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झारखंड: बजट का 88 प्रतिशत खर्च करने में सफल रही राज्‍य सरकार, राजस्व वसूली में वाणिज्यकर विभाग का नया रिकॉर्ड

Jharkhand Budget Expenditure राज्य सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष के बजट का लगभग 88 प्रतिशत खर्च करने में सफलता पाई है। यह राशि 88716 करोड़ रुपये है। इसमें और बढ़ोतरी होने की संभावना है। यह आंकड़ा शुक्रवार की शाम सात बजे तक का है।

By Pradeep singhEdited By: Prateek JainPublished: Fri, 31 Mar 2023 11:38 PM (IST)Updated: Fri, 31 Mar 2023 11:38 PM (IST)
झारखंड: बजट का 88 प्रतिशत खर्च करने में सफल रही राज्‍य सरकार, राजस्व वसूली में वाणिज्यकर विभाग का नया रिकॉर्ड
राज्य सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष के बजट का लगभग 88 प्रतिशत खर्च करने में सफलता पाई है।

राज्य ब्यूरो, रांची: राज्य सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष के बजट का लगभग 88 प्रतिशत खर्च करने में सफलता पाई है। यह राशि 88716 करोड़ रुपये है।

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इसमें और बढ़ोतरी होने की संभावना है। यह आंकड़ा शुक्रवार की शाम सात बजे तक का है। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष राज्य सरकार ने 87 प्रतिशत राशि खर्च करने में सफलता पाई थी।

राजस्‍व वसूली वाले विभागों ने किया बेहतर प्रदर्शन

बेहतर वित्तीय प्रबंधन के कारण राजस्व वसूली वाले विभागों ने भी बेहतर प्रदर्शन किया है। वाणिज्यकर विभाग ने राजस्व वसूली में रिकार्ड बनाया है। इसके अलावा परिवहन, खान और उत्पाद एवं मद्यनिषेध ने भी लक्ष्य को पार कर लिया है।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि धन संग्रह से लेकर खर्च को लेकर सरकार ने बेहतर वित्तीय प्रबंधन किया है। बेहतर खर्च के साथ यह वित्तीय वर्ष पूरा होगा।

खर्च का पूरा आकलन तो बाद में मिल पाएगा, लेकिन अबतक के बेहतर प्रदर्शन के साथ यह वित्तीय वर्ष गुजरेगा। इस वित्तीय वर्ष में कई चीजें आई। अपने काम में उन बाधाओं को नहीं आने दिया।

सारा काम सुचारू रूप से चला। नियुक्ति के लिए भी नई परिपाटी मिलेगी। विपक्ष ने बच्चों का भविष्य खराब करने का षड्यंत्र किया था, उसे हमने विफल कर दिया। हम षड्यंत्र ने कभी घबराएं और न ही कभी रूके। इन बाधाओं से सीखने और काम करने का जुनून मिलता है।

कब कितना खर्च

वित्तीय वर्ष - संशोधित प्राक्कलन - वास्तविक खर्च - प्रतिशत

2022-23 - 1,00,649 करोड़ - 88716 करोड़ - 88 प्रतिशत

2021-22 - 89208 करोड़ - 77865 करोड़ - 87 प्रतिशत

2020-21 - 80007 करोड़ - 73854 करोड़ - 92 प्रतिशत

2019-20 - 84914 करोड़ - 70732 करोड़ - 83 प्रतिशत

2018-19 - 80623 करोड़ - 65888 करोड़ - 82 प्रतिशत

2017-18 - 76044 करोड़ - 67706 करोड़ - 89 प्रतिशत

किन विभागों का खर्च कितना प्रतिशत - राशि - प्रतिशत

कृषि पशुपालन एवं सहकारिता - 2422.88 करोड़ - 77 प्रतिशत

कैबिनेट सचिवालय एवं निगरानी - 198.55 करोड़ - 85 प्रतिशत

विधि विभाग - 601.34 करोड़ - 83 प्रतिशत

उच्च एवं तकनीकी शिक्षा - 177.52 करोड़ - 91 प्रतिशत

मंत्रिमंडल निर्वाचन - 136.12 करोड़ - 94 प्रतिशत

उत्पाद एवं मद्यनिषेध - 80.59 करोड़ - 90 प्रतिशत

राज्यपाल सचिवालय - 11,52 करोड़ - 74 प्रतिशत

सूचना एवं जनसंपर्क - 211.51 करोड़ - 95 प्रतिशत

विधानसभा - 107.52 करोड़ - 82 प्रतिशत

ग्रामीण विकास - 4902.29 करोड़ - 91 प्रतिशत

शहरी विकास एवं आवास - 2648.80 करोड़ - 87 प्रतिशत

महिला, बाल विकास - 5758.71 करोड़ - 86 प्रतिशत

पेयजल एवं स्वच्छता - 2125.59 करोड़ - 97 प्रतिशत

परिवहन विभाग - 213.03 करोड़ - 77 प्रतिशत

श्रम नियोजन - 569.68 करोड़ - 95 प्रतिशत

वित्त विभाग - 19702.47 करोड़ - 90 प्रतिशत

वन विभाग - 1018.44 करोड़ - 100 प्रतिशत

कल्याण विभाग - 2960.06 करोड़ - 85 प्रतिशत

कार्मिक विभाग - 96.11 करोड़ - 78 प्रतिशत

स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता - 10257.50 करोड़ - 92 प्रतिशत

पर्यटन कला संस्कृति, खेलकूद - 221.47 करोड़ - 65 प्रतिशत

गृह विभाग - 7417.27 करोड़ - 84 प्रतिशत

जल संसाधन - 1761.32 करोड़ - 96 प्रतिशत

वाणिज्यकर - 116.17 करोड़ - 85 प्रतिशत

ऊर्जा विभाग - 7559.44 करोड़ - 94 प्रतिशत

पथ निर्माण - 3582.73 करोड़ - 91 प्रतिशत

स्वास्थ्य विभाग - 5139.12 करोड़ - 89 प्रतिशत

भूमि सुधार, निबंधन - 731.76 करोड़ - 78 प्रतिशत

खाद्य आपूर्ति - 1486.49 करोड़ - 85 प्रतिशत

खान विभाग - 40.06 करोड़ - 60 प्रतिशत

उद्योग विभाग - 350.21 करोड़ - 81 प्रतिशत

योजना एवं विकास - 207.89 करोड़ - 98 प्रतिशत

ग्रामीण कार्य - 1720.92 करोड़ - 80 प्रतिशत

पंचायती राज - 1746.05 करोड़ - 64 प्रतिशत

कब कितना राजस्व आया

2022-23 - 88120.85 करोड़

2021-22- 80853.46 करोड़

2020-21 - 73853.46 करोड़

2019-20 - 70731.69 करोड़

2018-19 - 65456.27 करोड़

2017-18 - 67704.29 करोड़


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