झारखंड के सरकारी स्कूलों को निर्देश, 14 अगस्त को दिशोम गुरु शिबू सोरेन को विशेष श्रद्धांजलि
झारखंड के स्कूली शिक्षा विभाग ने 14 अगस्त को सरकारी विद्यालयों में दिशोम गुरु शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि देने के निर्देश जारी किए। माल्यार्पण मौन चित्र प्रदर्शन और प्रेरक सत्र आयोजित होंगे। DSE और DEO फोटोग्राफी-वीडियोग्राफी सुनिश्चित करेंगे। यह आयोजन उनकी स्मृति और झारखंड के लिए उनके योगदान को सम्मानित करेगा।

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने 14 अगस्त को सभी सरकारी विद्यालयों में दिशोम गुरु शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
झारखंड आंदोलन के प्रणेता और पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन की स्मृति को सम्मान देने और उनकी विरासत को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए यह आयोजन किया जा रहा है।
विभाग ने सभी जिला शिक्षा अधीक्षकों (DSE) और जिला शिक्षा अधिकारियों (DEO) को इन निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने का आदेश दिया है।
आयोजन के प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं:
- श्रद्धांजलि सभा: सभी सरकारी विद्यालयों में सुबह की प्रार्थना सभा के बाद छात्र-छात्राएं और शिक्षक एकत्र होंगे। दिशोम गुरु के चित्र पर माल्यार्पण या पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी जाएगी, जिसके बाद एक मिनट का मौन रखा जाएगा।
- चित्र प्रदर्शन: श्रद्धांजलि के बाद, शिबू सोरेन का चित्र विद्यालय परिसर में सुरक्षित और सम्मानजनक स्थान पर दीवार पर प्रदर्शित किया जाएगा, ताकि उनकी स्मृति जीवंत रहे।
- प्रेरक सत्र: सभा में पूर्ण अनुशासन और शिष्टाचार का पालन होगा। प्राचार्य, प्रभारी प्राचार्य या शिक्षक द्वारा छात्रों को शिबू सोरेन की जीवनी, उनके संघर्ष, आदिवासी अस्मिता के लिए प्रयास और झारखंड राज्य निर्माण में उनके योगदान की प्रेरक कहानियां सुनाई जाएंगी।
- दस्तावेजीकरण: सभी विद्यालयों को कार्यक्रम की उच्च गुणवत्ता वाली फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी करने के निर्देश दिए गए हैं। यह सामग्री विभाग के मुख्यालय को भेजी जाएगी।
- अधिकारियों की जिम्मेदारी: सभी DSE और DEO यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके जिलों के विद्यालयों से गुणवत्तापूर्ण दृश्य-श्रव्य सामग्री एकत्र हो और उसे विभाग को उपलब्ध कराया जाए।
शिबू सोरेन, जिन्हें झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक और आदिवासी समाज के प्रेरणास्रोत के रूप में जाना जाता है, ने छह दशकों तक सामाजिक शोषण के खिलाफ और झारखंड के लिए संघर्ष किया।
उनकी मृत्यु 4 अगस्त 2025 को दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में हुई, जिसके बाद पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ गई थी।
यह आयोजन उनकी स्मृति को श्रद्धांजलि और उनके आदर्शों को छात्रों तक पहुंचाने का एक अनूठा प्रयास है। विभाग ने सभी विद्यालयों से इस आयोजन को गरिमामय और अनुशासित ढंग से संपन्न करने की अपील की है।
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