Navratri 2025: मां दुर्गे को गोलियों से दी गई सलामी, झारखंड आर्म्ड पुलिस परिसर में शारदीय नवरात्र पर शक्ति की आराधना शुरू
Navratri 2025 झारखंड की राजधानी रांची स्थित झारखंड आर्म्ड पुलिस (जैप) परिसर में नौ दिनों तक चलने वाले शक्ति उपासना पर्व शारदीय नवरात्र की शुरुआत मां दुर्गे को गोलियों की सलामी के साथ हुई। शनिवार सुबह जवानों ने मां को सलामी दी। फिर विधिवत पूजा-अर्चना का शुभारंभ किया गया। गोरखा और नेपाली संस्कृति पुरातन समय से ही शक्ति के उपासक रहे हैं। मौके पर हथियारों की पूजा करते हैं।

जागरण संवाददाता, रांची। झारखंड की राजधानी रांची स्थित झारखंड आर्म्ड पुलिस (जैप) परिसर में नौ दिनों तक चलने वाले शक्ति उपासना पर्व शारदीय नवरात्र की शुरुआत मां दुर्गे को गोलियों की सलामी के साथ हुई।
शनिवार सुबह जवानों ने मां को सलामी दी। फिर विधिवत पूजा-अर्चना का शुभारंभ किया गया। यह सलामी कार्यक्रम विशेष आकर्षण का केंद्र होता है। इसमें परंपरागत सैन्य अनुशासन के साथ मां दुर्गा को सलामी दी गई।
यहां जैप के जवान मां दुर्गा की पूजा नेपाली परंपरा से करते हैं। गोरखा और नेपाली संस्कृति पुरातन समय से ही शक्ति के उपासक रहे हैं। वे इस मौके पर हथियारों की पूजा करते हैं।
सैनिक अनुशासन के साथ आध्यात्मिक आरंभ
जैप परिसर में तड़के सुबह जवानों ने अनुशासित परेड के साथ मां दुर्गा के जयकारे लगाए। इसके बाद मां दुर्गा के दरबार में सलामी दी गई।
जवानों ने पारंपरिक वेशभूषा में शक्ति की प्रतीक देवी दुर्गा की आराधना की। पुलिस बैंड के भक्ति गीतों के धुन के साथ वातावरण पूरी तरह भक्तिमय हो उठा।
पूजा-अर्चना में अधिकारी और जवानों ने लिया भाग
जैप-1 और जैप-10 के जवानों सहित कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने पूजा-अर्चना में भाग लिया। वैदिक मंत्रोच्चार के साथ घट स्थापना की गई और मां दुर्गा का आह्वान किया गया।
पूजा स्थल को विशेष रूप से सजाया गया था। अधिकारियों ने कहा कि यह आयोजन न सिर्फ आध्यात्मिक ऊर्जा देता है, बल्कि बल में एकता और अनुशासन को भी मजबूत करता है।
नौ दिन चलेगा विशेष धार्मिक आयोजन
नवरात्र के इन नौ दिनों में जैप परिसर में विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। हर दिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाएगी।
जवानों के बीच भजन-कीर्तन और आरती की विशेष व्यवस्था की गई है। साथ ही, दुर्गा सप्तशती का पाठ और कन्या पूजन जैसे कार्यक्रम भी शामिल हैं।
आस्था और अनुशासन का संगम
जैप परिसर में यह आयोजन सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि अनुशासन और संस्कृति का संगम है। यहां शक्ति की उपासना के साथ-साथ देश सेवा के लिए समर्पण भाव भी झलकता है। जवानों का यह आध्यात्मिक उत्सव उनके मानसिक बल और आत्मविश्वास को भी बढ़ाता है।
जनता के लिए भी आस्था का केंद्र
हालांकि यह आयोजन पुलिस बल के अंतर्गत होता है, लेकिन स्थानीय नागरिकों के लिए भी यह एक आकर्षण का केंद्र बन गया है।
नवरात्र के दौरान परिसर में दर्शन हेतु आने वालों की संख्या में इजाफा होता है। प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
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