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    Jharkhand Teacher Transfer: पारस्परिक स्थानांतरण का ये नियम बना परेशानी, आवेदन नहीं कर सकेंगे हजारों शिक्षक

    Updated: Mon, 23 Dec 2024 01:47 PM (IST)

    ऐसे शिक्षक जिनका पूर्व में अंतर जिला स्थानांतरण हो चुका है वे पारस्परिक स्थानांतरण के लिए आवेदन नहीं कर सकेंगे। आवेदन करने वाले शिक्षकों को शपथ पत्र में इसकी जानकारी अनिवार्य रूप से देनी होगी। साथ ही पारस्परिक स्थानांतरण के बाद स्थानांतरित जिले में शिक्षक वरीयता का दावा नहीं करेंगे। प्राथमिक माध्यमिक तथा प्लस टू शिक्षकों के लिए ये शर्ते निर्धारित की गई हैं।

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    अंतर जिला स्थानांतरण करने वाले शिक्षकों को नहीं मिलेगा पारस्परिक स्थानांतरण

    राज्य ब्यूरो, रांची। जिन शिक्षकों का पूर्व में अंतर जिला स्थानांतरण हो चुका है, उनका पारस्परिक अंतर जिला स्थानांतरण नहीं होगा। ऐसे शिक्षक जो पारस्परिक स्थानांतरण चाहते हैं, उन्हें शपथ पत्र में इसकी जानकारी अनिवार्य रूप से देनी होगी कि उनका पूर्व में अंतर जिला स्थानांतरण नहीं हुआ है।

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    उन्हें शपथपत्र में इसकी भी जानकारी देनी होगी कि उनका पूर्व में किसी शिक्षक के साथ पारस्परिक स्थानांतरण नहीं हुआ है। इसके अलावा वे भविष्य में भी किसी शिक्षक के साथ पारस्परिक सहमति के आधार पर इस तरह स्थानांतरण नहीं कराएंगे।

    पारस्परिक स्थानांतरण की शर्त

    पारस्परिक स्थानांतरण के लिए यह भी शर्त रखी गई है कि स्थानांतरण के बाद स्थानांतरित जिला में वे वरीयता का दावा नहीं करेंगे। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने प्राथमिक, माध्यमिक तथा प्लस टू शिक्षकों के पारस्परिक स्थानांतरण में ये शर्तें निर्धारित की हैं।

    शिक्षकों के पारस्परिक स्थानांतरण के लिए टीचर्स ट्रांसफर पोर्टल शुरू

    • ट्रांसफर डाट झारखंड डाट जीओवी डाट इन पर ऑनलाइन आवेदन मंगाने शुरू किए हैं।
    • पारस्परिक स्थानांतरण के इच्छुक शिक्षक (दोनों शिक्षक) आपसी सहमति के पत्र के साथ ऑनलाइन आवेदन अगले वर्ष 18 फरवरी तक कर सकते हैं।
    • माध्यमिक शिक्षकों के मामले में जिला शिक्षा पदाधिकारी तथा प्राथमिक शिक्षकों के मामले में जिला शिक्षा अधीक्षक द्वारा 18 मार्च तक ऑनलाइन आवेदनों का सत्यापन किया जाएगा।
    • 18 अप्रैल तक जिला शिक्षा स्थापना समिति में स्थानांतरण का अनुमोदन होगा।

    मई-जून में हो सकता है पारस्परिक स्थानांतरण

    इसके बाद राज्य स्तरीय समिति की स्वीकृति के लिए ऑनलाइन ही आवेदन को भेजा जाएगा। ऑनलाइन आवेदन करने वाले शिक्षकों का पारस्परिक स्थानांतरण मई-जून माह में होने की संभावना है।

    पारस्परिक स्थानांतरण के लिए पूर्व में निदेशालय या जिला स्तर पर ऑफलाइन आवेदन दे चुके शिक्षकों से भी अनिवार्य रूप से ऑनलाइन आवेदन करना होगा।

    क्या है पारस्परिक स्थानांतरण

    पारस्परिक स्थानांतरण के तहत दो शिक्षक आपसी सहमति से अपने-अपने जिला में परिवर्तन करा सकते हैं। जैसे कोई शिक्षक पलामू से रांची आना चाहता है तथा कोई शिक्षक रांची से पलामू जाना चाहता है तो दोनों आपसी सहमति से पारस्परिक स्थानांतरण के लिए आवेदन कर सकते हैं। हालांकि, इसके लिए केवल वही आवेदन कर सकते हैं जिन शिक्षकों ने पहले पारस्परिक स्थानांतरण नहीं किया हो।

    शीतकालीन छुट्टियों को ले्कर शिक्षकों ने खोला मोर्चा

    शीतकालीन छुट्टियों को लेकर चल रहे ऊहापोह की स्थिति के बीच रविवार को राज्य भर के शिक्षकों की एक ऑनलाइन बैठक हुई। बैठक में शिक्षकों ने एक स्वर में कहा है कि विवि प्रशासन को और सजग संवेदनशील बनना है। विवि शिक्षकों को और जजों को देश भर में जो अवकाश दिए जाते हैं उसका उद्देश्य ज्ञान, तथ्यों के संकलन और उनके समयसंगत प्रस्तुति के लिए तैयारी करनी होती है।

    ऐसे कार्यो को करने के लिए दिए जाने वाले अवकाश पर सेंधमारी समझ से परे है। क्या विवि प्रशासन चाहता है कि हम लोग लकीर के फकीर बने रहें। माइक्रोचिप के जमाने मे हम ग्रामफोन ही बने रहें?

    क्या इसी प्रकार हमलोग विश्वगुरु बन सकेंगे? शिक्षकों ने कहा कि विवि शिक्षकों को जो छुट्टी मिलती है वो उनके ईएल के एवज में मिलती है। राजभवन समेत सभी संबधित अधिकारियों तक हमने रिक्वेस्ट डाल दिया है। उम्मीद है कि इसी वर्ष से शीत कालीन अवकाश घोषित किया जा रहा है। यदि ऐसा नहीं होता तो आज शाम कोई अन्य रणनीति घोषित की जाएगी।

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