Smart Meter में गड़बड़ी या बिजली विभाग की लापरवाही, 1000-2000 रुपये आता था बिल; सीधे पहुंचा 5 हजार तो मचा हाहाकार
बिजली विभाग की लापरवाही के कारण शहर के उपभोक्ता परेशान हैं। 2 लाख 80 हजार स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं लेकिन 2 लाख 40 हजार उपभोक्ताओं को 4 माह से बिजली बिल नहीं मिला है। अब उन्हें एक साथ 4 माह का बिल जमा करना पड़ेगा। जहां उनका बिल 1000-2000 रुपये आता था वहीं अब उनका बिल 5 हजार रुपये तक पहुंच गया है।
जागरण संवाददाता, रांची। बिजली विभाग की लापरवाही के कारण शहर के उपभोक्ता त्राहिमाम कर रहे हैं। विभाग की ओर से अबतक शहर में 2 लाख 80 हजार स्मार्ट मीटर लग चुके हैं, जबकि पिछले 4 माह से शहर के 2 लाख 40 हजार उपभोक्ताओं को बिजली बिल नहीं मिल पाया है।
इन्हें अब एक साथ 4 माह का बिल जमा करना पड़ेगा, पैसा जमा नहीं करने पर जुर्माना लगेगा। गलती विभाग की है, हर्जाना उपभोक्ता भुगत रहे हैं। 4 माह का बिजली बिल लाखों का आ रहा है।
बरियातू निवासी उदय शंकर कुमार आरएमसीएच के कैंप पर पहुंचे तो उन्होंने बताया कि पहले 1000 से 1500 रुपये बिजली बिल आता था, 4 माह बिल 6000 से 8000 होना चाहिए, लेकिन अचानक बिजली बिल देखने पर पता चला है कि बिल 20 हजार आ गया है।
आरएचसीएच के चेशायर होम रोड निवासी धीरज कुमार का तो चार माह का बिल लगभग एक लाख रुपये आया है। विभाग भी यह बताने में सक्षम नहीं है कि आखिर जिन उपभोक्ताओं का बिजली बिल पहले 1000-2000 आता था, अब अचानक 5000 से 7000 हजार रुपये कैसे आ रहा है।
अधिक बिजली बिल आने पर उपभोक्ता अब सदमें में है। उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि वे कैसे इतना अधिक बिजली बिल का भुगतान करें, जबकि सरकार की ओर से 200 यूनिट बिजली मुफ्त दी जा रही है।
वहीं, कैंप में बड़ी संख्या में उपभोक्ता शिकायत लेकर पहुंच रहे है, जिन्हें दूर करने में विभाग का पसीना छूट रहा है। शनिवार को शहर के एक दर्जन से अधिक केंद्रों में बिजली विभाग की ओर से कैंप लगाकर उपभोक्ताओं की शिकायत सुनी गईं।
कोकर सहायक विद्युत आपूर्ति प्रमंडल में सुबह से ही लोगों की भीड़ कैंप में देखने को मिली। कोकर डिविजन में 390 शिकायत सुनी गई, जिसमें कोकर से 88, लालपुर से 72 और आरएमसीएच से 230 शिकायत शामिल हैं। वहीं सेंट्रल डिविजन के 268 शिकायतें आईं। जिसमें 241 मामलों को निपटारा ऑन-द-स्पोट दूर किया गया।
झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड की ओर से आयोजित दो दिवसीय बिजली कैंप में सबसे अधिक मामले मोबाइल अपडेट कराने को लेकर मिले। इसके बाद शिकायतों में स्मार्ट मीटर अपडेट, नाम बदली, नंबर बदली, लोड, स्मार्ट मीटर इंस्टालेशन, बिजली बिल पेंडिंग आदि शामिल रहे।
दो दिन में ही पहुंच गया 3,683 का बिजली बिल, अब सुनने वाला कोई नहीं
आरएमसीएच सहायक विद्युत आपूर्ति प्रमंडल कार्यालय में पहुंचे बांधगाड़ी निवासी आकाश उरांव ने बताया कि उनका अक्टूबर माह का बिजली बिल 4785 रुपये था, उन्होंने बताया कि वे 28 अक्टूबर को उन्होंने 5000 हजार रुपये जमा किए। इसके बाद उनके मीटर पर बकाया बैलेंस 215 रुपये दिखाया गया।
इसके बाद नवंबर 28 को उन्होंने बिजली बिल की जांच की तो उनका बिजली बिल 3412 रुपये था, और 30 नवंबर को 7095 रुपये हो गया। दो दिनों में ही अचानक बिजली बिल में लगभग 3,683 अधिक हो गया। कैंप पर पहुंचने पर भी उन्हें बिजली विभाग के कर्मचारी सही जानकारी नहीं दे पाएं।
कभी प्लस तो कभी माइनस में बताता है बिजली बिल
कोकर के तिरिल में रहने वाले रविकांत गुप्ता शनिवार को आरएमसीएच के बिजली विभाग के कैंप में पहुंचे। उन्हें पिछले 6 माह से बिजली बिल नहीं मिला था। उन्होंने अपनी पीड़ा बताई कि मैं अक्सर अपना बिजली बिल नियमित रूप से जमा करता हूं, मोबाइल में जांच करने पर बैलेंस प्लस में दिखाता है और एटीपी मशीन में पूछने पर बैलेंस माइनस में दिखाता है।
आखिर किस बिजली बिल को सही माने। उन्होंने बताया कि बिजली विभाग की लापरवाही के कारण आम आदमी परेशान है। कैंप लगाकर सिर्फ लोगों की शिकायत सुनी जा रही है, शिकायतों का समाधान नहीं हेा रहा है।
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