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    Jharkhand: झामुमो का बाबूलाल पर पलटवार, कहा- बाबूलाल मरांडी दबाव में भाजपा में हुए शामिल

    By Pradeep singhEdited By: Yashodhan Sharma
    Updated: Sat, 26 Aug 2023 01:38 AM (IST)

    दुमका में हाल ही में भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी द्वारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर जमीन संबंधी आरोप लगाने के बाद सत्तारूढ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने शुक्रवार को पलटवार किया। मोर्चा मुख्यालय में महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने आरोप लगाया कि बाबूलाल मरांडी के करीबियों की कंपनी ने संताल परगना में करोड़ों की जमीन ली। ईडी यह पता लगाए कि संथाल परगना बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड किसकी कंपनी है।

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    झामुमो का बाबूलाल पर पलटवार, कहा- बाबूलाल मरांडी दबाव में भाजपा में हुए शामिल

    राज्य ब्यूरो, रांची: झारखंड के दुमका में हाल ही में भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी द्वारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर जमीन संबंधी आरोप लगाने के बाद सत्तारूढ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने शुक्रवार को पलटवार किया।

    मोर्चा मुख्यालय में महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने आरोप लगाया कि बाबूलाल मरांडी के करीबियों की कंपनी ने संताल परगना में करोड़ों की जमीन ली।

    संथाल परगना बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड किसकी?

    ईडी यह पता लगाए कि संथाल परगना बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड किसकी कंपनी है। 2005 में 25 नवंबर को एक कंपनी संथाल परगना बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड होती है।

    इसका पता एमआइजी हरमू हाउसिंग कॉलोनी का है। इसमें तीन डायरेक्टर हैं। रामिया मरांडी जो बाबूलाल मरांडी के भाई छोटू मराडी के पुत्र हैं। लालिमा तिवारी उनके करीबी सुनील तिवारी की पत्नी हैं।

    मिहिजाम के योगेंद्र तिवारी हैं। इनका मुख्य पेशा जमीन की खरीद-फरोख्त का है। इस कंपनी की पूंजी कहां से आई, यह आजतक पता नहीं है।

    इसका स्त्रोत पता नहीं है। केवल संताल परगना में ही करोड़ों की जमीन खरीदी गई। पूरे राज्य में खरीदी जा रही है। आज भी कंपनी अस्तितत्व में है, सिमडेगा में शराब व्यवसाय इसी के नाम पर है।

    बहुत तथ्य बाबूलाल के खिलाफ हैं

    ईडी, सीबीआई जमीन की जांच कर रही है। यह बाबूलाल मरांडी की सच्चाई है। वे घूम-घूमकर आरोप लगा रहे हैं। दावा किया कि बहुत तथ्य बाबूलाल के खिलाफ हैं। रांची में भी जमीन की हेराफेरी की गई है, ईडी इसे संज्ञान में ले।

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    केवल टारगेट कर आगे नहीं बढ़े। ईडी को बताना पड़ेगा कि ये संथाल परगना बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड पर किसका स्वामित्व है और आज उनके कौन-कौन डायरेक्टर हैं।

    अब आसानी से इन बातों पर पता लगाया जा सकता है। आरोप लगाया कि बाबूलाल मरांडी इसी दबाव में भाजपा में शामिल हुए।

    भाजपा में शामिल होने के बाद सभी चीजें छिप जाती हैं। सुप्रियो ने कहा कि ईडी बगैर समन और पूर्व सूचना के रामेश्वर उरांव के आवास में प्रवेश कर गई, यह गलत है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी परेशान करने की नीयत से ईडी ने समन किया है।