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    Jharkhand SIR: फर्जी दस्तावेज देने वालों पर होगी कार्रवाई, 12 लाख मतदाताओं के नाम कटने की तैयारी

    Updated: Sat, 27 Dec 2025 03:10 PM (IST)

    झारखंड में अगले वर्ष फरवरी में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) होगा। गलत दस्तावेज देने वाले मतदाताओं पर कार्रवाई की जाएगी। अब तक पैरेंटल मैपि ...और पढ़ें

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    फर्जी दस्तावेज देने वालों पर होगी कार्रवाई

    राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड में मतदाता सूची के होने वाले विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान गलत दस्तावेज देने वाले मतदाताओं के विरुद्ध कार्रवाई हो सकती है। झारखंड में एसआईआर अगले वर्ष फरवरी माह में हो सकता है, इसके लिए राज्य में जोर-शोर से तैयारी चल रही है। 

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    फिलहाल वर्तमान मतदाता सूची की वर्ष 2003 की मतदाता सूची से पैरेंटल मैपिंग तथा मतदान केंद्रों की जियो फेंसिंग तथा रेशनलाइजेशन की प्रक्रिया चल रही है। अब तक की पैरेंटल मैपिंग में लगभग 12 लाख मतदाता चिह्नित किए गए हैं, जिनके नाम आवश्यक दस्तावेज जमा नहीं करने पर काटे जा सकते हैं।

    राज्यों के लिए आवश्यक निर्देश जारी

    इधर, भारत निर्वाचन आयोग ने बंगाल सहित अन्य राज्यों में चल रहे एसआईआर के दौरान बड़े पैमाने पर फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर मतदाता पहचान पत्र बनने के मामले आने के बाद राज्यों के लिए आवश्यक निर्देश जारी किए हैं। 

    इसमें कहा गया है कि जिन मतदाताओं को निर्वाचन निबंधन पदाधिकारियों की ओर से नोटिस जारी किया जाएगा, उन्हें निर्धारित दस्तावेज जमा करने होंगे। इसमें पिछली विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया से जुड़ी मैपिंग के प्रमाण भी सम्मिलित हो सकते हैं। 

    दस्तावेज की जांच संबंधित प्राधिकार से कराया जाएगा

    संबंधित मतदाताओं द्वारा दिए गए सभी दस्तावेज बूथ लेवल ऑफिसर ऐप के जरिए अपलोड किए जाएंगे। इसके बाद निर्वाचन निबंधन पदाधिकारी अधिकारी इन दस्तावेज की जांच करेंगे। दस्तावेज की जांच संबंधित प्राधिकार से कराया जाएगा। 

    यह प्रक्रिया जिला निर्वाचन अधिकारी के माध्यम से होगी और ईसीआईनेट में दस्तावेज मिलने के पांच दिनों के भीतर पूरी करनी होगी। यदि कोई दस्तावेज उसी राज्य के किसी अन्य जिले से जारी हुआ है तो उसे ईसीआईनेट के माध्यम से संबंधित जिले के जिला निर्वाचन अधिकारी को भेजा जाएगा। 

    वहां से सत्यापन के बाद दस्तावेज वापस भेजे जाएंगे। अगर दस्तावेज किसी दूसरे राज्य के प्राधिकार से जारी हुआ है तो उसे राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के जरिए संबंधित राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को भेजा जाएगा ताकि तुरंत जांच हो सके।