Jharkhand Politics: CM सोरेन को समन पर झारखंड भाजपा और JMM में बढ़ी सियासी खींचतान, पढ़िए क्या है पूरा मामला
झारखंड में भाजपा और जेएमएम के बीच सियासी खींचतान बढ़ी हुई है। दोनों पार्टियों में वार पलटवार जारी है। भाजपा प्रवक्ता ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर निशाना साधा और सवाल उठाया कि आखिरकार क्यों वे केंद्रीय एजेंसी की नोटिस से इतने बेचैन हैं। तो वहीं दूसरी ओर जेएमएम ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा पहले दिन से ही सरकार को अस्थिर करने में जुटी है।

राज्य ब्यूरो, रांची। भाजपा ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा जेल भेजने की साजिश का दावा करने पर आपत्ति जताई है। भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने भाजपा कार्यालय में प्रेस वार्ता की। इस दौरान उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन को सिर्फ समन किया गया है।
मुख्यमंत्री शायद अपनी अंतरात्मा की आवाज से यह बात कह रहे हैं कि उन्हें जेल भेजने की साजिश चल रही है। सवाल उठाया कि आखिरकार क्यों वे केंद्रीय एजेंसी की नोटिस से इतने बेचैन हैं।
हेमंत सोरेन विक्टिम कार्ड खेल रहे हैं- भाजपा प्रवक्ता
भाजपा प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री खुद को आदिवासी बता कर विक्टिम कार्ड खेलने की कोशिश कर रहे हैं। वह भूल रहे हैं कि यूपीए शासनकाल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से भी पूछताछ हुई थी। उन्होंने कोई विक्टिम कार्ड नहीं खेला, लेकिन मुख्यमंत्री बार-बार ध्यान बांटने की कोशिश कर रहे हैं।
प्रतुल शाहदेव ने भाजपा द्वारा 20 साल झारखंड में शासन करने के दावे को गलत बताते हुए हुए कहा कि 23 साल में 12 साल तक झामुमो और कांग्रेस ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर राज किया। खुद हेमंत सोरेन 2012 से 2014 में एक साल 168 दिन तक मुख्यमंत्री रहे। वर्तमान में वे लगभग तीन वर्ष 10 महीने से मुख्यमंत्री बने हुए हैं।
अपनी बात आगे बढ़ाते हुए भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि वे दो साल 129 दिन उपमुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। 2004 से 2014 के बीच में यूपीए के शासनकाल में 623 दिनों तक राष्ट्रपति शासन भी था।
यह वह दौर था जब राजभवन कांग्रेस का एक्सटेंशन ऑफिस हुआ करता था। कांग्रेस के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष उस समय राज्यपाल के सलाहकार हुआ करते थे।
किसी के रहमो-करम पर CM नहीं बने हेमंत सोरेन - JMM
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर भाजपा के आरोपों का सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने जवाब दिया है। मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता विनोद पांडेय ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन किसी के रहमो-करम पर झारखंड के मुख्यमंत्री नहीं बने हैं। जनता ने उन्हें जनादेश दिया है।
जेएमएम ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को राज्य की जनता ने नकार दिया था। उनके मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी भी बुरी तरह चुनाव हार गए थे। भाजपा के नेताओं को रचनात्मक विपक्ष की भूमिका में रहना चाहिए था, लेकिन बगैर सत्ता के भाजपा एक दिन भी रह नहीं पाती।
सरकार को अस्थिर करने की कोशिश में भाजपा- JMM
यही कारण है कि हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री बने तो भाजपा ने पहले ही दिन से सरकार को अस्थिर करने का प्रयास आरंभ कर दिया। भाजपा के पास कोई नेता नहीं बचा तो भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़कर जीतने बाबूलाल मरांडी को दल में ले आए। भाजपा अभी तक विधानसभा में अपना नेता तक नहीं चुन पाई है।
जेएमएम का कहना है कि भाजपा एक आदिवासी मुख्यमंत्री को नहीं पचा पा रही है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी कहा है कि भाजपा ने अपने दल के आदिवासी नेताओं को भी कार्यकाल पूरा नहीं करने दिया। एक गैर आदिवासी छत्तीसगढ़िया को पांच साल तक भाजपा ने मुख्यमंत्री बनाए रखा।
भाजपा आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों से घृणा करती है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विकास कार्यक्रमों और उनकी लोकप्रियता को देखकर भाजपा के नेता बौखला गए हैं। भाजपा के नेताओं को हेमंत फोबिया हो गया है।
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