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    कांग्रेस में असंतुष्ट नेताओं की वापसी की तैयारी, दुर्गा पूजा के बाद होगा पार्टी का विस्तार

    Updated: Tue, 16 Sep 2025 02:35 PM (IST)

    कांग्रेस पार्टी असंतुष्ट नेताओं को वापस लाने के लिए एक विशेष अभियान शुरू करने की योजना बना रही है। संगठन से दूर हो चुके नेताओं को फिर से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है खासकर वे जो नाराजगी के बावजूद अन्य दलों में शामिल नहीं हुए। पूर्व विधायक उमाशंकर अकेला सहित कई नेताओं ने वापसी के लिए आवेदन किया है।

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    पार्टी से विमुख लोगों को वापस लाएगी कांग्रेस, विस्तार दुर्गा पूजा के बाद

    राज्य ब्यूरो, रांची। प्रदेश में कांग्रेस से नाराज चल रहे जिलास्तर के नेताओं की वापसी के लिए विशेष अभियान चल सकता है। पार्टी इसकी तैयारियों में जुटी है और किन्हीं कारणों से संगठन से दूर हो चुके लोगों को जोड़ने के मकसद से उन्हें पार्टी में बुलाने की तैयारियां जारी हैं। संगठन सृजन कार्यक्रम के समापन के बाद ऐसे लोगों को वापस लाने के लिए कार्यक्रम चलाया जाएगा।

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    पार्टी को मजबूत करने की कवायद के तहत यह कार्यक्रम चलाया जाएगा। इनमें उन लोगों को खास तौर पर लाने की तैयारी है जो पार्टी से नाराजगी के बावजूद दूसरे दलों में नहीं जाकर अपने क्षेत्र में स्वयं सक्रिय हैं। इसके बाद उन्हें वापस लाया जाएगा जो किन्हीं कारणों से दूसरे दलों में चले गए हैं।

    पार्टी छोड़कर गए कई नेताओं ने वापसी के लिए आवेदन दे रखे हैं और इन आवेदनों पर इसी आयोजन के तहत विचार किया जाएगा। जिन प्रमुख लोगों का आवेदन पार्टी के पास पहुंच चुका है उनमें पूर्व विधायक उमाशंकर अकेला का नाम प्रमुख तौर पर है। उन्हें कई बार सीनियर नेताओं से स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी मिलवा चुके हैं।

    इसके अलावा लातेहार के जिलाध्यक्ष मुनेश्वर उरांव, प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष रह चुके मानव सिन्हा, प्रोफेशनल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके आदित्य विक्रम जायसवाल आदि नेताओं को वापस लाने पर विचार किया जा रहा है। झारखंड में पार्टी को मजबूत करने की कवायद के तहत इन नेताओं की घर वापसी हो सकती है।

    इसके अलावा पार्टी से नाराज लोगों को मनाने का सिलसिला भी चलेगा। नई कमेटी के नेतृत्व में टीम को सौंपी जाएगी कहीं अधिक जिम्मेदारियां। हालांकि, कोई बदलाव अब दुर्गा पूजा के बाद ही होगा। पार्टी पुराने कार्यकर्ताओं को और अधिक मौका देना चाहती है, ताकि जमीन स्तर पर पार्टी की स्थिति मजबूत हो।