Maiya Samman Yojana: मंईयां सम्मान योजना के पैसे वापस सरकार के खाते में आएंगे! जान लीजिए कैसे
झारखंड के वित्त मंत्री ने कहा कि मंईया सम्मान योजना झारखंड सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है जिसका उद्देश्य राज्य की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। इस योजना के तहत राज्य की 55 लाख बहन-बेटियों को प्रति वर्ष 16 हजार करोड़ रुपये की राशि प्रदान की जाएगी। यह राशि महिलाओं को उनकी जरूरत की चीजें खरीदने में मदद करेगी और राज्य के बाजारों को भी बढ़ावा देगी।

राज्य ब्यूरो, रांची। दैनिक जागरण की 'राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस' में शुक्रवार को झारखंड सरकार के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि मंईयां सम्मान योजना को कुछ लोग रेवड़ी बताते हैं। यह रेवड़ी नहीं है। इस राशि से राज्य की बहन-बेटियां जरूरत का चीज खरीद सकती हैं, जो पहले नहीं खरीद पा रही थी।
उन्होंने बताया कि इस योजना पर प्रति वर्ष 16 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। जो राज्य की 55 लाख बहन-बेटियों को मिलेंगे। यह राशि जब बहन-बेटियों के पास जाएगी तो उक्त राशि राज्य के बाजारों में भी जाएगी, जिसके बाद टैक्स के माध्यम से फिर सरकार के पास लौटेगी। मंईयां योजना के लिए बजट में पैसे की कमी नहीं है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 चुनावी वर्ष रहा। बहुत से विभागों ने आवंटित राशि खर्च नहीं की। वे उक्त राशि 31 मार्च के पहले सरेंडर करते, इसलिए उसी राशि को लेकर मंईयां सम्मान योजना में खर्च किया गया है। आने वाले वित्तीय वर्ष में मंईयां सम्मान योजना के लिए पर्याप्त राशि रहेगी। राज्य के पास पैसे की कोई कमी नहीं है।
वित्त मंत्री ने कहा कि यह योजना केवल पांच साल ही नहीं, यह 15-20 साल या इससे आगे तक चलती रहेगी, इतना संसाधन झारखंड के पास है। राजनीति है, भविष्य में किसी की भी सरकार रहे, झारखंड इतना समृद्ध है कि इसके लिए राशि की कभी कोई कमी नहीं होगी।
देवघर के क्षतिग्रस्त रोप वे व अन्य पर्यटन स्थलों को लेकर सचिव से करेंगे बात
वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि देवघर के क्षतिग्रस्त त्रिकुट रोपवे के शुरू होने से लेकर अन्य पर्यटन स्थलों की व्यवस्था व आगामी योजनाओं पर वे पर्यटन सचिव से वार्ता करेंगे।
उन्होंने कहा कि देवघर उनकी भी प्राथमिकता में है। जागरण की ओर से उन्हें बताया गया कि जब देवघर का रोप वे संचालित हो रहा था, तब प्रति वर्ष 80 लाख रुपये का राजस्व आ रहा था। इसके चालू नहीं होने से आर्थिक नुकसान भी हो रहा है। इसपर मंत्री ने सकारात्मक पहल का आश्वासन दिया है।
बरसाती नदियों को चेकडैम बनाकर जीवित रखने की करेंगे कोशिश
अवैध बालू खनन आदि के चलते राज्य में मिट रहे नदियों के अस्तित्व संबंधित प्रश्न पर वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य में बरसाती नदियों की संख्या अधिक है। ये नदियां बरसात के मौसम में ही अस्तित्व में दिखती हैं और इसके बाद प्राय: सूख जाती हैं। राज्य में खूब बारिश होती है, लेकिन हम पानी नहीं बचा पाते हैं।
इन नदियों के पानी को संरक्षित करने की कोशिश होगी। इसके बेहतर प्रबंधन को लेकर वे जल संसाधन विभाग के सचिव से वार्ता करेंगे। उनकी कोशिश होगी कि इन नदियों पर छोटे-छोटे चेक डैम बनाए जाएं ताकि वर्षा जल का संरक्षण किया जा सके।
भवन तो बना लेते हैं, उसका उपयोग नहीं होना चिंतनीय, सरकार गंभीर
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकारी भवन तो बन जाते हैं, लेकिन उसका उपयोग नहीं होना चिंतनीय है। राज्य सरकार इसपर गंभीर है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी इसपर चिंता जाहिर की है। जिला आपदा राहत कोष की राशि का सदुपयोग हो और पर्याप्त संसाधन रहे, इसपर सरकार गंभीर है।
राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ किया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी संवेदनशील हैं और राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था के प्रति गंभीर भी हैं। सभी जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं में बेहतर सुधार होगा।
चलते बजट सत्र में करेंगे संताल का भ्रमण
वित्त मंत्री ने कहा कि वे चलते बजट सत्र में संताल का भ्रमण करेंगे। उन्होंने बताया कि सरकार के दो महीने के कार्यकाल में कई प्रखंडों का दौरा किया है। संताल अभी अछूता है। वे संताल में भी जाएंगे और वहां के लोगों से मिलेंगे और वहां की समस्याओं को करीब से देखेंगे। कहां किस क्षेत्र में वित्तीय प्रबंधन की आवश्यकता होगी, उसपर लोगों की राय लेंगे और उस अनुरूप सरकार आगे बढ़ेगी।
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