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    Smart Meter: 'स्मार्ट मीटर चंगा है और आगे मुफ्त में बिजली नहीं', नीतीश सरकार की विपक्ष को दो टूक

    बिहार में स्मार्ट मीटर को लेकर विवाद एक बार फिर सतह पर आता दिखाई दे रहा है। विधान परिषद में इससे जुड़े सवाल पर सरकार ने दो टूक जवाब दिया है। विपक्ष का आरोप है कि स्मार्ट मीटर सही रीडिंग नहीं दे रहे हैं और सरकार मुफ्त बिजली देने के नाम पर लोगों को ठग रही है। ऊर्जा मंत्री ने इन आरोपों को खारिज किया है।

    By Vikash Chandra Pandey Edited By: Yogesh Sahu Updated: Wed, 27 Nov 2024 11:16 AM (IST)
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    विधान परिषद में स्मार्ट मीटर को लेकर पूछे गए सवाल पर ऊर्जा मंत्री ने दिया जवाब।

    राज्य ब्यूरो, पटना। मंगलवार को विधान परिषद की पहली पाली में राजद के कुमार नागेंद्र ने बीपीएल परिवारों को स्मार्ट मीटर से मुक्त रखने और प्रतिमाह 200 यूनिट बिजली नि:शुल्क देने से संबंधित प्रश्न किया था। उनका तर्क था कि उपयुक्त वोल्टेज नहीं होने पर स्मार्ट मीटर की रीडिंग सही नहीं होती।

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    इसका उन्होंने तकनीकी आधार बताया। ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव ने ऐसे किसी भी विज्ञान को मानने से इनकार कर दिया। उन्होंने साफ कहा कि स्मार्ट मीटर बिजली के उपयोग के आधार पर चलता है। सरकार महंगी दर से बिजली खरीदकर सस्ती दर से उपभोक्ताओं को दे रही।

    मुफ्त बिजली देने का खामियाजा इन राज्यों से समझें

    • हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक की स्थिति से समझा जा सकता है कि नि:शुल्क बिजली देने का खामियाजा क्या होता है। 52 लाख से अधिक स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। शिकायत बड़ी होनी चाहिए, जो कि नहीं है।
    • हाल-फिलहाल केंद्रीय ऊर्जा मंत्री द्वारा आयोजित सेमिनार में पूरे देश में स्मार्ट मीटर लगाए जाने पर सहमति बनी है।
    • इस व्यवस्था से अवगत होने के लिए छह-सात राज्यों का प्रतिनिधिमंडल भी बिहार का भ्रमण कर चुका है। बीपीएल परिवारों को पहले से ही 50 यूनिट तक बिजली नि:शुल्क दी जा रही।
    • राज्य में बीपीएल श्रेणी के कुल लगभग 59 लाख उपभोक्ता हैं। उनमें से 10 लाख उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर है।
    • उन्हें सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के लिए निर्धारित टैरिफ (बिजली दर) में से अधिकांश हिस्से (73.4%) पर अनुदान दिया जा रहा है। यह दर 1.97 प्रति यूनिट है।

    ग्रामीण क्षेत्र में पुश बटन

    प्रीपेड मीटर का बैलेंस सात दिन के औसत खपत से कम होने पर एसएमएस से उपभोक्ता को सूचना दी जाती है। बैलेंस शून्य होने पर पुनः सूचना दी जाती है।

    उसके बाद ग्रामीण क्षेत्रों में पांचवें दिन और शहरी क्षेत्र में तीसरे दिन पूर्वाह्न 10:00 बजे से अपराह्न 02:00 बजे अपराह्ण के बीच बिजली आपूर्ति बंद की जाती है।

    ग्रामीण क्षेत्र के स्मार्ट प्रीपेड मीटर में ही पुश बटन की सुविधा दी गई है, जिसे उपयोग कर उपभोक्ता निगेटिव बैलेंस रहने पर भी तीन दिन तक अपना बिजली आपूर्ति चाल रख सकते हैं।

    • 7.42 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीद रही है बिहार सरकार
    • 5.42 रुपये प्रति यूनिट की दर से उपलब्ध करा रही उपभोक्ताओं को
    • 1.97 प्रति यूनिट की दर से बीपीएल परिवारों को दी जा रही है बिजली
    • 15343 करोड़ रुपये बिजली पर अनुदान दिया जाना है 2024-25 में

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