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    स्विट्जरलैंड से रांची पहुंचीं मां आनंद शीला, अमेरिका में 64,000 एकड़ में रजनीशपुरम आश्रम की स्थापना में निभाई हैं महत्वपूर्ण भूमिका

    Updated: Tue, 23 Sep 2025 02:31 PM (IST)

    ओशो की नजदीकी सहयोगी और विश्व स्तर पर चर्चित शख्सियत मां आनंद शीला अपनी टीम के साथ स्विट्जरलैंड से पहली बार रांची पहुंचीं। मां आनंद शीला 1980 के दशक में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आईं। उन्होंने ओशो की सचिव के रूप में अमेरिका के ओरेगन में 64000 एकड़ में फैले रजनीशपुरम आश्रम की स्थापना और संचालन में अहम भूमिका निभाई।

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    स्विट्जरलैंड से पहली बार रांची पहुंचीं मां आनंद शीला।

    जागरण संवाददाता, रांची । ओशो की नजदीकी सहयोगी और विश्व स्तर पर चर्चित शख्सियत मां आनंद शीला अपनी टीम के साथ स्विट्जरलैंड से पहली बार रांची पहुंचीं।

    रांची के विकास कुमार बनर्जी और सुखेंदु गोप ने उनका स्वागत किया और उनसे मुलाकात की। मां आनंद शीला 1980 के दशक में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आईं।

    उन्होंने ओशो की सचिव के रूप में अमेरिका के ओरेगन में 64,000 एकड़ में फैले रजनीशपुरम आश्रम की स्थापना और संचालन में अहम भूमिका निभाई। यह विश्व के सबसे बड़े आध्यात्मिक प्रयोगों में से एक माना गया।

    उनका जीवन संघर्षों, साहस और असाधारण अनुभवों से भरा रहा है, जिसने फिल्मकारों को भी आकर्षित किया। हाल ही में बालीवुड निर्माता करण जौहर द्वारा निर्मित डाक्यूमेंट्री सर्चिंग फार शीला नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई, जिसने उनके जीवन को एक नई पीढ़ी तक पहुंचाया।

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    विकास कुमार बनर्जी ने कहा यह केवल रांची के लिए नहीं बल्कि पूरे झारखंड की गरिमा का विषय है। मां आनंद शीला अपने निजी दौरे पर आई हैं।

    वह 7 अक्टूबर तक रांची में रहेंगी। इस दौरान वे झारखंड की प्राकृतिक खूबसूरती को नजदीक से देखने की इच्छुक हैं। उनके सुझाव झारखंड पर्यटन के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं और राज्य को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान दिला सकते हैं।