Jharkhand News: कमल खिलाने के लिए मैदान में उतरेंगे BJP के पूर्णकालिक विस्तारक, बाबूलाल ने सौंपी बाइक की चाबी
झारखंड में आगामी लोकसभा चुनाव में सभी 14 सीटों पर जीत का लक्ष्य तय कर भाजपा आगे बढ़ रही है। फिलहाल भाजपा के पास 11 और उसकी सहयोगी आजसू पार्टी के पास एक यानी कुल मिलाकर 12 सीटें है। अगले लोकसभा चुनाव में कोशिश की जा रही है कि बाकी बचे उन दो सीटों को भी अपनी झोली में डाला जाए।

प्रदीप सिंह, रांची: झारखंड में आगामी लोकसभा चुनाव में सभी 14 सीटों पर जीत का लक्ष्य तय कर भाजपा आगे बढ़ रही है। फिलहाल भाजपा के पास 11 और उसकी सहयोगी आजसू पार्टी के पास एक यानी कुल मिलाकर 12 सीटें है।
अगले लोकसभा चुनाव में कोशिश की जा रही है कि बाकी बचे उन दो सीटों को भी अपनी झोली में डाला जाए, जो पिछले लोकसभा चुनाव में विरोधियों के पाले में चले गए हैं। इन दो सीटों में राजमहल और चाईबासा शामिल है।
इन दो सीटों को जीतना भाजपा का लक्ष्य
राजमहल सीट सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा के पास है। यहां से विजय हांसदा ने जीत दर्ज की थी। चाईबासा सीट कांग्रेस के पास है। यहां से राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा सांसद हैं। गीता कोड़ा झारखंड प्रदेश कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं।
उन्होंने अपने पति मधु कोड़ा की राजनीतिक विरासत को संभाल रखा है। लोकसभा चुनाव में भाजपा का लक्ष्य फिलहाल ये दोनों सीटें हैं, जिसे जीतकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक बार फिर प्रधानमंत्री बनाने के पार्टी के लक्ष्य में योगदान करना है।
राज्य में भाजपा का चुनावी तालमेल आजसू पार्टी के साथ है। इस मुहिम को अंजाम तक पहुंचाने के लिए भाजपा ने विस्तारकों की फौज को चुनाव मैदान में उतारा है।
फिलहाल 12 विस्तारकों की टीम मैदान में होगी। इनकी तैनाती राजमहल के छह और चाईबासा के छह विधानसभा क्षेत्रों में होगी।
इन्हें क्षेत्र में पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने समेत तमाम रणनीतिक जिम्मेदारी दी गई है। इनका काम आसान नहीं होगा। विस्तारक लगातार क्षेत्र में भ्रमण कर उन तमाम कील-कांटों को दुरुस्त करेंगे जो जीत की राह में बाधा बनकर खड़े हैं, ताकि समय रहते पार्टी इन खामियों को दूर करे सके।
सभी 81 विधानसभा क्षेत्रों में तैनाती, बाइक से करेंगे भ्रमण
पहली कड़ी में 12 विस्तारकों की तैनाती के बाद अगले चरण की भी तैयारी चल रही है। योजना इस स्तर पर है कि सभी 81 विधानसभा क्षेत्रों में विस्तारकों की फौज तैनात की जाए। इन विस्तारकों को क्षेत्र में भ्रमण के लिए मोटर बाइक दी गई है।
ये कार्यकर्ताओं के भरोसे ही रहेंगे, यानी इनके आवास सहित भोजन व अन्य सुविधाओं की चिंता संबंधित क्षेत्र के कार्यकर्ता करेंगे। कार्यकाल चुनाव तक होगा। अगर लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा चुनावों की नौबत आई तो इनकी तैनाती में तेजी आएगी। राज्य के सभी 81 विधानसभा क्षेत्रों में इन्हें भेजा जाएगा।
वैचारिक घुट्टी है इनकी शक्ति, संघ विचार परिवार के योद्धा
भाजपा के विस्तारकों को हाल ही में पटना में वैचारिक प्रशिक्षण दिया गया है। दो दिवसीय प्रशिक्षण में उन्हें बताया गया है कि किस प्रकार क्षेत्र में सांगठनिक कार्य करना है, ताकि लक्ष्य को पाया जा सके। निचले स्तर तक पैठ के साथ-साथ उन खामियों को इससे दूर करने में मदद मिलेगी, जिसके कारण पार्टी को झटका लगने की संभावना है।
ये राज्य स्तर पर सीधे क्षेत्रीय संगठन महामंत्री और प्रदेश संगठन मंत्री को रिपोर्ट करेंगे। इन विस्तारकों में भाजपा के साथ-साथ संघ विचार परिवार के कार्यकर्ता शामिल हैं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के विभिन्न आनुषांगिक संगठनों के कार्यकर्ताओं को भी उनकी रूचि के अनुसार रणनीतिक तौर पर उनकी इच्छा के अनुरूप इस मिशन में लगाया गया है। आरएसएस में पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं की बड़ी महता है।
ये आजीवन अविवाहित रहकर विविध क्षेत्र मे काम करते हैं। संघ का वैश्विक स्तर तक फैला कार्य इनके बूते धरातल पर नजर आता है। संघ दो साल के बाद अपने स्थापना का शताब्दी समारोह मनाएगा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विचार परिवार के कार्यकर्ता राजनीति समेत जीवन के अधिकांश क्षेत्रों में सक्रिय हैं।
प्रत्याशियों के चयन में भी प्राथमिकता
विस्तारकों की तैनाती भाजपा आलाकमान की रणनीति का अहम हिस्सा है। यही वजह है कि इनकी रिपोर्ट महत्वपूर्ण होगी। आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रत्याशियों के चयन में भी इनकी महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
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