Jharkhand Assembly का मानसून सत्र अगस्त के अंत तक शुरू होने की संभावना, शिबू सोरेन के निधन के कारण स्थगित हो गई थी कार्यवाही
झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र अगस्त के अंत तक शुरू होने की संभावना जताई जा रही है। शिबू सोरेन के निधन के कारण स्थगित हो गई थी। खतियान आधारित स्थानीयता एसटी-एससी व पिछड़ा वर्ग के आरक्षण वृद्धि सरना धर्म कोड और सरकार के विश्वासमत जैसे मुद्दों पर विशेष सत्र बुलाए गए हैं।

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड विधानसभा का शेष मानसून सत्र अगस्त के अंत में आहूत होने की संभावना है। यह सत्र पहले चार से सात अगस्त तक निर्धारित था, लेकिन झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के निधन के कारण मात्र एक दिन में स्थगित हो गया।
Jharkhand Assembly अध्यक्ष रबीन्द्रनाथ महतो ने शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि देते हुए शोक प्रस्ताव के बाद सत्र स्थगन की घोषणा की थी। चालू वित्तीय वर्ष के लिए प्रस्तावित पहला अनुपूरक बजट पारित करना आवश्यक है, जिसके लिए सत्र का पुनः आहूत होना जरूरी है।
संसदीय नियमों के अनुसार, विधानसभा अध्यक्ष को संविधान के अनुच्छेद 208(1) और कार्य संचालन नियमावली के नियम 16 व 301 के तहत विशेषाधिकार प्राप्त है। इसके अंतर्गत वे सत्रावसान से पहले सदन के नेता के परामर्श से सत्र पुनः बुला सकते हैं,बिना राज्यपाल या मंत्रिपरिषद की पूर्व स्वीकृति के।
Jharkhand Politics अगस्त के अंत में तीन दिवसीय सत्र की संभावना है, हालांकि अंतिम निर्णय अभी बाकी है। यह झारखंड के संसदीय इतिहास में पहला अवसर है, जब किसी प्रमुख राजनेता के निधन के कारण विधानसभा सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया गया।
शिबू सोरेन के निधन ने राज्य में शोक की लहर पैदा की। इससे पहले भी सत्रावसान से पूर्व सभा की बैठकें स्थगित की गई हैं, जैसे कि 1932 खतियान आधारित स्थानीयता, एसटी-एससी व पिछड़ा वर्ग के आरक्षण वृद्धि, सरना धर्म कोड और सरकार के विश्वासमत जैसे मुद्दों पर विशेष सत्र बुलाए गए हैं।
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