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    Jharkhand Politics: शरीयत-संविधान के बाद अब हनुमान का लिया नाम, हेमंत के मंत्री हसन ने क्यों दी सफाई?

    झारखंड के अल्पसंख्यक कल्याण एवं जल संसाधन मंत्री द्वारा दिए गए एक बयान पर झारखंड की सियासत गरमा गई है। हालांकि झारखंड के मंत्री हफीजुल हसन ने अपने कथित बयान अब सफाई दे दी है। उन्होंने कहा कि मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। उन्होंने कहा कि मंत्री संविधान में विश्वास करता है और उसी के अनुसार काम करता है।

    By Jagran News Edited By: Piyush Pandey Updated: Mon, 14 Apr 2025 06:26 PM (IST)
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    झारखंड के मंत्री हफीजुल हसन ने दिया विवादित बयान। (फोटो एक्स)

    डिजिटल डेस्क, रांची। झारखंड के अल्पसंख्यक कल्याण एवं जल संसाधन मंत्री द्वारा दिए गए एक बयान पर झारखंड की सियासत गरमा गई है। जिसके बाद से बीजेपी सहित अन्य पार्टियों के नेता उन पर हमलावर हैं।

    झारखंड के मंत्री हफीजुल हसन ने अपने कथित बयान 'पहले शरीयत, फिर संविधान' पर अब सफाई दी है। उन्होंने कहा कि मैंने मैं नहीं कहा, मैंने हम कहा। पूरा बयान देखिए। मैं मंत्री हूं, हम में सभी शामिल हैं। मंत्री संविधान में विश्वास करता है और उसी के अनुसार काम करता है।

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    उन्होंने आगे कहा कि शरीयत का भी अपना स्थान है। लोग हनुमान जी को अपने दिल में रखते हैं, यह कहने का एक तरीका है। मैंने भी कुछ ऐसा ही कहा। सब लोग इसे तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं। जब आप पूरे 5-6 मिनट देखेंगे तो आपको पता चल जाएगा कि मैंने क्या कहा था।

    दिया था विवादित बयान

    दरअसल, पिछले दिनों इंटरव्यू देते हुए हफीजुल हसन ने शरीयत को संविधान से बड़ा बता दिया था। हफीजुल हसन ने कहा था कि पहले शरीयत, फिर संविधान।

    उन्होंने आगे कहा था कि हम कुरान को सीने में रखते हैं और हाथ में संविधान रखते हैं। उन्होंने अपने बयान में कहा था कि मुसलमान के दिल में शरीयत होता है और हाथ में संविधान, इस वजह से हम पहले शरीयत को पकड़ते हैं। उनके इस बयान के बाद से झारखंड में सियासत गरमा गई है।

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