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    Jharkhand News: राज्य में एनजीओ-पीएनडीटी स्कीम होगी लागू, सोनोग्राफी सेंटरों पर होगी कड़ी निगरानी

    Updated: Wed, 26 Feb 2025 03:28 PM (IST)

    झारखंड सरकार ने राज्य में लिंगानुपात में सुधार के लिए एनजीओ-पीएनडीटी योजना शुरू की है। इस योजना के तहत एनजीओ सभी रेडियोलॉजी और सोनोग्राफी सेंटरों की न ...और पढ़ें

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

    जागरण संवाददाता, रांची। सरकार अब एनजीओ-पीएनडीटी स्कीम लागू करने जा रही है, इसमें एनजीओ की मदद से सभी रेडियोलाजी और सोनोग्राफी सेंटरों की निगरानी कराएगी। यह निर्णय राज्य में लिंगानुपात में आ रहे अंतर को सही करने की दिशा में लिया गया है।

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    स्वास्थ्य विभाग के निदेशक प्रमुख ने जिलों के सभी सिविल सर्जनों को पत्र लिखकर पीसी पीएंडडीटी कार्यक्रम के तहत जिला अनुश्रवण समिति में उसे शामिल करने के निर्देश दिये हैं। इसके बाद एनजीओ चोरी-छुपे संचालित हो रहे अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर न केवल नजर रखेगी।

    मालूम हो कि पिछले कुछ वर्षाें में लगातार शिशु लिंगानुपात में हो रही कमी की वजह से सितंबर 1994 में पीसीपीएनडीटी एक्ट लागू किया गया था। लेकिन इसे और प्रभावी बनाने के लिए इसी एक्ट के तहत एनजीओ-पीएनडीटी स्कीम को लागू की जा रही है।

    वहीं, कन्या भ्रूण हत्या के लिए लोगों को प्रेरित करने वाले सोनोग्राफी सेंटरों पर भी नजर रखी जाएगी। इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से एनजीओ-पीएनडीटी स्कीम शुरू की गई है।

    एनजीओ कन्या भ्रूण हत्या रोकने तथा बेटियों की संख्या बढ़ाने के लिए जागरुकता कार्यक्रम चलायेगी। एनजीओ की रिपोर्ट सीधे केंद्र सरकार को भेजी जायेगी।

    उसके बाद ऐसे सेंटरों पर सीधी कार्रवाई की जा सकेगी। यह योजना पहले उन जिलों में शुरू की जाएगी, जहां प्रति हजार बेटों के मुकाबले बेटियों की संख्या बहुत कम है।

    रांची जिले में 279 अट्रासाउंड सेंटर चल रहे हैं

    • राज्य में कई अल्ट्रासाउंड सेंटर हैं जहां पर छापेमारी हो चुकी है और उसे भ्रूंण जांच करने के शक पर बंद भी किया जा चुका है।
    • जहां भी शिशु लिंग अनुपात कम, मातृ मृत्यु दर अधिक और जहां भी डाइग्नोसिस सेंटर की संख्या अधिक है, वहां इस स्कीम को पहले लागू किया जायेगा। रांची जिला में 279 अल्ट्रासांउड रेडियोलाजी सेंटर संचालित हो रहे हैं।
    • इसके अलावा इस स्कीम में राज्य सरकार की ओर से चयनित एनजीओ जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर लोगों को कन्या भ्रूण हत्या रोकने व बेटियों को बचाने के लिए जागरूक करेगी ताकि भ्रूण हत्या रोका जा सके।

    भ्रुण जांच न करने का देना होगा संकल्प

    हर महीने की एक से पांच तिथि तक हार्ड कापी को जिला पीसी एंड पीएंडटी कार्यालय में जमा कराने साथ ही एक कापी अपने सेंटर या क्लिनिक में सुरक्षित रखने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए प्रत्येक महीना पांच दिन तक का वक्त निर्धारित किया गया है।

    विभाग की जिला स्तरीय टीम ने इस मामले को उच्चाधिकारियों के पास भेज दिया है, जिसका पालन करना अनिवार्य बताया गया है। ऐसा नहीं करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने का प्रावधान है।

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