अब सरकारी दफ्तरों में भी लगेगा Smart Meter; गिरेगा मीटर तो गुल होगी बिजली, कवायद तेज
बिहार में प्रीपेड स्मार्ट मीटर से बिजली देने को लेकर एक ओर लोगों का विरोध-प्रदर्शन जारी है। वहीं दूसरी ओर बिजली विभाग ने सरकारी दफ्तरों में भी इसे लगाने के लिए कवायद तेज कर दी है। विभाग का मानना है इससे बिल चुकाने के लिए लंबी कतारों में खड़े रहने की झंझट से लोगों को मुक्ति मिल जाएगी। इसके अलावा बकाया राशि की वसूली में भी आसानी होगी।
संवाद सूत्र, बगहा। प्रीपेड स्मार्ट मीटर के माध्यम से विद्युत कनेक्शन को लेकर चल रही कवायद के बीच लोगों का विरोध जारी है। गंडक पार के चार प्रखंडों क्रमश: मधुबनी, ठकराहां, भितहां और पिपरासी में लोग मीटर लगाने का विरोध कर रहे।
बगहा एक प्रखंड के कई गांवों में भी इसको लेकर अभियान चल रहा। लेकिन, विद्युत विभाग के अधिकारी लोगों को यह बता रहे हैं कि स्मार्ट मीटर लगाने के दूरगामी परिणाम होंगे।
वजह यह कि विद्युत बिल जमा करने के लिए कार्यालयों का चक्कर काटने से हमेशा के लिए मुक्ति मिल जाएगी। विभागीय कवायद न सिर्फ आम उपभोक्ताओं बल्कि सरकारी दफ्तरों पर भी असर दिखा रही।
आलम यह है कि वन विभाग, बगहा पुलिस जिले के सभी थाने, अनुमंडल कार्यालय व रजिस्ट्री कार्यालय में स्मार्ट मीटर काम कर रहा।
उधर, अन्य दफ्तरों में भी मीटर लगाने की कवायद जारी है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह हुआ है कि लंबे समय से बड़े बकायेदारों की श्रेणी में शामिल सरकारी दफ्तरों से राजस्व वसूली करने में विभाग सफल होता दिख रहा है।
विभाग के अभियंताओं की मानें ताे अनुमंडल कार्यालय पर वर्तमान में करीब डेढ़ लाख, बगहा दो प्रखंड सह अंचल कार्यालय पर 33 हजार, रजिस्ट्री कार्यालय पर सवा लाख, शहरी पीएचसी पर 23 हजार, पुलिस महकमे पर करीब डेढ़ लाख, एसएसबी 21 वीं वाहिनी पर पांच लाख 39 हजार 452 रुपये व एसएसबी 65 वीं वाहिनी पर 21 हजार रुपये का बकाया है।
सबसे खस्ताहाल स्थिति बगहा नगर परिषद की है। परिषद प्रबंधन ने कुछ महीनों पूर्व करीब डेढ़ करोड़ रुपये विपत्र भुगतान मद में जमा किया।
इसके बावजूद अभी भी 50 लाख से अधिक का बकाया है। पीएचईडी विभाग भी इसमें पीछे नहीं व यह विभाग विद्युत महकमे का करीब 40 लाख रुपये का बकायेदार है।
विभाग के अभियंता बकाया वसूली के लिए दिन-रात अभियान चला रहे। बावजूद इसके स्थिति अभी भी संतोषजनक नहीं है।
तिगुना बिल वसूल रहा विभाग : जयेश
- समाजसेवी जयेश मंगल सिंह ने कहा कि विद्युत विभाग उपभोक्ताओं पर स्मार्ट मीटर थोप कर तिगुना बिल वसूली कर रहा। इंग्लैड जैसे साक्षर देश ने इस मीटर को नकार दिया।
- लेकिन, विभाग गरीब उपभोक्ताओं पर जबरन यह मीटर थोपने पर अमादा है। श्री सिंह ने कहा कि 400 रुपये कमाने वाले व्यक्ति से प्रतिदिन बिजली बिल के नाम से 100 से 200 रुपये प्रतिदिन की दर से वसूली की जा रही।
- यदि सरकारी दफ्तरों में स्मार्ट मीटर लग रहे तो फिर स्वत: अधिकारियों को इस बात का भान हो जाएगा।
स्मार्ट मीटर आज की जरूरत : आलोक
बगहा विद्युत सब स्टेशन के कार्यपालक अभियंता आलोक अमृतांशु बताते हैं कि सभी सरकारी दफ्तरों में स्मार्ट मीटर लगाने की कवायद 30 नवंबर तक पूरी कर ली जाएगी।
यदि रिचार्ज खत्म हुआ तो इन दफ्तरों की बिजली भी स्वत: कट जाएगी। सभी उपभोक्ताओं को यह मीटर अनिवार्य रूप से लगवाना चाहिए। कहते हैं कि स्मार्ट मीटर आज की जरूरत है।
इसका रिचार्ज मोबाइल रिचार्ज करने से भी आसान है। उपभोक्ता अपने जरूरत के हिसाब से रिचार्ज कर विद्युत उपभोग कर सकते हैं। इसमें किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं है।
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