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    Hemant Soren '...जितना तपाओगे, उतना निखरेंगे', ED के सुप्रीम कोर्ट जाने पर भड़की JMM, चमरा लिंडा पर कही ऐसी बात

    Jharkhand Politics हेमलाल मुर्मू ने बाबूलाल मरांडी द्वारा झामुमो के आदिवासी नेताओं को पार्टी की पालकी ढ़ोनेवाले वाला बताए जाने पर पलटवार किया है। हेमलाल मुर्मु ने कहा कि बाबूलाल खुद भाजपा की पालकी ढो रहे हैं। वे अब किसी भी कीमत पर दोबारा राज्य के मुख्यमंत्री नहीं बन सकते। इस दौरान उन्होंने भाजपा पर साजिश के तहत हेमंत सोरेन को जेल में डालने का भी आरोप लगाया।

    By Neeraj Ambastha Edited By: Mohit Tripathi Updated: Wed, 10 Jul 2024 10:10 AM (IST)
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    हेमंत सोरेन की जमानत के खिलाफ ईडी के सुप्रीम कोर्ट जाने पर भड़की झामुमो।

    राज्य ब्यूरो, रांची। झामुमो प्रवक्ता हेमलाल मुर्मू ने मंगलवार को हेमंत सोरेन की जमानत के खिलाफ ईडी के सुप्रीम कोर्ट जाने पर हमला बोला। उन्होंने बाबूलाल मरांडी के झामुमो के आदिवासी नेताओं को पार्टी की पालकी ढोने के आरोपों पर भी पलटवार किया। 

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    बाबूलाल मरांडी के बयान पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि बाबूलाल मरांडी खुद भाजपा की पालकी ढ़ोते रहें। वे किसी भी कीमत पर अब झारखंड के मुख्यमंत्री नहीं बन सकते हैं।

    उन्होंने कहा कि बाबूलाल संताल परगना या किसी भी आदिवासी क्षेत्र में चाहे जितना जोर लगा लें, न तो उन्हें न भाजपा को अब आदिवासी समाज अपनाने जा रही है।

    हेमंत का मतलब सोना...

    हेमलाल ने कहा कि पांच महीने तक भाजपा की साजिश के कारण हेमंत सोरेन पांच महीने जेल में रहे। बिना प्रमाण के कठिन कारावास की सजा काटी। लेकिन भाजपा वाले भूल गए कि हेमंत का मतलब होता है सोना। सोना को जितना तपाओगे, उतना अधिक और निखरेगा।

    ईडी के सुप्रीम कोर्ट जाने पर कही ये बात

    हेमंत सोरेन की जमानत के खिलाफ ईडी के सुप्रीम कोर्ट जाने पर उन्होंने कहा कि ईडी को जहां जाना है जाए, हेमंत बेदाग रहेंगे। पांच महीने तक हेमंत को जेल में रखने के बाद भी ईडी उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं दे पाई। ऐसे में सर्वोच्च न्यायालय भी उच्च न्यायालय के निर्णय को बरकार रखेगा।

    चमरा लिंडा का निलंबन हो सकता है वापस

    झामुमो पार्टी लाइन से इतर जाकर कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़नेवाले विधायक चमरा लिंडा का पार्टी से निलंबन वापस हो सकता है।

    मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा झारखंड विधानसभा में लाए गए विश्वास प्रस्ताव के समर्थन में खड़े रहने का उपहार उन्हें निलंबन वापसी के रूप में मिल सकता है। पार्टी के प्रवक्ता हेमलाल मुर्मू ने मंगलवार को इसके संकेत दिए हैं।

    लोबिन हेंब्रम का क्या होगा?

    एक अन्य बागी विधायक लोबिन हेंब्रम के बारे में उन्होंने कहा कि इनका मामला स्पीकर कोर्ट में चला गया है। इसे लेकर पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन और लोबिन दोनों को नोटिस हुआ है, इसलिए इस मामले में अब स्पीकर कोर्ट के फैसले के बाद ही हो सकेगा।

    बता दें कि लगातार बागी रूख अपनाए रखने वाले लोबिन ने झामुमो प्रत्याशी के खिलाफ ही चुनाव लड़ा था। हालांकि, विश्वास मत के दौरान वे भी समर्थन में खड़े थे।

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