Jharkhand MNREGA: हेमंत सरकार ने मजदूरों को दी खुशखबरी! मनरेगा मजदूरों के खाते में सीधे पहुंच रहा भुगतान
झारखंड में मनरेगा कर्मियों के लिए अच्छी खबर है मानदेय का भुगतान नियमित हो गया है। केंद्रीय स्तर पर स्पर्श मॉड्यूल लागू होने से यह संभव हुआ है साथ ही फर्जी निकासी पर भी नियंत्रण हुआ है। हजारों मजदूरों को सीधे उनके खातों में भुगतान मिल रहा है। ग्रामीण विकास मंत्री के प्रयासों से भुगतान प्रक्रिया शुरू हुई है।

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड में मनरेगा के तहत दो बड़ी खबरें हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि महीनों से बंद पड़ा मानदेय भुगतान अब नियमित हो गया है। केंद्रीय स्तर पर स्पर्श माड्यूल लागू होने का फायदा मनरेगा कर्मियों को मिलता दिख रहा है।
दूसरी ओर, फर्जी निकासी पर भी नियंत्रण हुआ है। कई प्रखंडों में नियमित तौर पर मनरेगा कर्मियों को भुगतान मिलने लगा है और अब फर्जी निकासी की संभावना भी बंद हो गई है। सबसे बड़ी बात यह है कि सामग्री मद में भुगतान भी होने लगा है।
नई व्यवस्था में मनरेगा के तहत फर्जी निकासी पर भी नियंत्रण हुआ है। हजारों की संख्या में मजदूरों के खातों में सीधे राशि पहुंचने लगी है जिससे फर्जी भुगतान का मामला नियंत्रित हुआ है।
इस प्रकार मनरेगा से गड़बड़ियों को दूर करने में नई व्यवस्था सफल हुई है। पिछले दिनों ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने केंद्रीय मंत्री से मनरेगा के बकाए को लेकर बात की थी जिसके बाद भुगतान की प्रक्रिया शुरू हुई है।
हाल के दिनों में मनरेगा आयुक्त ने भी अपने स्तर से कई प्रयास करते हुए भुगतान को नियमित करने में सफलता पाई है।
लीची बागवानी की रफ्तार धीमी
राज्य सरकार ने ग्रामीण इलाकों में आम की बागवानी को मिली सफलता के बाद लीची के लिए प्रक्रिया की शुरुआत की थी लेकिन इसकी रफ्तार अभी धीमी पड़ी हुई है। इस रफ्तार के कारण सैकड़ों एकड़ में लीची के लिए प्रस्तावित बगान के निर्माण का कार्य रुक गया है।
झारखंड के दर्जनाधिक प्रखंडों में 105 एकड़ से अधिक भूखंडों पर लीची के पौधे लगाने का निर्णय पहले ही लिया जा चुका है लेकिन इस दिशा में सरकारी कोशिशों का परिणाम नहीं दिख रहा है।
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