Jharkhand Chunav 2024: झामुमो-भाजपा के बीच जुबानी जंग तेज! BJP के 'मिला क्या' के जवाब में JMM का 'कब मिलेगा' कैंपेन
Jharkhand Elections 2024 झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने बीजेपी के मिला क्या अभियान के जवाब में कब मिलेगा कैंपेन शुरू किया है। इस अभियान के जरिए JMM केंद्र सरकार से राज्य से जुड़े प्रमुख मुद्दों पर सवाल उठाएगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हाल ही में केंद्र सरकार से कोयला रायल्टी का 1.36 लाख करोड़ रुपये बकाया का मामला उठाया है।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए भाजपा राज्य में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के चुनावी वादों पर सवाल उठा रही है। 'मिला क्या' टैगलाइन से यह अभियान जारी है।
झामुमो के रणनीतिकारों ने इसपर पलटवार के लिए 'कब मिलेगा' अभियान आरंभ करने का निर्णय किया है। इसके जरिए झामुमो की केंद्रीय समिति झारखंड से जुड़े प्रमुख मुद्दे उठाकर केंद्र सरकार के तरफ सवाल उछालेगी। इससे भाजपा भी निशाने पर आ जाएगी।
केंद्र सरकार की राज्य को लेकर अनदेखी इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है। इससे भाजपा के अभियान पर भी पलटवार हो सकेगा। हाल ही में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार से कोयला रायल्टी का 1.36 लाख करोड़ रुपये बकाया का मामला उठाया है।
उन्होंने इस संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र भी प्रेषित किया है। इसमें उन्होंने उल्लेख किया है कि बकाया राशि नहीं मिलने से राज्य का विकास बाधित हो रहा है। इससे विविध कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने में भी परेशानी हो रही है।
इस संदर्भ में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की नौ सदस्यीय खंडपीठ के निर्णय का भी हवाला दिया है, जिसमें कहा गया है कि खनन और रायल्टी शुल्क वसूलने का अधिकार राज्य को है।
यह भी कहा गया है कि रायल्टी टैक्स नहीं है और इसपर कोई सीमा नहीं लगाई जा सकती। प्रधानमंत्री अपने स्तर से इसमें हस्तक्षेप करें। जबतक पूरी राशि का भुगतान नहीं हो जाता, तबतक कोल इंडिया और उसकी सहायक कंपनियों को ब्याज राशि का भुगतान राज्य सरकार को करना चाहिए।
भाजपा नेता क्यों नहीं उठाते झारखंड के असली मुद्दे: झामुमो
झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता विनोद पांडेय ने कहा कि भाजपा के नेताओं को राज्य के हित से जुड़े मुद्दों को उठाना चाहिए।
लोकसभा में भाजपा के नौ सांसद हैं। वे कभी दिल्ली पर इसके लिए दबाव नहीं बनाते। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राज्य हित के मुद्दों पर कोई समझौता नहीं करेंगे।
भाजपा का पूरा तंत्र और अभियान झूठ, भ्रम और नफरत पर आधारित है। इनके नेताओं को झारखंड के हित की कोई चिंता नहीं है। समाज में नफरत फैलाने की इनकी राजनीति लोग समझ चुके हैं। निराशा और बौखलाहट में इनके नेता घुसपैठ-घुसपैठ चिल्ला रहे हैं।
राज्य की चिंता होती तो ये कोल कंपनियों की रायल्टी का बकाया भुगतान के लिए केंद्र सरकार के समक्ष दबाव बनाते। झारखंड के विकास से इनका कोई लेना-देना नहीं है। इन्हें सपने में भी सिर्फ हेमंत सोरेन ही दिखते हैं।
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