Neera Yadav: कौन हैं नीरा यादव? जिन्हें झारखंड विधानसभा में बनाया जा सकता है नेता प्रतिपक्ष
Jharkhand Political News कोडरमा से लगातार तीसरी बार जीत हासिल करने वाली भाजपा विधायक डॉ नीरा यादव के झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाने की प्रबल संभावना दिख रही है। भाजपा अब विधानसभा में एक महिला चेहरा को आगे कर झारखंड के लोगों को बड़ा संदेश दे सकती है। नीरा यादव कोडरमा में कद्दावर नेता मानी जाती हैं। भाजपा उन्हें कल्पना सोरेन का विकल्प बना सकती है।
जागरण संवाददाता, कोडरमा। Who is Neera Yadav: कोडरमा से भाजपा नेता डॉ. नीरा यादव की लगातार तीसरी बार जीत के बाद उन्हे विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाने की प्रबल संभावना दिख रही है। अगर ऐसा होता है तो भाजपा को एक मजबूत महिला चेहरा मिल जाएगा जिसे कल्पना सोरेन की काट के रूप में देखा जा सकता है।
कौन हैं नीरा यादव?
नीरा यादव कोडरमा से तीसरी बार विधायक बनी हैं। विधानसभा चुनाव में नीरा यादव ने राजद के सुभाष यादव को 5815 वोटों से पराजित किया। गौरतलब है कि बीजेपी ने नीरा यादव को तीसरी बार कोडरमा से अपना प्रत्याशी बनाया था।
कोडरमा जिला परिषद की अध्यक्ष रह चुकीं नीरा यादव
साल 2014 से पहले कोडरमा जिला परिषद की उपाध्यक्ष रही डा. नीरा यादव को 2014 में पहली बार भाजपा ने टिकट देकर कोडरमा विधानसभा से उम्मीदवार बनाया था।
विधायक बनने के बाद ही राज्य की शिक्षा मंत्री बनी थीं। फिर 2019 में वे दुबारा विधायक चुनी गयीं और 2024 के विधानसभा चुनाव में भी लगातार जीत हासिल की। कोडरमा सीट पर पहले चरण में 13 नवंबर को वोट डाले गए थे।
2014 में कोडरमा में पहली बार भाजपा का परचम लहराया था
डॉ. नीरा यादव ने 2014 के चुनाव के तब के राजद प्रत्याशी अन्नपूर्णा देवी को हराकर कोडरमा में पहली बार यहां भाजपा का परचम लहराने में कामयाबी हासिल की थी। जिला परिषद की उपाध्यक्ष बनने से पूर्व नीरा यादव महिला कालेज में बतौर प्रोफेसर कार्यरत थी।
नीरा यादव का परिवार
उनके पति विजय यादव व्यवसाई है, जबकि उनके दो बेटे विशाल कृष्ण और हर्षित कृष्ण है, जबकि उनकी इकलौती पुत्री की शादी हो चुकी है।
अपने परिवार के साथ नीरा यादव
झारखंड विधानसभा में इसबार 12 महिला विधायक
राज्य में छठी विधानसभा में 12 महिला विधायक चुन कर पहुंची हैं। झामुमो, कांग्रेस और भाजपा जैसी बड़ी पार्टियों में महिला विधायकों को जनता ने अपना प्रतिनिधि बनाकर भेजा है। मंत्रिमंडल में ग्रामीण विकास विभाग की जिम्मेदारी दीपिका पांडेय सिंह के पास है तो कृषि विभाग की जिम्मेदारी शिल्पी नेहा तिर्की संभाल रही हैं।
शहरी और ग्रामीण दोनों जगह रही महिलाओं की स्वीकार्यता
छठी विधानसभा के लिए आईं महिला विधायकों में जमशेदपुर पूर्वी सीट से पूर्णिमा दास साहू और झरिया से रागिनी सिंह हैं। दोनों ही शहरी सीट है और यहां से ये पहली बार विधायक बनी हैं।
इसी तरह जामा और महगामा जैसी ग्रामीण मानी जाने वाली सीट से लुईस मरांडी और दीपिका सिंह पांडेय हैं।
यानि महिला नेतृत्व की स्वीकार्यता राज्य के हर क्षेत्र में है। इनमें आदिवासी सुरक्षित सीट और सामान्य सीट दोनों शामिल हैं। पाकुड़ की सामान्य सीट से अल्पसंख्यक समुदाय की निशात आलम चुनाव जीतकर आई हैं।
राजनीतिक फलक पर चमक रहीं कल्पना
राज्य में बढ़ती महिला शक्ति का प्रमुख उदाहरण गांडेय से विधायक चुनी गईं कल्पना सोरेन हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ने विधानसभा चुनाव के लिए हुए प्रचार में भी सौ से अधिक सभाएं की।
वह सभी महत्वपूर्ण मौकों पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ दिखती हैं। राजनीतिक फलक पर तेजी से उभरकर उन्होंने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है।
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