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    अब हजारीबाग के वन भूमि घोटाला में नेक्सजेन का संचालक विनय सिंह गिरफ्तार, निलंबित आइएएस विनय चौबे का है करीबी

    Updated: Thu, 25 Sep 2025 11:39 PM (IST)

    भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) हजारीबाग की टीम ने गुरुवार को वन भूमि घोटाला केस में आटोमोबाइल कंपनी नेक्सजेन के संचालक विनय सिंह को रांची से गिरफ्तार कर लिया। एसीबी हजारीबाग की टीम ने एक ही दिन में प्राथमिकी दर्ज कर विनय सिंह को नामजद आरोपित बनाते हुए उसी दिन गिरफ्तार कर लिया। विनय सिंह जेल में बंद निलंबित आइएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे के करीबी हैं।

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    अब हजारीबाग के वन भूमि घोटाला केस में नेक्सजेन का संचालक विनय सिंह गिरफ्तार>

    राज्य ब्यूरो, रांची। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) हजारीबाग की टीम ने गुरुवार को वन भूमि घोटाला केस में आटोमोबाइल कंपनी नेक्सजेन के संचालक विनय सिंह को रांची से गिरफ्तार कर लिया।

    एसीबी हजारीबाग की टीम ने एक ही दिन में प्राथमिकी दर्ज कर विनय सिंह को नामजद आरोपित बनाते हुए उसी दिन गिरफ्तार कर लिया है।

    विनय सिंह रांची के आनंदपुर स्थित स्ट्रीट नंबर तीन में रहते हैं। वे जेल में बंद निलंबित आइएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे के करीबी हैं।

    कारोबारी विनय कुमार सिंह पर आरोप है कि उन्होंने सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर आपराधिक साजिश के तहत गैर मजरूआ खास व जंगल-झाड़ी किस्म की भूमि की अवैध जमाबंदी कराई।

    एसीबी हजारीबाग ने 25 सितंबर को कांड संख्या 11/2025 में विनय सिंह पर नामजद प्राथमिकी दर्ज की है।

    एसीबी की ओर से जारी अधिकृत बयान में बताया गया है कि उपायुक्त कार्यालय हजारीबाग ने वर्ष 2013 में पांच प्लाट की अवैध जमाबंदी को रद कर दी थी। उक्त रद किए गए जमाबंदी को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने 2013 में ही सही ठहराया था।

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     पांच दिसंबर 2012 को हजारीबाग के वन प्रमंडल पदाधिकारी के पत्र में यह अंकित था कि अधिसूचित वन भूमि में किसी प्रकार का गैर वानिकी कार्य एवं अतिक्रमण भारतीय वन अधिनियम व वन संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन है।

    सर्वोच्च न्यायालय से भी 12 दिसंबर 1996 को एक याचिका में आदेश पारित हुआ था कि जंगल-झाड़ी दर्ज किसी भूमि का भारत सरकार के पूर्वानुमति के बिना गैर वानिकी कार्य के लिए उपयोग वन संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन होगा।

    उपर्युक्त भूमि गैर मजरूआ खास जंगल झाड़ी होने के कारण हजारीबाग के अंचल अधिकारी सदर ने रद किए गए जमाबंदी को उचित बताया है।

    इसके बावजूद उसी प्रकार की गैर मजरूआ खास किस्म जंगल खाते की भूमि को अधिकारियों के साथ आपराधिक साजिश रचते हुए विनय कुमार सिंह ने जमाबंदी करवाया। विनय कुमार सिंह उक्त जमीन के क्रेता (खरीददार) हैं। इसी जुर्म में इन्हें गिरफ्तार किया गया है।

    तत्कालीन डीसी विनय कुमार चौबे के काल में हुई थी जमाबंदी

    हजारीबाग के तत्कालीन डीसी विनय कुमार चौबे के कार्यकाल में ही उक्त गैर मजरूआ खास किस्म की जमीन की आपराधिक साजिश के तहत जमाबंदी हुई थी।

    उक्त जमाबंदी विनय सिंह व उनकी पत्नी स्निग्धा सिंह के नाम पर की गई थी। यह जमीन करोड़ों की है, जिसकी अवैध तरीके से विनय सिंह व उनकी पत्नी के नाम पर जमाबंदी की गई थी।

    जमीन घोटाला केस में जेल में बंद हैं चौबे

    निलंबित आइएएस विनय कुमार चौबे वर्तमान में जमीन घोटाला केस में जेल में बंद हैं। उन पर हजारीबाग की खासमहाल की जमीन की अवैध तरीके से जमाबंदी कराने का आरोप है।

    एसीबी ने विनय कुमार चौबे को 20 मई को शराब घोटाला केस में गिरफ्तार किया था। उसके बाद से ही वे न्यायिक हिरासत में हैं।

    शराब घोटाला केस में चार्जशीट दाखिल नहीं होने से विनय कुमार चौबे को जमानत का लाभ मिल गया था, लेकिन हजारीबाग में जमीन घोटाला केस में भी गिरफ्तारी होने के चलते वे बाहर नहीं आ सके।

    उनके करीबी विनय सिंह भी शराब घोटाला केस में आरोपित थे। अब एसीबी ने उन्हें जमीन घोटाला केस में गिरफ्तार किया है।