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    पहलगाम पर CM सुक्खू से क्यों मांगा इस्तीफा? मंत्री जी के नए बयान ने और बढ़ाया कन्फ्यूजन

    मंत्री सुदिव्य कुमार ने पहलगाम हमले को लेकर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से इस्तीफे की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस घटना की जिम्मेदारी अभी तक किसी ने नहीं ली है। उन्होंने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि पार्टी के नेता इस मुद्दे पर गलत जानकारी फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहलगाम की घटना के लिए भी जवाबदेही तय होनी चाहिए।

    By Neeraj Ambastha Edited By: Piyush Pandey Updated: Fri, 25 Apr 2025 07:54 PM (IST)
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    झारखंड के मंत्री सुदिव्य कुमार। (फोटो एक्स)

    राज्य ब्यूरो, रांची। पहलगाम में आतंकी हमला के लिए हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से इस्तीफा की मांग करने वाले झारखंड सरकार के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा, नगर विकास तथा पर्यटन-कला संस्कृति मंत्री सुदिव्य कुमार ने सफाई दी है।

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    अपने बयान पर कायम मंत्री ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन बुलाकर मीडिया से कहा कि उन्होंने इस घटना के लिए हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग इसलिए की थी, क्योंकि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए अभी तक जिम्मेदारी तय नहीं हुई।

    न ही इस घटना के लिए किसी ने अपनी जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दिया है, जबकि रक्षा मंत्री एवं गृह मंत्री की पूरी विफलता के कारण यह घटना घटी है।

    भाजपा पर किया करारा हमला

    उन्होंने भाजपा को कुपढ़ों की जमात बताते हुए कहा कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी उनके भौगोलिक ज्ञान पर सवाल उठाते हुए उनके बयान को फूहड़ बता रहे हैं, लेकिन उनके ही प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष रवींद्र राय बता रहे हैं कि झारखंड की सीमा अंतर्राष्ट्रीय सीमा से सटी है।

    मंत्री ने आगे कहा कि वर्ष 1956 में जब रेल दुर्घटना हुई थी तो उस वक्त के तत्कालीन रेल मंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उसी तरह 1999 के रेल हादसे में तत्कालीन रेल मंत्री नीतीश कुमार ने इस्तीफा दिया था।

    'पहलगाम हमले में जवाबदेही तय हो'

    उन्होंने आगे कहा कि वर्ष 2008 में हुए मुंबई हमले में भी तत्कालीन गृह मंत्री शिवराज सिंह पाटिल ने अपनी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दिया था, लेकिन पहलगाम की घटना के लिए किसी की जवाबदेही तय नहीं हो रही है।

    उन्होंने जवाबदेही तय नहीं करने पर मीडिया की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि जब मीडिया अपना काम नहीं करती है तो यह काम नेताओं को करना पड़ता है। उन्होंने राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में अपने बयान में यह सवाल उठाया।

    इस क्रम में मंत्री ने कहा कि पहलगाम घटना को अंजाम देने वाले आतंकवादी 300 किमी टहलते हुए आ जाते हैं। इसके लिए देश के गृह मंत्री नैतिक जिम्मेदारी नहीं ले रहे तो हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए।

    उन्होंने आगे कहा कि जम्मू कश्मीर तो केंद्र शासित प्रदेश होने के कारण केंद्र के जिम्मे है। इसलिए महबूबा मुफ्ती और भगवंत सिंह मान को इस्तीफा देना चाहिए।

    इधर, महबूबा मुफ्ती के इस्तीफा देने के मंत्री के बयान पर भी यह कहते हुए सवाल उठाए जा रहे हैं कि मंत्री को इसकी भी जानकारी नहीं है कि मुफ्ती जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री नहीं हैं।

    राष्ट्रीय शोक घोषित नहीं होने पर उठाए सवाल

    मंत्री ने पहलगाम आतंकी घटना पर राष्ट्रीय शोक घोषित नहीं होने पर भी सवाल उठाया। उन्होंने इसे राष्ट्रीय आपदा का विषय बताते हुए कहा कि राष्ट्रीय शोक घोषित होता तो इस घटना में मारे गए लोगों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होती।

    मंत्री ने दिया था यह बयान

    पहलगाम हमले के बाद झारखंड के मंत्री सुदिव्य कुमार ने हिमाचल के सीएम सुक्खू से उनका इस्तीफा मांगा था। अन्य राजनीतिक पार्टियां उनके इस बयान पर उन्हें घेरने लगी, जिस पर मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने इस बयान पर सफाई दी।

    उन्होंने कहा कि किसी ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली, इस वजह से मैने सीएम सुक्खू, भगवंत मान और महबूबा मुफ्ती के इस्तीफे देने की बात कही। उनके इस बयान के बाद लोगों का कन्फ्यूजन और बढ़ गया है, क्योंकि महबूबा मुफ्ती जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री नहीं हैं।

    मंत्री सुदिव्य के बयान से राज्य को हो रही शर्मिंदगी : बाबूलाल

    वहीं, दूसरी ओर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार में मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू के बयानों से राज्य का मजाक उड़ाया जा रहा है।

    बाबूलाल मरांडी ने कहा कि गुरुवार को सुदिव्य सोनू ने पहलगाम आतंकी हिंसा के संवेदनशील मुद्दे पर व्यंग किया था। लेकिन शुक्रवार को इस पर गलती मानने की जगह उन्होंने बेशर्मी की सारी सीमाएं लांघ दी।

    मरांडी ने कहा कि पूरा देश जानता है कि 27 पर्यटकों की निर्मम हत्या का कारण उनका हिंदू होना था। अगर सुदिव्य कुमार सच बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे, तो कम से कम उन्हें ऐसे गैर जिम्मेदाराना बयान देकर राज्य के लोगों को शर्मिंदा करने से बचना चाहिए।

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