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    Mushroom ki Kheti: बेहद आसान है मशरूम की खेती, कम निवेश पर 20 गुना तक मुनाफा, इन तरीकों से करें मोटी कमाई

    Updated: Sun, 18 Feb 2024 03:56 PM (IST)

    Mushroom ki Kheti Kaise Karen आपने अपने आस-पास सुना होगा फलां व्यक्ति या फलां किसान अपने घर के कमरे से खेती शुरू कर आज के समय लाखों रुपये कमा रहा है। आपको भी सुन कर आश्चर्य होता होगा कि आखिर कोई एक कमरे में खेती कर कैसे लाखों रुपये महीने का कमा रहा है। आसान तरीकों से आप भी कमा सकते हैं।

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    मशरूम की खेती कर कमाएं लाखों का मुनाफा (जागरण)

     संवाद सूत्र, रजौली। Mushroom ki Kheti Kaise Karen: आपने अपने आस-पास सुना होगा फलां व्यक्ति या फलां किसान अपने घर के कमरे से खेती शुरू कर आज के समय लाखों रुपये कमा रहा है। आपको भी सुन कर आश्चर्य होता होगा कि आखिर कोई एक कमरे में खेती कर कैसे लाखों रुपये महीने का कमा रहा है।

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    प्रखण्ड क्षेत्र के परांचक समेत अन्य कई गांवों में दर्जनों किसान मशरूम की खेती कर लागत का 20 गुना तक मुनाफा कमा रहे हैं।मशरूम की खेती करने के लिए आपको अपने कमरे में सिर्फ बांस की झोंपड़ी बनानी है।उसी में आपको मशरूम उगाना है।

    मशरूम की खेती में लगने वाला खाद गेहूं या चावल के भूसे और कुछ केमिकल्स को मिलाकर खाद तैयार किया जाता है,जिसके बनने में एक महीना का समय लगता है।खाद तैयार होने के बाद आपको अपने कमरे में किसी सख्त जगह पर 6-8 इंच मोटी परत बिछाकर मशरूम के बीज लगाना है और उसे तैयार किए गए कंपोस्ट से ढ़क दिया जाता है।

    यहां ध्यान देने वाली बात है कि मशरूम की खेती खुले में नहीं होती इसके लिए आपको शेड वाली जगह की जरूरत होती है। परांचक गांव के किसान राधे प्रसाद,बभनी गांव के किसान भोला प्रसाद व आनंदी प्रसाद एवं हरदिया की सरला देवी समेत दर्जनों किसान मशरूम की खेती कर अपने परिजनों का पालन-पोषण करने में जुटे हुए हैं।

    उन्होंने कहा कि मशरूम बाजार में 250 से 350 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव से बिक जाता है।वहीं सरकार द्वारा एक जिला,एक उत्पाद कार्यक्रम चलाया जा रहा है।

    जिससे रोजगार के बढ़ने की असीम संभावनाएं हैं।इसके तहत संबंधित जिला को औद्योगिक पहचान मिलेगी।इससे संबंधित क्षेत्रों में आधारभूत संचरना को देखते हुए एरिया विकसित होंगे।

    इन जिलों में संबंधित उत्पादों सेवा एवं उत्पादन यूनिट स्थापित करने के लिए ओडीओपी योजना से 50 लाख रुपये तक ऋण मिल सकेगा।किसानों और बेरोजगारों लोगों का रुझान पारंपरिक खेती से हटकर मशरूम की खेती की तरफ बढ़ रही है।

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