अनिल महतो को कैसे मिला 'टाइगर' का टाइटल? सियासी सफर में देखे कई उतार-चढ़ाव
रांची में बुधवार को दिनदहाड़े भाजपा नेता अनिल महतो की गोली मारकर हत्या कर दी गई जिसके बाद आज एकदिवसीय रांची बंद बुलाया गया है। अनिल महतो टाइगर नाम से मशहूर थे छात्र आंदोलन में सक्रिय अनिल महतो को साल 1995 में छात्रों ने टाइगर उपनाम दिया। वहीं आजसू के साथ उन्होंने अपने सियासी सफर की शुरुआत की। साल 2018 में अनिल महतो ने भाजपा ज्वाइन की थी।
जागरण संवाददाता, रांची। Anil Tiger Murder: झारखंड में टाइगर उपनाम बहुत मिल जाएंगे, अनिल महतो भी अनिल टाइगर के नाम से मशहूर थे। छात्र जीवन से ही वे राजनीति में सक्रिय हो गए थे। झारखंड आंदोलन से लेकर विवि में रहते हुए छात्र हित की लड़ाई भी लड़ते रहे।
1995 में मिला टाइगर उपनाम
रांची विश्वविद्यालय के पीजी हास्टल में रहते समय वे झारखंड आंदोलन में सक्रिय रहे, साल 1995 में छात्रों ने टाइगर नाम दे दिया। इसके बाद यह उपनाम की तरह उनके नाम से चिपक गया। आजसू भी उस दौर में सक्रिय रही। अनिल टाइगर ने आजसू का दामन थाम लिया।
अनिल महतो का सियासी सफर
- सुदेश महतो से मिलकर रांची में आजसू पार्टी को मजबूती प्रदान करने में अनिल महतो ने अपना अहम योगदान दिया। 1998 में कुर्मी छात्र संघ के अध्यक्ष बने।
- 2001 में वे रांची विश्वविद्यालय के आजसू के संयोजक बन गए। 2010 में आजसू पार्टी के जिला सचिव बने। 2010 में कांके विधानसभा के आजसू प्रभारी भी थे।
2018 में थामा बीजेपी का दामन
पांच साल बाद 2015 में कांके के जिला परिषद सदस्य बन गए। 2016 में आजसू पार्टी के जिला अध्यक्ष बने। आजसू के बाद वे 2018 में भाजपा में शामिल हो गए और अभी प्रदेश कार्यसमिति सदस्य थे।
2000 में दिल्ली संसद भवन के घेराव में भी हुए शामिल
सामाजिक कार्यकर्ता ओम प्रकाश महतो ने बताया कि वे 2000 में दिल्ली में संसद भवन के घेराव में भी शामिल हुए थे। यह घेराव झारखंड राज्य अलग करने की मांग को लेकर था, जिसमें उनके मित्र मनोज डुमरियार, संदीप महतो भी गए थे।
जिप सदस्य रहने के दौरान अनिल महतो ने जिप अध्यक्ष के विरोध में अविश्वास प्रस्ताव भी लाया था। हालांकि, अविश्वास प्रस्ताव गिर गया था। श्री महावीर मंडल रांची महानगर के अध्यक्ष कुणाल अजमानी ने घटना पर आक्रोश व्यक्त किया है।
हत्या के दो दिन पहले बने थे महावीर मंडल के अध्यक्ष
भाजपा नेता अनिल टाइगर दो दिन पहले लगातार पांचवीं बार कांके महावीर मंडल का अध्यक्ष बने थे। हर वर्ष रामनवमी में अनिल भव्य झांकी निकालते थे, इस बार भी रामनवमी को लेकर अनिल पूरी तैयारी में लगे हुए थे। वह कांके इलाके में चर्चित थे।
रामनवमी की तैयारी के लिए घर से निकले
अनिल महतो का कोकर के अलावा कांके में भी घर है, घर में कई किराएदार रहते हैं। अनिल अपने घरवालों को बोलकर गए थे कि रामनवमी की तैयारी करने जा रहे हैं।
मांदर बजाते भाजपा नेता अनिल टाइगर (फाइल फोटो)
शाम में जल्दी घर आ जाएंगे, लेकिन घर जाने से पहले अपराधियों ने घटना को अंजाम दे दिया। अनिल का बेटा सूरज कुमार भी इस बारे में कुछ नहीं बता पा रहा है।
ये भी पढ़ें
रांची में दिनदहाड़े भाजपा नेता का मर्डर, टाइगर अनिल महतो को सिर में मारी गोली; कल रांची बंद का एलान
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।