मंत्री हफीजुल के बयान पर सियासी घमासान, बाबूलाल बोले- बर्खास्त करें सीएम; राहुल गांधी को भी दे दी ये सलाह
झारखंड के मंत्री हफीजुल हसन के एक बयान ने राज्य में सियासी घमासान मचा दिया है। मंत्री ने कथित तौर पर शरीयत को संविधान से बड़ा बताया है। भाजपा ने इस बयान की तीखी आलोचना की है और मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की है। दूसरी ओर मंत्री ने सफाई देते हुए कहा है कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड के अल्पसंख्यक कल्याण तथा जल संसाधन विभाग के मंत्री हफीजुल हसन के एक बयान पर राज्य में सियासी घमासान मचा है।
मंत्री हफीजुल के रांची में एक न्यूज चैनल को दिए गए इंटरव्यू का एक अंश इंटरनेट मीडिया पर वायरल है, जिसमें कथित तौर पर उन्होंने शरीयत (कुरान पर आधारित इस्लामी कानून) और संविधान की तुलना करते हुए शरीयत को संविधान से बड़ा बताया है।
वीडियो में मंत्री यह कहते हुए दिख रहे हैं कि `शरीयत मेरे लिए बड़ा है। हम कुरान सीने में रखते हैं और हाथ में संविधान रखते हैं।`
हालांकि दैनिक जागरण वायरल वीडियो की सत्यता का दावा नहीं करता। उधर, मंत्री के इस बयान की भाजपा नेताओं ने तीखी आलोचना की है।
शरीयत को संविधान से पहले रखने को भाजपा ने इस्लामिक एजेंडा चलाने की कोशिश बताया है। दूसरी ओर मामला बढ़ने पर मंत्री हफीजुल हसन अंसारी ने सफाई देते हुए कहा है कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है।
हम संविधान में पूरा भरोसा रखते हैं और शरीअत का भी अपना स्थान है। लोग हनुमानजी को अपने दिल में रखते हैं। यह बात को कहने का अपना-अपना तरीका है, लोग इसपर बेवजह विवाद खड़ा कर रहे हैं।
राहुल गांधी को मरांडी ने दे दी सलाह
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और झारखंड विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी ने इस संबंध में एक्स पर अपनी कड़ी टिप्पणी पोस्ट की।
उन्होंने मंत्री के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा है कि अगर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की संविधान के प्रति आस्था है तो उन्हें तुरंत मंत्री हफीजुल हसन को बर्खास्त करना चाहिए।
नहीं तो यही माना जाएगा कि झामुमो और कांग्रेस के नेता संविधान बचाने का ढोंग करते हैं। इस प्रकार के लोग खुद को संविधान से ऊपर मानते हैं।
मरांडी ने क्या लिखा?
मरांडी ने लिखा कि मंत्री हफीजुल हसन के लिए संविधान नहीं, शरीयत मायने रखता है। मंत्री अपने लक्ष्य के प्रति स्पष्ट हैं और सिर्फ अपनी कौम के प्रति वफादार।
चुनाव के समय गरीब, दलित और आदिवासियों के सामने हाथ जोड़कर वोट मांगा और अब अपना इस्लामिक एजेंडा चलाने की कोशिश कर रहे हैं।
हफीजुल की यह कट्टर सोच पूरे प्रदेश विशेषकर संताल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठ को संरक्षण दे रही है, जो प्रदेश की सांस्कृतिक पहचान और आदिवासी अस्मिता के लिए खतरा बनती जा रही है।
बाबूलाल मरांडी ने इस संबंध में गिरिरडीह परिसदन में भी प्रेस वार्ता कर झामुमो व हफीजुल पर हमला बोला।
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