Jharkhand News: अफीम तस्करी में संलिप्तता के आरोप में पिपराटांड़ थाना प्रभारी पर गिरी गाज, हुए निलंबित
पलामू में अंतरराज्यीय अफीम तस्करी मामले में पिपराटांड़ थाना प्रभारी राजवर्धन को निलंबित कर दिया गया है। पुलिस जांच में उनकी भूमिका संदिग्ध पाई गई। तस्करों से 33 लाख रुपये बरामद हुए हैं। पंजाब की एक युवती की शिकायत के बाद मामले का खुलासा हुआ जिसमें अपहरण की कहानी झूठी निकली। एसपी रीष्मा रमेशन ने मामले की गहन जांच के आदेश दिए हैं।

जागरण संवाददाता, मेदिनीनगर (पलामू)। अंतरराज्यीय अफीम तस्करी मामले में संदिग्ध भूमिका सामने आने पर पिपराटांड़ थाना प्रभारी राजवर्धन को पलामू एसपी रीष्मा रमेशन ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। उनकी जगह टाउन थाना में पदस्थापित सब इंस्पेक्टर सुबोध कुमार को नया थाना प्रभारी बनाया गया है।
बीते शुक्रवार को पलामू पुलिस ने अफीम तस्करी के अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश करते हुए आठ तस्करों को गिरफ्तार किया। इनमें चार पंजाब और चार पलामू जिले के निवासी हैं। तस्करों के पास से 33 लाख रुपये नकद भी बरामद किए गए।
थाने से मिली थी तस्करों को मदद
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि तस्करी की जानकारी पिपराटांड़ थाना को पहले से थी, लेकिन कार्रवाई नहीं की गई। इस आधार पर थाना प्रभारी की भूमिका संदिग्ध मानी गई और एसडीपीओ लेस्लीगंज के नेतृत्व में गठित जांच टीम की रिपोर्ट के बाद कार्रवाई की गई।
दरअसल, तस्करी मामले की शुरुआत तब हुई, जब पंजाब निवासी एक युवती ने अपने भाई के अपहरण की शिकायत पलामू एसपी से की। उसने बताया कि फिरौती के रूप में 7.5 लाख रुपये दिए जा चुके हैं। जांच में पता चला कि अपहरण की कहानी एक बहाना थी।
असल में उसका भाई अफीम खरीदने पलामू आया था और उसे सौदेबाजी के दौरान ट्रैप कर लिया गया। पूरे घटनाक्रम की जानकारी स्थानीय थाना को होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। जांच में थाना प्रभारी की भूमिका संदिग्ध पाई गई, जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया।
जांच में दाेषी पाए जाने पर पिपराटांड़ थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है। मामले की गहराई से जांच की जा रही है। जिसमें आगे और खुलासे हो सकते हैं। -रीष्मा रमेशन, एसपी,पलामू।
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