Old Pension Scheme: झारखंड रिम्स कर्मियो को नहीं मिलेगा पुरानी पेंशन योजना का लाभ! वित्त विभाग ने दिया ये तर्क
रिम्स कर्मियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने में पेंच फंस गया है। संस्थान द्वारा वर्ष 2004 के बाद नियुक्त चिकित्सकों को एम्स नई दिल्ली के चिकित्सकों के समरुप वेतन एवं भत्तों का भुगतान किया जा रहा है। विभाग का कहना है कि ऐसे में संस्थान के चिकित्सकों को राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत पेंशन योजना का लाभ नहीं दिया जा सकता।

नीरज अम्बष्ठ, रांची। राज्य सरकार ने राज्य कर्मियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने का निर्णय लिया है। लेकिन राज्य के सबसे बड़े अस्पताल राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) के कर्मियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने में पेंच उत्पन्न हो गया है। वित्त विभाग ने यह कहते हुए रिम्स कर्मियों काे पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने से इंकार कर दिया है कि रिम्स एक स्वायत्तशासी संस्थान है।
कर्मियों की पेंशन के लिए राशि का इंतजाम इसे अपने कोष से करना चाहिए। राज्य सरकार पेंशन पर होने वाले खर्च की राशि नहीं दे सकती। रिम्स कर्मियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाता तो राज्य सरकार पर प्रतिवर्ष 230 करोड़ रुपये का बोझ पड़ता।
वित्त विभाग को भेजा गया प्रस्ताव
दरअसल, रिम्स शासी परिषद की इसी वर्ष 26 मार्च को हुई बैठक में रिम्स कर्मियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने का निर्णय लिया गया था। इसे लेकर रिम्स रेगुलेशन, 2014 के नियम-24 में संशोधन का प्रस्ताव स्वास्थ्य विभाग को भेजा गया था। जब यह प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा गया तो वित्त ने उक्त टिप्पणी के साथ पुरानी पेंशन का लाभ देने से इंकार कर दिया।
विभाग ने कहा कि रिम्स कर्मियों को पेंशन का लाभ देना है तो रिम्स को इसे अपने कोष से करना होगा। बता दें कि रिम्स में अभी तक कर्मियों के कल्याण कोष का गठन ही नहीं हुआ है। वहीं, राज्य सरकार रिम्स को प्रतिवर्ष अनुदान की निर्धारित राशि ही देती है। इधर, स्वास्थ्य विभाग ने रिम्स के चिकित्सकों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने से पहले से ही इंकार कर दिया है।
नई दिल्ली के तर्ज पर हुआ गठन
इसके पीछे यह तर्क दिया गया कि रिम्स अधिनियम, 2002 के तहत इसका गठन एम्स, नई दिल्ली की तर्ज पर हुआ है। संस्थान द्वारा वर्ष 2004 के बाद नियुक्त चिकित्सकों को एम्स, नई दिल्ली के चिकित्सकों के समरुप वेतन एवं भत्तों का भुगतान किया जा रहा है। ऐसे में संस्थान के चिकित्सकों को राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत पेंशन योजना का लाभ नहीं दिया जा सकता। इसके बाद रिम्स ने सिर्फ कर्मियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने का प्रस्ताव स्वास्थ्य विभाग को भेजा।
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