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    Palamu News: पलामू के श्मशान घाट पर क्यों मचा बवाल? सरकार की एक गलती से भड़के लोग; सता रही यह चिंता

    Updated: Sun, 23 Jun 2024 11:17 AM (IST)

    Palamu News हैदरनगर के करीमनडीह गांव में श्मशान भूमि(मरघट) पर जल जीवन मिशन द्वारा पानी टंकी का निर्माण किए जाने पर स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश और च ...और पढ़ें

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    पलामू में श्मशान भूमि पर हो रहा पानी टंकी का निर्माण (जागरण)

    संवाद सूत्र, हैदरनगर (पलामू)। Palamu News: हैदरनगर के करीमनडीह गांव में श्मशान भूमि(मरघट) पर जल जीवन मिशन द्वारा पानी टंकी का निर्माण किए जाने पर स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश और चिंता का माहौल है। खाता संख्या 1416 और प्लाट संख्या 3973 जो कि 53 डिसमिल रकबा है।

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    पानी टंकी बनने से दाह संस्कार का स्थान नहीं बचेगा

    इस भूमि को पारंपरिक रूप से सैकड़ों वर्षों से दाह संस्कार और मृत बच्चों के दफनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है। यह श्मशान घाट (मरघट) हैदरनगर पूर्वी पंचायत के बाजार, शुक्रबजार, गंजपर, बगइचापर, कोइरियाडीह व बभांडी के लोगों के लिए एकमात्र श्मशान घाट है। जिसके जमीन पर पानी टंकी बनने से बच्चों को दफनाने और मृतकों का दाह संस्कार करने के लिए कोई स्थान नहीं बचेगा।

    यह निर्माण धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं के खिलाफ है, जो कि गंभीर चिंता का विषय है। इस पवित्र भूमि पर पानी टंकी बनाने का निर्णय कई सवाल खड़े कर रहा है। श्मशान की भूमि पर पानी टंकी बनाने की अनुमति किस अधिकारी ने दी, यह एक प्रमुख सवाल बन गया है। इस भूमि को पानी टंकी के निर्माण के लिए कैसे आवंटित किया गया और इसके लिए आवश्यक एनओसी किसने जारी की। यह जांच का विषय है।

    स्थानीय निवासी इस निर्माण से नाखुश

    स्थानीय निवासी इस निर्माण से नाखुश हैं और उन्होंने इस कार्य को तुरंत रोक कर किसी अन्य स्थान पर पानी टंकी निर्माण की मांग कर रहे है। ग्रामीणों का कहना है कि यह भूमि धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व की है और इसे इस प्रकार के निर्माण कार्यों के लिए इस्तेमाल करना अनुचित है।

    गुणवत्ता को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि निर्माण कार्य में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा जा रहा है और जेसीबी मशीनों से भूमि की कटाई की जा रही है। जबकि यंहा कई छोटे बच्चे व पशुओं को दफन किया जाता रहा है। इससे भूमि की प्राकृतिक संरचना और स्थायित्व पर असर पड़ रहा है।

    स्थानीय लोगों की मांग है कि इस परियोजना को तुरंत रोका जाए और श्मशान भूमि को उसके मूल उद्देश्य के लिए सुरक्षित रखा जाए। धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को ध्यान में रखते हुए, इस प्रकार की परियोजनाओं में पारदर्शिता और संवेदनशीलता की आवश्यकता है। हैदरनगर के बरजु मेहता, ब्रिज सोनी, आशीष गुप्ता, अंकित अग्रवाल, राजू सोनी व उज्जवल पांडे ने आक्रोश व्यक्त की है।

    बाक्स : परता कबरा में बना वाटर ट्रीटमेंट प्लांट

    जल जीवन मिशन के तहत हैदरनगर के परता कबरा में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाया गया है। जहां से पानी को ट्रीटमेंट कर हैदरनगर पूर्वी पंचायत, बहेरा, भदुआ व सड्या में बनने वाले पानी टंकी के माध्यम से लोगों के घर तक पानी पँहुचने की योजना है। यह पानी टंकी सात लाख लीटर की है। हैदरनगर के कोइरियाडीह में एनएस इंफ्राटेक कार्य कर रहीं है।

    बाक्स : पहले भी भूमि को लेकर हुआ है विवाद

    Palamu News: हैदरनगर प्रखंड में जलापूर्ति करने के लिए परता कबरा सोन नदी से पानी उठाकर ट्रीटमेंट करने की योजना है। लेकिन यह ट्रीटमेंट प्लांट परता कबरा में न बना कर हुसैनाबाद प्रखंड के देवरी में कार्य शुरू किया गया। जिसका वहां के मुखिया के नेतृत्व में ग्रामीणों ने विरोध किया था। उसके बाद परता कबरा में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाया गया है। हालांकि उसकी भी गुणवता संदेह के दायरे में है।

    हैदरनगर के करीमनडीह गांव में श्मशान भूमि पर पानी टंकी बनाने की जानकारी नहीं है। मामले की जांच कराने के बाद ही कुछ कह सकेंगे।

    विश्व प्रताप मालवा, सीओ सह बीडीओ, हैदरनगर

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