महिलाओं के साथ पुरुष भी उठा रहे थे मंईयां सम्मान योजना का लाभ, अब हेमंत सरकार ने उठाया बड़ा कदम
झारखंड में मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। बिहार और बंगाल की 172 महिलाओं ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे 9.57 लाख रुपये की राशि हड़प ली। पूर्वी सिंहभूम जिले में मामला दर्ज किया गया है और जांच शुरू हो गई है। बोकारो में भी 11200 से ज्यादा फर्जी आवेदन मिले। सरकार ने योजना को पारदर्शी बनाने के लिए नया पोर्टल लॉन्च किया है।

राज्य ब्यूरो, रांची। बिहार के किशनगंज जिले के ठाकुरगंज क्षेत्र की 40 और बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले (चोपड़ा क्षेत्र) की 132 महिलाओं ने फर्जी दस्तावेजों और पते का उपयोग कर इस झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना का लाभ उठाया।
इन 172 महिलाओं ने राज्य के पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला अनुमंडल के हेंदलजुड़ी पंचायत के छोलगोड़ा गांव में इस योजना में सेंध लगाई। जांच में पता चला कि छोलगोड़ा गांव का फर्जी पता देकर तीन किस्तों में इन लोगों ने कुल 9.57 लाख रुपये की राशि अपने खातों में हस्तांतरित कराकर उसे तुरंत निकाल भी लिया।
फर्जीवाड़ा यहीं तक सीमित नहीं रहा। सिर्फ महिलाओं के लिए लागू इस योजना का पुरुषों ने भी लाभ उठाया। सॉफ्टवेयर में खामी की आड़ में 40 पुरुषों ने भी फर्जी दस्तावेजों के जरिए इस योजना का लाभ उठाया।
बोकारो जिले में भी 11,200 से अधिक फर्जी आवेदन स्वीकृत होने का मामला सामने आया, जिसमें बंगाल के यूसूफ नामक एक ही व्यक्ति के बैंक खाते का 95 बार इस्तेमाल किया गया।
राज्य की महिलाओं के हक में सेंधमारी
झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री मंंईयां सम्मान योजना का उद्देश्य राज्य की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। इस योजना के तहत 18 से 50 वर्ष की आयु की पात्र महिलाओं को हर माह 2,500 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
यह राशि महिलाओं के स्वास्थ्य, पोषण और स्वच्छता जैसे बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में सहायता करती है, जिससे उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है। योजना की शुरुआत अगस्त 2023 में हुई थी और इसे दिसंबर 2024 से 1,000 रुपये से बढ़ाकर 2,500 रुपये मासिक कर दिया गया।
झारखंड सरकार 56 लाख महिलाओं को लाभ पहुंचा रही है। फर्जी तरीके से इसका लाभ उठाने वालों ने राज्य की महिलाओं के हक में सेंधमारी की है।
सख्त जांच और एफआईआर दर्ज
फर्जीवाड़े के हालिया खुलासे के बाद झारखंड सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी के निर्देश पर गालूडीह थाने में 172 फर्जी लाभार्थियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग ने पूर्वी सिंहभूम समेत सात जिलों में 77,000 आवेदनों के भौतिक सत्यापन का आदेश दिया है। इसके अलावा, राज्य के सभी जिलों में लाभार्थियों की व्यापक जांच शुरू की गई है ताकि केवल पात्र महिलाओं को ही योजना का लाभ मिले।
पारदर्शी बनाने के लिए नया पोर्टल
मंईयां सम्मान योजना को पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए सरकार ने नया पोर्टल लांच किया है, जहां बीडीओ और सीओ आवेदनों की ऑनलाइन स्वीकृति और शिकायत दर्ज कर सकते हैं। यह घोटाला सॉफ्टवेयर सुरक्षा और प्रशासनिक जवाबदेही में सुधार की आवश्यकता को रेखांकित करता है।
झारखंड सरकार का यह प्रयास है कि पारदर्शिता सुनिश्चित हो ताकि योजना का लाभ केवल पात्र महिलाओं तक पहुंचे, जिससे इसका उद्देश्य सार्थक हो सके।
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