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    झारखंड विधानसभा: इस मामले में BJP रह गई पीछे, हेमंत सोरेन की 100 प्रतिशत परफॉर्मेंस; कांग्रेस का क्या है हाल?

    Updated: Wed, 11 Dec 2024 11:11 AM (IST)

    Jharkhand Assembly Session झारखंड में सरकार का गठन हो चुका है। अब छठी विधानसभा का पहला सत्र चल रहा है। नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ ग्रहण कराने के बाद विधायी कार्य निपटाए जा रहे हैं। विधानसभा के नए अध्यक्ष का भी चयन हो चुका है। लेकिन अभी तक नेता प्रतिपक्ष नहीं चुना जा सका और इसकी वजह भाजपा है जो कि विधायक दल का नेता नहीं चुन पा रही है।

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    चंपई सोरेन और बाबू लाल मरांडी (जागरण फोटो)

    राज्य ब्यूरो, रांची। Jharkhand Political News Hindi: झारखंड में हेमंत सोरेन 100 की स्ट्राइक रेट से काम कर रहे हैं, वहीं, भाजपा काफी फिसड्डी साबित हो रही है। यहां, सरकार गठन के बाद छठी विधानसभा का पहला सत्र भी शुरू हो गया है। लेकिन इस सत्र में अब तक नेता प्रतिपक्ष नहीं चुना जा सका है, जो कि भाजपा के पाले में है।

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    हेमंत की तरफ से सबकुछ क्लियर

    वहीं हेमंत सोरेन ने सब काम क्लियर कर लिया है। नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ ग्रहण कराने के बाद विधायी कार्य भी निपटाए जा रहे हैं। विधानसभा के नए अध्यक्ष का भी चयन हो चुका है। लेकिन अब नेता प्रतिपक्ष का इंतजार हो रहा है।

    भाजपा अब तक नहीं चुन पाई विधायक दल का नेता

    भाजपा विधायक दल का नेता नहीं चुने जाने के कारण छठी विधानसभा का पहला सत्र बिना नेता प्रतिपक्ष के ही चल रहा है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि पार्टी जल्द ही विधायक दल के नेता का चयन कर लेगी। बता दें कि झारखंड की पांचवी विधानसभा भी लंबे समय तक नेता प्रतिपक्ष के बगैर चली थी।

    उस समय चुनाव परिणाम आने के कुछ दिनों बाद बाबूलाल मरांडी अपनी पार्टी झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) का भाजपा में विलय कर भाजपा में शामिल हो गए थे। भाजपा ने उन्हें विधायक दल का नेता चुना था, लेकिन स्पीकर के न्यायाधिकरण में दल बदल से संबंधित मामला लंबित होने के कारण विधानसभाध्यक्ष ने उन्हें लंबे समय तक नेता प्रतिपक्ष की मान्यता नहीं दी थी।

    इस मुद्दे पर अक्सर सदन में हंगामा होता था। लगभग चार वर्षों बाद भाजपा ने अमर कुमार बाउरी को विधायक दल का नेता चुनते हुए मरांडी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया था। इसके बाद बाउरी नेता प्रतिपक्ष बने थे।

     विधायक दल का नेता चुनना BJP के लिए हो रहा मुश्किल

    भाजपा में नई परिस्थितियों में विधायक दल का नेता किसे चुना जाएगा, यह तय नहीं है। फिलहाल कई नामों को लेकर चर्चा हो रही है और चयन को लेकर पसोपेश की स्थिति है। इसपर निर्णय लेने का जिम्मा राष्ट्रीय नेतृत्व को सौंपा गया है। विधायक दल का नेता चयन करने के पहले विधायकों से विचार-विमर्श किया जाएगा।

    केंद्र से भेजे गए पर्यवेक्षक इसकी घोषणा करेंगे। पार्टी सूत्रों के अनुसार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को नेता घोषित किए जाने की अधिक संभावना है। रांची के विधायक सीपी सिंह भी रेस में बताए जाते हैं। फिलहाल ऐसा लग रहा है कि विधायक दल का नेता घोषित करने की प्रक्रिया में देर हो सकती है।

    विधानसभा में बोलते चंपई सोरेन 

    कांग्रेस की भी BJP जैसी स्थिति

    उधर, कांग्रेस खेमे में भी ऐसी ही स्थिति बनी हुई है। पार्टी के कोटे से राज्य सरकार में चार मंत्री बनाए जा चुके हैं, लेकिन विधायक दल के नेता की अभी तक घोषणा नहीं हुई है। पार्टी में इस पद के कई दावेदार बताए जा रहे हैं। विवाद से बचने के लिए पार्टी फिलहाल नेता चयन की प्रक्रिया को आगे टाल रही है। शीर्ष नेता इसे लेकर मंथन कर रहे हैं।

    कांग्रेस से हो सकती है आधिकारिक घोषणा

    बताया जाता है कि कांग्रेस विधायक दल के नेता के चयन पर सहमति बन चुकी है। संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही इसकी आधिकारिक घोषणा की जाएगी। पोड़ैयाहाट के विधायक प्रदीप यादव कांग्रेस विधायक दल के नए नेता घोषित किए जा सकते हैं। वे कांग्रेस विधायक दल के उपनेता और राज्य सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। वे छठी बार निर्वाचित होकर विधानसभा का सदस्य बने हैं।

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