाना निमियाघाट, गिरिडीह, विजय कुमार सिंह, जिला बोकारो के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता देवशरण भगत ने कहा कि इस तरह की गतिविधियां न केवल मानहानि और असत्य प्रचार हैं, बल्कि साइबर अपराध की श्रेणी में भी आता है।
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