PESA Rules: हेमंत सरकार ने बढ़ाई ग्रामसभा की 'पावर', परिवार के झगड़े के साथ जमीन के मसले भी सुलझेंगे
राज्य सरकार की पेसा नियमावली के अनुसार अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम सभा अब पारिवारिक मामलों के साथ-साथ जमीन से जुड़े विवादों को भी सुलझाएगी। ग्राम सभा को दंड लगाने का अधिकार होगा जिससे प्राप्त राशि गांव के विकास में उपयोग की जाएगी। यह सरकारी संस्थाओं की निगरानी भी कर सकेगी और लघु खनिजों से मिलने वाली रायल्टी का प्रबंधन भी करेगी।

राज्य ब्यूरो, रांची। राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित पेसा नियमावली के अनुसार, अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम सभा पारिवारिक मुद्दों के साथ-साथ जमीन विवाद सभी सुलझाएगी।
ग्राम सभा काे विभिन्न प्रकार का दंड लगाने का भी अधिकार होगा। दंड की राशि ग्राम सभा कोष में रखी जाएगी तथा उसका खर्च गांव के विकास में होगा।
ग्राम सभा योजनाओं के चयन से उसकी निगरानी तथा सामाजिक अंकेक्षण भी करा सकेगी। यह सरकारी संस्थाओं एवं कर्मियों के कार्यों की समीक्षा भी कर सकेगी।
प्रस्तावित नियमावली के प्रमुख प्रविधान
- लघु खनिज की रायल्टी तथा शुल्क से मिलने वाली राशि ग्राम सभा के कोष में जमा होगी। लघु खनिज की पहचान कर योजना बनाना भी इसका कार्य होगा।
- बालू घाटों का संचालन ग्राम सभा के माध्यम से होगा। जेसीबी एवं अन्य मशीनों से बालू खनन पर ग्राम सभा रोक लगा सकेगी।
- पुलिस प्रयास करेगी कि किसी की गिरफ्तारी से पहले ग्राम सभा की स्वीकृति ले। ग्राम सभा 48 घंटे के अंतर्गत गिरफ्तारी के कारणों की जानकारी ले सकेगी।
- ग्राम सभा एसटी की जमीन को वापस करा सकेगी।
- वनों की सुरक्षा, संवर्द्धन और प्रबंधन की जिम्मेदारी ग्राम सभा की होगी।
- ग्राम सभा लघु वनोपज की खरीद एवं बिक्री के लिए न्यूनतम मूल्य तय कर सकेगी तथा रायल्टी का निर्धारण कर सकेगी।
- ग्राम सभा की अनुमति के बिना शराब एवं अन्य मादक पदार्थ की बिक्री नहीं होगी।
नियमावली के ड्राफ्ट पर आई आपत्ति तथा सुझाव
राज्य सरकार तीन वर्ष से केवल पेपर पर नियमावली बना रही है। प्रस्तावित नियमावली में पुरखों की व्यवस्था पर गांधी का ग्राम स्वराज थोपने का प्रयास है। इसमें पारंपरिक स्वशासन के अगुवा से भी राय लेनी चाहिए थी। ग्राम सभा को कार्यपालिका का भी अधिकार मिलना चाहिए। अनुसूचित क्षेत्र में पंचायती राज अधिनियम तथा झारखंड नगरपालिका अधिनियम को हटाना होगा - ग्लैडसन डुंगडुंग।
जनजातीय स्वभाव को कायम रखने के लिए कानून बनाया गया है। सभी की भावनाओं का ख्याल रखते हुए ही राज्य में पेसा लागू किया जाएगा : राजेश कच्छप, विधायक।
राज्य में लागू खनन, भूमि अधिग्रहण के नियमों में व्यापक बदलाव की जरूरत है। इसमें बदलाव किए बिना पेसा कानून लागू नहीं किया जा सकता। -जेवियर कुजूर।
ड्राफ्ट में ग्रामसभा को शक्तियां नहीं दी जा रही हैं। इसमें फर्जी ग्रामसभा की नींव डालने जैसा है - इतिमल कंडुलना
पंचायती राज अधिनियम को पेसा नियमावली में थोप नहीं सकते। ड्राफ्ट में जमीन अधिग्रहण कानून, 2015 लागू करने की बात कही गई है। तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास द्वारा लागू कानून को ढोने का काम किया जा रहा है - दयामनी बारला।
राज्य सरकार सीधे पेसा कानून बिना कोई संशोधन के अंगीकृत करे। पेसा लागू करते समय ग्रामसभा का अर्थ सार्थक रखना होगा - विक्टर माल्टो।
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