Jharkhand Weather: झारखंड के इन दो शहरों में शिमला-जम्मू से भी ज्यादा ठंड, दो डिग्री तक लुढ़का पारा; बढ़ने लगी सैलानियों की भीड़
झारखंड के मैक्लुस्कीगंज और कांके के तापमान में गिरावट देखी जा रही है। रविवार को मैक्लुस्कीगंज और कांके शिमला-जम्मू से भी ज्यादा ठंडे रहे। मैक्लुस्कीगंज का न्यूनतम तापमान 2 डिग्री तक पहुंच गया। तापमान में गिरावट के साथ ही मैक्लुस्कीगंज में सैलानियों की भीड़ जुटना भी शुरू हो गई है। यहां रहने वाले लोगों के अनुसार हर साल दिसंबर महीने में यहां सैलानियों का आगमन शुरू हो जा जाता है।

जागरण संवाददाता, रांची। Jharkhand Weather: शीतलहर ने आम जन-जीवन पर व्यापक असर डाला है। रविवार को मैक्लुस्कीगंज और कांके का तापमान शिमला और जम्मू से भी कम रहा। मैक्लुस्कीगंज का तापमान दो डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। वहीं कांके का तापमान 2.4 डिग्री सेल्सियस रहा। दूसरी ओर शिमला का तापमान चार डिग्री और जम्मू का तापमान 11 डिग्री दर्ज किया गया है।
कड़ाके की ठंड का असर आसपास के क्षेत्रों में भी दिख रहा है। राजधानी रांची का तापमान सात डिग्री सेल्सियस पर आ गया। इस बीच शाम होते ही सर्द हवाओं का असर भी देखने को मिल रहा है। सुबह के समय भी देर तक कोहरा छाया रह रहा है।
पिछले पांच दिनों से चल रही सर्द हवाओं व तापमान में गिरावट के कारण मैक्लुस्कीगंज इन दिनों प्रचंड ठंड की चपेट में है। बर्फीली हवाओं के थपेड़ों से शहर में ठंड पूरे शबाब में है, तापमान में लगातार गिरावट आ रही है। अधिकतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।
सैलानी पहुंच रहे मैक्लुस्कीगंज
- ठंड के प्रकोप से कार के छतों, खेत खलिहान, मैदान, झाड़ियों, घर के छप्परों में गिरी ओस की बूंदे बर्फ में तब्दील हो गयी। चारों ओर बर्फ की बिछी चादर का नजारा देखने को मिला।
- मैक्लुस्कीगंज में बर्फ की बिछी चादर को देखने के लिए सैलानियों का आगमन भी होने लगा है, सैलानियों के द्वारा मैक्लुस्कीगंज के गेस्ट हाउस में रहने को लेकर बुकिंग कराई जा रही है।
- मैक्लुस्कीगंज के रहने वाले लोगों ने बताया कि प्रत्येक वर्ष दिसंबर महीने में देश-विदेश से सैलानी यहां पहुंचते हैं और मैक्लुस्कीगंज की वादियों का आनंद उठाते हैं।
- ठंड का प्रभाव यहां के बाजारों पर भी पड़ रहा है। लोग खरीदारी के लिए देर से निकल रहे हैं और शाम होते ही घरों का रुख कर रहे हैं।
- चौक-चौराहे पर प्रशासन द्वारा अलाव की व्यवस्था नहीं किए जाने से राहगीरों व अन्य लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
- आने वाले दिनों में ठंड और बढ़ने की संभावना है। पिछले वर्ष भी दिसंबर महीने में न्यूनतम पारा शून्य डिग्री सेल्सियस से भी नीचे पहुंच गया था।
- बढ़ते ठंड का सबसे ज्यादा असर बच्चों और बुजुर्गों पर देखने को मिल रहा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा बुजुर्गों एवं बच्चों को ठंड से बचने की सलाह दी गयी है।
कृषि और पशुपालन पर असर
कृषि और पशुपालन कार्य भी इस ठंड से प्रभावित हुआ है। किसान पुआल पर जमी ओस को देखकर चिंतित हैं, क्योंकि इसका प्रभाव फसलों और मवेशियों के चारे पर पड़ सकता है। वहीं खेत में लगे आलू और सब्जी के फसलों को भारी नुकसान हो सकता है।
ग्रामीणों ने ठंड से बचाव के लिए प्रशासन से अलाव की व्यवस्था और गर्म कपड़ों के वितरण की मांग की है। यदि तापमान में और गिरावट होती है तो स्थिति और गंभीर हो सकती है।
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