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    Kalpana Soren: शिबू सोरेन के नक्शेकदम पर बहू, जहां से ससुर ने फूंका था सियासी बिगुल; वहीं पहुंचीं कल्पना सोरेन

    राजनीति में संकेतों और संदेशों का काफी महत्व है। हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद खाली जगह को भरने के लिए उनकी पत्नी कल्पना ने खुद मोर्चा संभाल लिया और सार्वजनिक जीवन में उतरने का फैसला लिया है। पहले जन्मदिन पर तीन मार्च को जेल जाकर पति से मुलाकात की। इसके बाद वहां पहुंची जहां से शिबू सोरेन ने महाजनी प्रथा के विरुद्ध शंखनाद किया था।

    By Pradeep singh Edited By: Shashank Shekhar Updated: Tue, 05 Mar 2024 01:47 PM (IST)
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    Kalpana Soren: शिबू सोरेन के नक्शेकदम पर बहू, जहां से ससुर ने फूंका था सियासी बिगुल;

    राज्य ब्यूरो, रांची। राजनीति में संकेतों और संदेशों का काफी महत्व है। पति हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद रिक्त हुए स्थान को भरने के लिए कल्पना सोरेन ने जब सार्वजनिक जीवन में उतरने का निर्णय किया तो कुछ ऐसा ही नजर आया। पहले उन्होंने अपने जन्मदिन के मौके पर तीन मार्च को जेल जाकर पति से मुलाकात की।

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    इसके बाद झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन के यहां पहुंचकर आशीर्वाद लिया। सोमवार को वह गिरिडीह के पीरटांड में उसी इलाके में थीं, जहां से शिबू सोरेन ने महाजनी प्रथा के विरुद्ध शंखनाद किया था। आदिवासी महिलाओं की पारंपरिक साड़ी पहने कल्पना सोरेन ने जाहेरथान में विधिवत पूजा-अर्चना की।

    गिरिडीह में झामुमो के स्थापना दिवस समारोह में भावुकता भरा उनका भाषण समर्थकों ने गंभीरता से सुना। इस दौरान उनकी आंखों से आंसू भी छलके तो खुद को संभालवा और मुट्ठी भींचकर राजनीतिक विरोधियों पर प्रहार किया।

    हेमंत सोरेन की विधानसभा सीट का दौरा करेंगी कल्पना सोरेन

    दरअसल, कल्पना सोरेन के लिए राजनीतिक मैदान खुला है। लोकसभा चुनाव में राज्य में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा का मिशन भाजपा को उसकी मौजूदा सीटों से पीछे धकेलना है। हालांकि, यह आसान काम नहीं है, लेकिन कल्पना सोरेन का उपयोग मोर्चा के रणनीतिकार बड़े पैमाने पर करेंगे, इतना तय हो चुका है।

    गिरिडीह के बाद उनका साहिबगंज के बरहेट जाने का कार्यक्रम है। बरहेट विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व हेमंत सोरेन करते हैं। ऐसे में उनका दौरा महत्वपूर्ण होगा। उनकी राजनीतिक कवायद विधानसभा चुनाव का पूर्वाभ्यास है, जो इस वर्ष के अंतिम महीने में प्रस्तावित है।

    पिछले विधानसभा चुनाव में सारे आकलन को ध्वस्त करते हुए झामुमो सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी थी। इस बार हेमंत सोरेन की अनुपस्थिति में विधानसभा चुनाव हुए तो इस प्रदर्शन को दोहराने की चुनौती होगी।

    फिलहाल, पति की गिरफ्तारी के बाद उनका राजनीतिक उत्तराधिकार संभालने की कोशिश में कल्पना सोरेन हैं। सहानुभूति हासिल कर भाजपा के खिलाफ गोलबंदी की कारगर रणनीति पर झामुमो का नेतृत्व काम कर रहा है।

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